NEW DELHI. 250 वार्डों वाली दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) चुनाव के नतीजे आ चुके हैं। यहां आम आदमी पार्टी को बड़ी जीत (134 वार्ड) मिली है। दिल्ली नगर निगम के दायरे में करीब 2 करोड़ लोग आते हैं। ये आंकड़ा इसे दुनिया की सबसे बड़ी नगर निगम बनाता है। मध्य प्रदेश का इंदौर सफाई में छक्का लगा चुका है यानी सफाई के मामले में इंदौर 6 साल से देश में टॉप पर काबिज है। इसके पीछे काफी हद तक श्रेय इंदौर नगर निगम को जाता है। इंदौर नगर निगम के दायरे में 20 लाख लोग आते है।
इंदौर-दिल्ली में बड़ा अंतर, लेकिन बाजी मार रहा मप्र का शहर
इंदौर और दिल्ली नगर निगमों के बजट में भी काफी अंतर है। तीनों नगर निगम एक होने के बाद एमसीडी ने 2022-23 के लिए 15 हजार 276 करोड़ रुपए का बजट जारी किया था। वहीं, इंदौर नगर निगम ने 2022-23 के लिए 7 हजार 262 करोड़ रुपए यानी एमसीडी से आधा बजट रखा है। इसके बावजूद इंदौर लगातार 6 बार से नगर निगम देश में नंबर-1 है। नगर निगमों की इंडेक्स रैंकिंग में इंदौर का स्कोर 66.08 रहा था, जो देश में सबसे ज्यादा थी। इंदौर को ये रैंकिंग 10 लाख से ज्यादा आबादी वाले शहरों के इंडेक्स पर मिली थी।
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वहीं, दक्षिणी दिल्ली नगर निगम का स्कोर 46, पूर्वी दिल्ली का 40.79 और उत्तरी दिल्ली का 37.66 रहा था। इंडेक्स में दक्षिणी दिल्ली 28वें, पूर्वी दिल्ली 42वें और उत्तरी दिल्ली 48वें नंबर पर थी। इंदौर नगर निगम को यह रैंकिंग पब्लिक सर्विस डिलीवरी, नगर निगम द्वारा संचालित की चलाई जा रही विकास कार्यों की योजनाएं, स्वास्थ्य, शिक्षा और नगर निगम द्वारा तय किए गए विभिन्न टैक्सों की रिकवरी पर जो पैसा आया, उसका इस्तेमाल जनहित में खर्च किए जाने पर मिली थी। वहीं दिल्ली नगर निगम इन सभी मुद्दों पर पिछड़ी थी।
इसलिए नंबर 1 है इंदौर
- 1900 टन कचरा रोज निकल रहा है, फिर भी इंदौर देश की पहला कचरा मुक्त शहर है।