Patna. कहां तो यह माना जा रहा था कि बिहार के पटना में बालाजी हनुमान के भक्त और बागेश्वरधाम के महंत पं. धीरेंद्र शास्त्री की दाल नहीं गल पाएगी। सत्ताधारी राष्ट्रीय जनता दल के रुख को देखते हुए लग रहा था कि पं. शास्त्री बिहार में कथा के दौरान अपने लहजे और बयानबाजी के कारण खुद पर दर्जनभर से ज्यादा एफआईआर करवा लेंगे। लेकिन इसके उलट बिहार के पटना में आयोजित 5 दिनी हनुमानकथा के जरिए उन्होंने बिहार में अपने भक्तों या खुद शास्त्री की जुबान में कहा जाए तो बिहार के पगलों का जमकर मन मोह लिया। बता दें कि पटना में आयोजित कथा के दौरान बागेश्वर धाम सरकार के दरबार में लगने वाली अर्जियों का रिकॉर्ड टूट चुका है। यहां दरबार में 18 लाख से ज्यादा अर्जियां लगाई गईं।
सियासत हुई कुंद, भक्ति ने मार ली बाजी
दरअसल बागेश्वरधाम के महंत पं. धीरेंद्र शास्त्री के बिहार में कथा करने का ऐलान हुआ था, उसके बाद बिहार की राजनीति में भी शास्त्री छाए हुए थे। राष्ट्रीय जनता दल जहां बागेश्वरधाम सरकार का विरोध कर रहा था, तो मंत्री तेजप्रताप ने तो यहां तक कह दिया था कि धीरेंद्र शास्त्री को एयरपोर्ट से बाहर नहीं निकलने देंगे। लेकिन कथा पंडाल में जमा लाखों भक्तों के हुजूम ने कई रिकॉर्ड तोड़ डाले। तेज गर्मी की तपिश और बेदर्द मौसम के बीच भी भक्ति का ऐसा सैलाब देख हर कोई चकित रह गया।
- यह भी पढ़ें
खुद धीरेंद्र शास्त्री हो गए भावुक
इधर हनुमान कथा के आखिरी दिन बागेश्वरधाम सरकार भी भावुक दिखाई दिए। वहीं चार्टड प्लेन से छतरपुर लौटते वक्त उन्हें उनके भक्तों ने भावभीनी विदाई भी दी। जाते-जाते धीरेंद्र शास्त्री ने यह ऐलान कर दिया कि वे फिर से नौबतपुर आएंगे। इस दौरान पं शास्त्री ने एक बार फिर हिंदू राष्ट्र बनाने का संकल्प लोगों को दिलाकर हुंकार भी भरी।
व्यापारियों ने किया करोड़ों का कारोबार
बिहार में बागेश्वरधाम सरकार के दरबार में अर्जी लगाने वालों के चलते अर्जी में लगने वाला सामान बेचने वालों ने करोड़ों का व्यापार किया है। अर्जी के लिए कच्चे नारियल और लाल कपड़े की ही 5 दिन की अनुमानित बिक्री करीब 5 करोड़ रुपए के आसपास रही।