NEW DELHI. दिल्ली सेवा बिल को आज केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह राज्यसभा में पेश करेंगे।इसे लेकर आम आदमी पार्टी और कांग्रेस ने अपनी अपनी पार्टी के सदस्यों को व्हिप जारी किया है। जिसमें उन्हें 7 और 8 अगस्त को सदन में उपस्थित रहने के लिए कहा गया है। आप ने अपने सदस्यों से व्हिप में कहा है कि राज्यसभा में आम आदमी पार्टी के सभी सदस्य दोनों दिन सदन में आवश्यक रूप से मौजूद रहें और पार्टी के रुख का समर्थन करें। इससे पहले इस बिल को लोक सभा में हरी झंडी मिल चुकी है।
कांग्रेस ने 4 अगस्त को किया व्हिप जारी
दिल्ली सेवा बिल पर आप का समर्थन कर रही कांग्रेस ने भी अपने राज्यसभा सांसदों को सोमवार, 7 अगस्त को उपस्थित रहने के लिए तीन लाइन का व्हिप जारी किया है। राज्यसभा में कांग्रेस के मुख्य सचेतक जयराम रमेश ने 4 अगस्त को व्हिप जारी किया था जिसमें कहा गया कि राज्यसभा में कांग्रेस पार्टी के सभी सदस्यों से अनुरोध है कि वे सोमवार को सुबह 11 बजे से सदन में स्थगन तक मौजूद रहें और पार्टी के रुख का समर्थन करें। इसके बाद कांग्रेस ने रविवार को राज्यसभा में पार्टी के सांसदों को रिमाइंउर भी भेजा गया। इससे एक दिन पहले यानी 3 अगस्त को दिल्ली सरकार में सीनियर अफसरों के तबादलों और पोस्टिंग पर अध्यादेश को बदलने का विधेयक विपक्षी दलों के बॉयकॉट के बीच लोकसभा में ध्वनिमत से पारित हो गया था।
चर्चा के बाद शाम को होगा मतदान
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार दिल्ली सेवा विधेयक पर चर्चा के समापन के बाद सोमवार शाम को ही बिल को पारित करने के लिए मतदान होगा। राज्यसभा में विपक्ष की तरफ से कांग्रेस नेता और सुप्रीम कोर्ट के वकील अभिषेक मनु सिंघवी चर्चा की शुरुआत कर सकते हैं। सिंघवी को प्रशासनिक सेवाओं पर नियंत्रण से जुड़े मामले में सुप्रीम कोर्ट की 5 जजों की संविधान पीठ के समक्ष दिल्ली सरकार का प्रतिनिधित्व भी किया था।
'दिल्ली के अधिकारों को जबरन छीनने की कोशिश'
राज्यसभा में सोमवार को पेश होने वाले दिल्ली सेवा बिल को लेकर आम आदमी पार्टी, कांग्रेस और बीजेपी ने प्रतिक्रियाएं दी हैं। आप के मंत्री गोपाल राय ने कहा कि केंद्र सरकार दिल्ली के अधिकारों को जबर्दस्ती छीनने की कोशिश कर रही है। कल यानी सोमवार को सभी विपक्षी पार्टियां मिलकर इस बिल के खिलाफ प्रदर्शन करेंगी। बीजेपी सांसद प्रवेश साहिब सिंह का कहना कि जब सीएम अरविंद केजरीवाल चुनाव में खड़े हुए थे, तो उन्हें पता था कि दिल्ली को राज्य का दर्जा नहीं है, बल्कि केंद्रशासित प्रदेश का दर्जा दिया गया है। एक राज्य और केंद्रशासित प्रदेश की शक्तियां अलग-अलग हैं। वह जनता को दिखाना चाहते हैं कि वह काम करने में असमर्थ हैं, इस बात को गृह मंत्री अमित शाह ने भी लोकसभा में बताया था।
कांग्रेस नेता दीक्षित ने कहा- बिल का विरोध गलत
उधर, कांग्रेस नेता संदीप दीक्षित ने कहा कि ये तय था कि ये बिल लोकसभा में पास हो जाएगा, क्योंकि वहां सरकार के पास बहुमत है। सभा तरह अगर कुछ अन्य दल इस बिल का राज्यसभा में समर्थन करेंगे तो यह पारित हो जाएगा मेरी राय में, इस बिल का विरोध करना गलत है।
राज्यसभा में भी बिल के पास होने के आसार
दिल्ली सेवा बिल लोकसभा में पास हो गया है। अब यह सोमवार को राज्यसभा में लाया जा रहा है। राज्यसभा में यदि बहुमत के आंकडों के बात करें तो बीजेपी के पास भी जादूई नंबर है, जिसके चलते इस बिल को समर्थन मिल सकता है। राज्यसभा में कुल् सांसद 238 हैं। बीएसपी का राज्यसभा में एक सांसद है। ऐसे में बसपा बायकॉट करती है तो 237 सांसद रह जाएंगे। ऐसे में बहुमत के लिए 119 सांसदों की जरूरत होगी। बीजेपी के राज्यसभा में 92 सांसद हैं। इनमें 5 मनोनीत सांसद हैं, जबकि सहयोगी दलों को मिलाकर यह संख्या 103 हो रही है। बीजेपी को दो निर्दलीय सांसदों का भी समर्थन है। इसके अलावा दिल्ली सेवा बिल पर वाईएसआर, बीजेडी और टीडीपी ने केंद्र कास समर्थन करने का ऐलान किया है। बीजेडी और वाईएसआर कांग्रेस के राज्यसभा में 9-9 सांसद हैं, जबकि टीडीपी का एक सांसद है। ऐसे में बीजेपी को बहुमत मिलने में कोई परेशानी नहीं आने वाली है। विपक्षी पार्टियों के गठबंधन INDIA के पास 109 सांसद हैं।