NEW DELHI. दिल्ली एलजी वीके सक्सेना ने आम आदमी पार्टी से 97 करोड़ रुपये की वसूली का आदेश दिया है। यह आदेश राजनीतिक विज्ञापनों को सरकारी विज्ञापन के रूप में प्रकाशित करने के लिए दिया गया है। एलजी ने इस भुगतान के लिए दिल्ली की आप सरकार को 15 दिन का वक्त दिया है। दिल्ली के एलजी वीके सक्सेना का यह आदेश सुप्रीम कोर्ट के 2015 के आदेश, दिल्ली हाईकोर्ट के 2016 के आदेश और 2016 के ही कमेटी ऑन कंटेंट रेग्यूलेशन इन गवर्मेंट एडरवरटाइजिंग (सीसीआरजीए) के आदेश के मद्देनजर आया है। आरोप है कि दिल्ली की आम आदमी पार्टी सरकार ने आदेशों का उल्लंघन किया जा रहा है।
बीजेपी का दिल्ली सरकार पर निशाना
एलजी के आदेश के बाद दिल्ली बीजेपी ने अरविंद केजरीवाल को जनता के पैसे से अपना प्रचार करने वाला नेता बताया है। पार्टी ने कहा है कि जनता के पैसे से अपनी इमेज चमकाने के कारण ही केजरीवाल अब तक दिल्ली की जनता को साफ पानी तक मुहैया नहीं करा सके। पार्टी ने मांग की है कि अरविंद केजरीवाल को जनता का यह पैसा तुरंत सरकार के खजाने में जमा कराना चाहिए।
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दिल्ली प्रदेश बीजेपी के अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने 20 दिसंबर को एक प्रेस कान्फ्रेंस में कहा कि इस मामले के सामने आने के बाद साफ हो गया है कि अरविंद केजरीवाल जनता के पैसे से अपना चेहरा चमकाने की कोशिश कर रहे थे। इस मामले में बार-बार सरकार से प्रश्न किया गया, लेकिन वह इस पर कोई जवाब देने से बचती रही। इसी से समझ आता है कि सत्ता में आने के 7 साल बाद भी सरकार लोगों को साफ पानी तक क्यों उपलब्ध नहीं करा पाई।
बीजेपी सांसद मनोज तिवारी ने कहा कि सर्वोच्च न्यायालय के द्वारा गठित कमेटी CCRGA ने अरविंद केजरीवाल को 97 करोड़ रुपये सरकार के खजाने में जमा करने के लिए कहा है। यह मामला मार्च 2017 तक के लिए ही है, लेकिन तब से अब तक लगभग पांच साल बीत चुके हैं और इस दौरान भी केजरीवाल सरकार लगातार जनता के पैसे से अपना प्रचार करती रही। उन्होंने कहा कि इस मामले पर भी जांच होनी चाहिए कि केजरीवाल ने अब तक जनता का कितना पैसा अपने निजी प्रचार पर खर्च किया। इसे जनता को वापस किया जाना चाहिए। नेता प्रतिपक्ष रामवीर सिंह बिधूड़ी ने कहा कि 2013 के पहले तक दिल्ली की सरकारें अपने प्रचार पर 18 करोड़ रुपये वार्षिक तक ही खर्च करती थीं, लेकिन केजरीवाल के सत्ता में आने के बाद यह राशि बढ़कर लगभग 600 करोड़ रुपये तक हो गई। सरकार ने इस साल इससे भी ज्यादा राशि विज्ञापन पर खर्च करने की योजना बनाई है।