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बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री (Pandit Dhirendra Krishna Shastri) के कन्वर्टेड मुसलमान वाले बयान ने सियासी हलचल मचा दी है। संभल से समाजवादी पार्टी (सपा) सांसद जियाउर्रहमान बर्क के अलावा अन्य कई मुस्लिम नेताओं ने प्रतिक्रिया दी है। बर्क ने पंडित शास्त्री के बयान को समाज को बांटने वाला बताया है। उन्होंने कहा कि देशभक्ति का असली मापदंड मंचों से दिए गए भाषण नहीं, बल्कि बलिदान और कर्म होते हैं।
बर्क ने तंज करते हुए कहा- जब देश अंग्रेजों की जंजीरों में जकड़ा हुआ था और स्वतंत्रता संग्राम जारी था, तब ये लोग कहीं नजर नहीं आए। हमनें आजादी की लड़ाई में अपने प्राणों की आहुति दी। यदि देशभक्ति साबित करनी है तो उसे कर्मों से साबित कीजिए, न कि सिर्फ भाषणों से।
पहले शास्त्री भी थे मुस्लमान
उत्तर प्रदेश AIMIM के अध्यक्ष शौकत अली ने भी धीरेंद्र शास्त्री के बयान पर प्रतिक्रिया दी है। मौलाना ने कहा- पूरे सनातन धर्म को ही निशाना बनाया है। दुनिया में सबसे पहले इस्लाम आया है। पूरी दुनिया में जितने भी मजहब के लोग हैं, वे सभी हजरत-ए-आदम की औलाद हैं।
शौकत अली ने कहा कि वो हिंदू राष्ट्र बनाने की बात करते हैं लेकिन, मेरा तो ये मानना है कि अतीत में वो भी मुसलमान थे। उन्होंने चारों वेदों को भी नहीं पढ़ा है। पहले मुझे वो सनातन का मतलब ही समझा दें।
मौलाना मुफ्ती शहाबुद्दीन रजवी ने भी घेरा
उत्तर प्रदेश के बरेली में मौलाना मुफ्ती शहाबुद्दीन रजवी ने धीरेंद्र शास्त्री पर विवादित बयान पर कहा- पूरे सनातन धर्म को ही निशाना बनाया है। दुनिया में सबसे पहले इस्लाम आया है। पूरी दुनिया में जितने भी मजहब के लोग हैं, वे सभी हजरत-ए-आदम की औलाद हैं।
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सपा सांसद ने दी तीखी प्रतिक्रिया
उन्होंने यह भी कहा कि राष्ट्रगान और राष्ट्रगीत का सम्मान हर व्यक्ति करता है और करता रहेगा। मगर किसी के देशभक्ति पर केवल उसके नाम के आधार पर सवाल उठाना गलत है। बर्क ने इस प्रकार के बयानों को समाज को भ्रमित करने वाला बताते हुए चेतावनी दी कि इन्हें तुरंत रोकना बेहद जरूरी है।
सपा सांसद ने यह भी स्पष्ट किया कि देशभक्ति किसी एक धर्म तक सीमित नहीं है, बल्कि यह हर उस व्यक्ति का अधिकार है जो इस देश से प्रेम करता है।
कन्वर्टेड मुसलमान बयान पर एक नजर
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उन्होंने आरोप लगाया कि ऐसे बयान देश में नफरत का माहौल बनाते हैं और समाज को एकता से दूर करते हैं। उल्लेखनीय है कि इससे पहले भी धीरेंद्र शास्त्री का विवादित बयान चर्चा विषय रहा है। वह अपने कई बयानों की वजह से चर्चा में आ चुके हैं और उनका यह ताजा बयान एक बार फिर राजनीतिक बहस का केंद्र बन गया है।
असली मुसलमान तो विदेशों में- धीरेंद्र शास्त्री
6 सितंबर को आगरा में पंडित धीरेंद्र शास्त्री का कार्यक्रम आयोजित होने वाला था, जिसके लिए 5,000 लोगों के आने की अनुमति ली गई थी। लेकिन कार्यक्रम स्थल पर 20,000 से ज्यादा लोग पहुंच गए, जिसके बाद प्रशासन ने कार्यक्रम की अनुमति रद्द कर दी।
धीरेंद्र शास्त्री ने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा- असली मुसलमान तो विदेशों में हैं, यहां सभी लोग कन्वर्टेड मुसलमान हैं। अगर वे अपने पूर्वजों का पता लगाएं तो पाएंगे कि सभी के पूर्वज सनातनी थे। तीन हजार साल पहले इस पृथ्वी पर केवल सनातनी ही रहते थे।
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उन्होंने यह भी दावा किया कि आज जो लोग यहां रहते हैं, अगर वे अपने पूर्वजों की खोज करें, तो उन्हें सभी के पूर्वज सनातनी ही मिलेंगे।
कौन देशद्रोही है और कौन राष्ट्रप्रेमी
इसके अलावा चार दिन पहले दिल्ली प्रवास के दौरान छतरपुर में धीरेंद्र शास्त्री ने कहा कि मंदिरों, मस्जिदों और गिरजाघरों में राष्ट्रगान होना चाहिए। उनका मानना था कि सप्ताह में कम से कम एक बार सभी धार्मिक स्थलों पर राष्ट्रगान का गायन होना चाहिए। यदि कोई धर्मस्थल राष्ट्रगान से मना करता है, तो इससे यह स्पष्ट हो जाएगा कि कौन देशद्रोही है और कौन राष्ट्रप्रेमी।