NEW DELHI. संसद के हमले की बरसी वाले दिन संसद से जो तस्वीरें निकलकर आई हैं उसने पूरे देश ही नहीं दुनिया में यह सवाल खड़ा कर दिया है कि आखिर दो युवक सुरक्षा के विभिन्न स्तरों को पार कर सदन में स्मोक क्रेकर लेकर दाखिल कैसे हो गए? इस घटना के बाद सांसदों की ओर से जारी होने वाले विजिटर्स पास की प्रक्रिया पर भी सवाल खड़े हो रहे हैं।
ऐसे बनता है विजिटर्स पास
संसद की कार्यवाही देखने के लिए संसद का एंट्री पास जारी होते हैं। इसके लिए संसद सचिवालय में एप्लीकेशन देना होता है। आवेदन को किसी एक संसद सदस्य से वेरिफाई कराना होता है।
लोकसभा में 15 नवंबर 2019 को जारी संसदीय और अन्य मामलों संबंधी जानकारी के दस्तावेज के मुताबिक सांसदों को ये बताना होता है कि वे उन आवेदकों को व्यक्तिगत रूप से अच्छी तरह जानते हैं, जिनके लिए वो विजिटर्स पास का आवेदन दे रहे हैं।
नियम के मुताबिक उन्हें आवदेन पत्र में यह उल्लेख करना होता है कि अमुक दर्शक मेरा संबंधी या निजी मित्र है, जिसे मैं पर्सनली जानता/जानती हूं और उसकी/उनकी पूरी जिम्मेदारी लेता/लेती हूं।
आवदेन पत्र में दर्शक का पूरा नाम और जानकारी स्पष्ट अक्षरों में लिखी जाती है। जानकारी में कमी या गड़बड़ी होने पर पास जारी नहीं किए जाते हैं। आवेदन पत्र में दर्शक का पता और संपर्क नंबर सहित सम्पूर्ण जानकारी मांगी जाती है, जिसका बाद में पुलिस वेरिफिकेशन भी होता है।
जनरल विजिटर्स पास के लिए एप्लिकेशन विजिट की तारीख से एक दिन पहले हर हाल में पास को निर्गम प्रकोष्ठ में देना होता है। इसके बाद पास जारी हो जाते हैं। ये पास एक नियत समय के लिए इश्यू किए जाते हैं। वक्त पूरा होने के बाद संसद के अंदर रुकना या जाना निषेध होता है।
यह है सिक्योरिटी का प्रोटोकॉल
संसद की सुरक्षा संभालने वाली पार्लियामेंट सिक्योरिटी सर्विस तीन चरणों में विजिटर्स पास पर संसद पहुंचने वाले लोगों की जांच करती है। सबसे पहली लेयर में संसद के मुख्य गेट पर चेकिंग होती है, जहां आपके फोन और अन्य इलेक्ट्रॉनिक और मैटेलिक उपकरणों को जमा कर लिया जाता है। ये काम आमतौर पर दिल्ली पुलिस के जिम्मे होता है।
पब्लिक गैलरी की चेकिंग पोस्ट पर संसद सुरक्षा के कर्मचारी डोर फ्रेम मेटल डिटेक्टर/हैंड हेल्ड मेटल डिटेक्टर से जांच करते हैं। महिला की जांच महिला सुरक्षाकर्मी और पुरुषों की जांच पुरुष सुरक्षाकर्मी करते हैं। एंट्री पास की भी जांच होती है और उसे लिस्ट से क्रॉस चेक किया जाता है। इस जांच में नाम, परिचय पत्र और फोटो का मिलान करना होता है।
संसद में प्रवेश से पहले लोगों को समस्त नियमों से अवगत कराया जाता है। कि उन्हें क्या नहीं करना है। नारे लगाना, पर्चा या आपत्तिजनक वस्तु फेंकने का प्रयास करना या कूदना प्रतिबंधित है।
दर्शक गैलरी में भी होते हैं गार्ड्स
यही नहीं दर्शक दीर्घा में भी दर्शकों आसपास सुरक्षा गार्ड्स मौजूद रहते हैं। वे शोर करने या किसी भी प्रकार की हलचल देखते ही दर्शकों को रोक देते हैं। किसी प्रकार की शंका होने पर अमुक व्यक्ति को दर्शक दीर्घा से बाहर भी निकाल दिया जाता है।
सभी दलों के संसद सदस्यों की बैठक बुलाई
इस घटना के बाद लोकसभा सचिवालय की ओर से समस्त दलों के सांसदों की बैठक बुलाई गई है। जिससे संसद की सुरक्षा संबंधी चिंताओं से सदस्यों को अवगत कराया जाएगा।