NEW DELHI. कुश्ती संघ (WFI) के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ आंदोलन कर रहे पहलवान खेल मंत्री अनुराग ठाकुर से मुलाकात के लिए तैयार हो गए हैं। हालांकि, रेसलर्स ने साफ कर दिया है कि उन्हें बृजभूषण सिंह की गिरफ्तारी से कम कुछ भी मंजूर नहीं है। पहलवान साक्षी मलिक ने एक निजी चैनल से कहा कि सरकार हमें क्या प्रस्ताव देती है, ये देखा जाएगा। हमारी प्रमुख मांग बृजभूषण की गिरफ्तारी है। अगर हमें सरकार का प्रस्ताव पसंद आता है, तो हम खाप नेताओं से सलाह लेंगे। हम सरकार के किसी भी प्रस्ताव को स्वीकार नहीं करेंगे। अपना आंदोलन खत्म नहीं करेंगे।
अमित शाह से भी मुलाकात कर चुके हैं पहलवान
केंद्रीय खेल मंत्री अनुराग ठाकुर ने पहलवानों को बातचीत के लिए बुलाया है। अनुराग ने ट्वीट करके बताया कि मैंने एक बार फिर पहलवानों को बातचीत का न्योता दिया है। 3 जून यानी शनिवार की रात पहलवानों ने केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह से मुलाकात की थी।
The government is willing to have a discussion with the wrestlers on their issues.
I have once again invited the wrestlers for the same.
— Anurag Thakur (@ianuragthakur) June 6, 2023
मीटिंग में ये 3 प्रस्ताव रख सकते हैं पहलवान
- 1. बृजभूषण शरण सिंह की गिरफ्तारी हो।
नौकरी पर लौटे पहलवान
5 जून को बजरंग पूनिया, साक्षी मलिक और विनेश फोगाट रेलवे में अपनी अपनी नौकरी पर वापस लौट गए थे। हालांकि, पहलवानों ने साफ कर दिया था कि जब तक महिला पहलवानों को इंसाफ नहीं मिलता, वे आंदोलन जारी रखेंगे।
पीछे हटे किसान संगठन और खाप पंचायतें
भारतीय किसान यूनियन और खाप नेताओं ने पहलवानों के समर्थन में 9 जून को जंतर मंतर पर बुलाए गए विरोध-प्रदर्शन को रद्द कर दिया था। किसान यूनियन के प्रवक्ता राकेश टिकैत ने बताया कि सरकार ने प्रदर्शन कर रहे पहलवानों से बातचीत शुरू कर दी है, ऐसे में हमने विरोध प्रदर्शन को रद्द कर दिया। पहलवानों और सरकार के बीच बातचीत के नतीजे के आधार पर आगे की रणनीति तय होगी और विरोध किया जाएगा। राकेश टिकैत ने कहा कि यह विरोध प्रदर्शन पहलवानों का समर्थन करने के लिए है। इसलिए पहलवानों द्वारा की जाने वाली कार्रवाई के आधार पर विरोध प्रदर्शन की अगली तारीख का ऐलान किया जाएगा।
पहलवान 23 अप्रैल से मोर्चे पर
विनेश फोगाट, साक्षी मलिक और बजरंग पूनिया के नेतृत्व में तमाम पहलवानों ने जनवरी में पहली बार कुश्ती संघ के अध्यक्ष और बीजेपी सांसद बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ मोर्चा खोला था। पहलवानों ने बृजभूषण शरण पर यौन उत्पीड़न के आरोप लगाए हैं। तब खेल मंत्रालय के दखल के बाद पहलवानों का धरना खत्म हो गया था।
इसके बाद 23 अप्रैल को पहलवान दोबारा जंतर मंतर पर धरने पर बैठे। इसके साथ ही 7 महिला पहलवानों ने बृजभूषण के खिलाफ यौन उत्पीड़न की शिकायत दिल्ली पुलिस से की थी। पुलिस ने महिला पहलवानों की शिकायत पर बृजभूषण के खिलाफ 2 केस दर्ज किए हैं। पहलवानों ने 23 अप्रैल से 28 मई तक जंतर-मंतर पर धरना दिया था। पहलवानों ने 28 मई को जंतर-मंतर से नई संसद तक मार्च निकाला था। इसी दिन पीएम नरेंद्र मोदी नई संसद का उद्घाटन कर रहे थे। पुलिस ने मार्च की अनुमति नहीं दी थी। इसके बावजूद जब पहलवानों ने मार्च निकालने की कोशिश की थी तो पुलिस के साथ हाथापाई और धक्का-मुक्की हुई थी। इसके बाद पुलिस ने 28 मई को पुलिस ने पहलवानों को धरनास्थल (जंतर-मंतर) से हटा दिया था।
गंगा में मेडल बहाने पहुंचे थे पहलवान
पुलिस की कार्रवाई के विरोध में पहलवानों ने हरिद्वार में गंगा में अपने जीते हुए मेडल बहाने का ऐलान किया था। पहलवान हरिद्वार मेडल बहाने भी पहुंचे थे, लेकिन किसान नेता नरेश टिकैत ने पहलवानों को मेडल बहाने से रोक दिया था। इसके साथ ही किसान यूनियन ने सरकार को 5 दिन का अल्टीमेटम दिया था। यह 5 जून को खत्म हो गया। अब राकेश टिकैत ने कहा है कि पहलवानों द्वारा की जाने वाली कार्रवाई के आधार पर हम आगे कदम उठाएंगे।