BALASORE. ओडिशा के बालासोर ट्रिपल ट्रेन हादसे की जांच सीबीआई ने शुरू कर दी है। इस बीच कुछ नई जानकारियां सामने आ रही हैं। रेलवे के टॉप अधिकारियों ने जोर देकर कहा है कि इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग सिस्टम के साथ जानबूझकर छेड़छाड़ की गई, जिसके कारण ट्रेन एक्सीडेंट हुआ। सोमवार (5 जून) देर शाम सीबीआई की एक टीम ने घटनास्थल पर पहुंचकर जांच शुरू की। केंद्रीय जांच एजेंसी को इस सवाल का जवाब ढूंढना है कि यह रेल हादसा कैसे हुआ? क्या जानबूझकर सिस्टम में छेड़छाड़ की गई या किसी तरह की लापरवाही या दूसरे कारण से कोरोमंडल एक्सप्रेस मालगाड़ी से टकरा गई।
अभी तक 101 शवों की नहीं हुई पहचान
बालासोर रेल हादसे में 275 लोगों की मौत हुई है। जबकि 1100 लोग घायल हुए। इनमें से 900 लोगों को अस्पताल से छुट्टी मिल चुकी है। जबकि 200 का अभी इलाज चल रहा है। वहीं, 101 शवों की पहचान भी बाकी है। रेलवे ने रविवार (4 जून) को इस हादसे में सीबीआई जांच की सिफारिश की थी।
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रेलवे सेफ्टी कमिश्नर ने किया दुर्घटनास्थ्ल का दौरा
समाचार एजेंसी के मुताबिक, खुर्दा रोड डिवीजन के डीआरएम रिनतेश रे ने सीबीआई जांच शुरू होने की पुष्टि की है। इससे पहले रेलवे सेफ्टी कमिश्नर शैलेश कुमार पाठक ने दुर्घटनास्थल का दौरा किया, उन्होंने बाहानागा बाजार रेलवे स्टेशन के कंट्रोल रूम, सिग्नल रूम और सिग्नल पॉइंट का जायजा लिया। इसके अलावा बालासोर में रेलवे पुलिस ने दुर्घटना को लेकर आईपीसी और रेलवे अधिनियम की विभिन्न धाराओं के तहत 3 जून को मामला दर्ज किया है।
क्या सिस्टम में जानबूझकर की गई छेड़छाड़?
कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों ने मामले की जांच सीबीआई को सौंपने पर सवाल उठाए हैं। हालांकि, अफसरों का कहना है कि शुरुआती जांच में सबूत मिले हैं कि सिस्टम में जानबूझकर छेड़छाड़ की गई, इसके बाद पेशेवर एजेंसी द्वारा जांच का फैसला किया गया। रेलवे अधिकारियों ने पहले भी पटरी में 'तोड़फोड़' और 'इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग सिस्टम' में छेड़छाड़ की आशंका जताई थी।
सिग्नल इंटरफेरेंस भी हादसे की वजह
शुरुआती जांच के बाद ओडिशा हादसे के पीछे सिग्नल इंटरफेरेंस को हादसे की वजह माना जा रहा है। ऐसे में रेलवे ने सभी जोनल मुख्यालयों को स्टेशन रिले रूम और कंपाउंड हाउसिंग सिग्नलिंग उपकरण की सुरक्षा के लिए कई दिशा-निर्देश जारी किए और एक सुरक्षा अभियान भी शुरू किया है, जिसमें डबल लॉकिंग व्यवस्था शामिल है।
सीबीआई जांच की क्यों की जा रही?
सीबीआई जांच की जरूरत से जुड़े सवाल पर एक रेलवे अफसरों ने बताया कि प्रारंभिक जांच के दौरान हमें अहसास हुआ कि इस मामले में अधिक गहन जांच की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि शुरुआती जांच के दौरान काफी जानकारियां सामने आई हैं। ऐसे में एक पेशेवर जांच एजेंसी की जरूरत है। उन्होंने कहा कि सिस्टम में जानबूझकर हस्तक्षेप के बिना ये संभव नहीं है कि ट्रेन के लिए निर्धारित मार्ग को मुख्य लाइन से लूप लाइन में बदल दिया जाए।