गौतम गंभीर मानहानि केस में दिल्ली HC ने कहा- पब्लिक फिगर को मोटी चमड़ी वाला होना चाहिए, जजों के लिए भी ये लागू

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BP Shrivastava
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गौतम गंभीर मानहानि केस में दिल्ली HC ने कहा- पब्लिक फिगर को मोटी चमड़ी वाला होना चाहिए, जजों के लिए भी ये लागू

NEW DELHI. दिल्ली हाईकोर्ट ने बुधवार (17 मई) को क्रिकेटर से सांसद बने गौतम गंभीर की मानहानि के मामले में पंजाब केसरी प्रबंधन संस्थान को नोटिस जारी किया। पंजाब केसरी ने गंभीर पर कुछ आर्टिकल प्रकाशित किए थे। गंभीर ने इन आर्टिकल्स को झूठा और अपमानजनक बताते हुए इस अखबार के खिलाफ हाईकोर्ट में दो करोड़ रुपए का मानहानि का केस किया है। गंभीर ने कोर्ट से मांग की थी कि अखबार उनसे बिना शर्त के लिखित में माफी मांगे। इस पर कोर्ट ने कहा कि जनप्रतिनिधि को इतना संवेदनशील नहीं होना चाहिए। सार्वजनिक क्षेत्र में मौजूद लोगों को मोटी चमड़ी वाला होना चाहिए। आज कल जजों को भी मोटी चमड़ी का होना चाहिए।



अंतरिम राहत देने से कोर्ट का इनकार



गौतम गंभीर ने इस मामले में अंतरिम राहत देने की भी मांग की। इस पर जस्टिस चंदेर धारी सिंह की बेंच ने उनकी अपील पर अखबार को नोटिस जारी कर दिया। हालांकि, कोर्ट ने गंभीर को अंतरिम राहत देने से इनकार कर दिया। कोर्ट ने कहा कि आज वे इस मामले में कोई अंतरिम आदेश जारी नहीं करेंगे। हालांकि, कोर्ट ने कहा कि ये मामला विचार करने लायक है।



गंभीर के वकील बोले- इमेज खराब करने की कोशिश



गौतम गंभीर के वकील जय अनंत ने कहा कि प्रतिवादी (न्यूजपेपर और उसके प्रतिनिधि) गंभीर को निशाना बना रहे हैं। पंजाब केसरी ने गंभीर को लेकर अब तक सात से ज्यादा आर्टिकल छाप दिए। वकील ने कहा कि ये आर्टिकल बेहद दुर्भावनापूर्ण हैं। उन्होंने कहा कि ऐसा लगता है कि गंभीर की इमेज को खराब करने के लिए अखबार ये जानबूझकर कर रहा है।



न्यूजपेपर की दलील, गंभीर सांसद भी हैं



दूसरी ओर न्यूजपेपर की तरफ से सीनियर एडवोकेट राजशेखर राव अदालत में पेश हुए। उन्होंने कहा कि, कठिनाई यह है कि वादी ने सांसद बनने का फैसला किया। उन्होंने दो नावों में यात्रा करने का फैसला किया है। वह सिर्फ हमारे अखबार को लेकर ही इतना संवेदनशील है, अन्य पब्लिकेशंस के लिए क्यों नहीं? हालांकि, राजशेखर राव ने इस बात को जरूर माना कि आर्टिकल में लिखे गए कुछ शब्द गलत हैं। उनकी जगह बेहतर शब्दों का इस्तेमाल किया जा सकता था।



इस आर्टिकल से शुरू हुआ विवाद



गौतम गंभीर और न्यूजपेपर के बीच यह विवाद नवंबर 2022 से शुरू हुआ। अखबार ने गंभीर को लेकर एक आर्टिकल पब्लिश किया था जिसमें कहा गया था कि गौतम बतौर सांसद अपने निर्वाचन क्षेत्र से अक्सर गायब ही रहते हैं। सांसद को कभी-कभार ही टीवी स्क्रीन पर देखा जाता है।



गंभीर ने कहा- आईपीएल के नियमों का पालन करना था



गंभीर की तरफ से इसके जवाब में कहा गया कि, वह इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) का हिस्सा हैं। ऐसे में उन्हें लीग की तरफ से बनाए गए सुरक्षा नियमों का पालन करना था। इसमें ज्यादा मेल-जोल नहीं कर सकते। मीडिया हाउस ने केवल अपनी बोलने और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का दुरुपयोग किया है।


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