क्या डिजिटल लोन ऐप आपको लूटने का प्लान बना रहे हैं? जानिए सच्चाई...
अगर आप किसी इमरजेंसी में डिजिटल ऐप की मदद से लोन लेने की सोच रहे हैं तो थोड़ा सतर्क हो जाएं। इन बातों पर ध्यान दें ताकि आप किसी तरह के नियमों और धोखाधड़ी में न फंसें।
Digital App Loan One mistake emptied account Photograph: (the sootr)
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Digital App Loan : भारत में डिजिटल लोन का चलन तेजी से बढ़ रहा है। हाल के वर्षों में डिजिटल लोन देने वाले App और प्लेटफॉर्म की संख्या में भारी बढ़ोतरी हुई है। दरअसल, पारंपरिक लोन के मुकाबले डिजिटल लोन ज्यादा सुविधाजनक और तेज है। लोन लेने वाले बिना बैंक या वित्तीय संस्थान जाए ऑनलाइन लोन के लिए आवेदन कर सकते हैं और जल्दी लोन पा सकते हैं। हालांकि, इसके कई नुकसान भी हैं। आइए आज इस खबर में जानते हैं कि अगर आप डिजिटल लोन ले रहे हैं तो किन बातों का ध्यान रखना चाहिए।
एक गलती और अकाउंट खाली
डिजिटल लोन ऐप का इस्तेमाल करना आसान हो सकता है, लेकिन इसके साथ कुछ जोखिम भी जुड़े हैं। इनमें सबसे बड़ा जोखिम है उच्च ब्याज दर और कई तरह के शुल्क हैं। कई बार डिजिटल लोन ऐप पारंपरिक लोन से ज्यादा ब्याज दर वसूलते हैं। अगर आप सावधान नहीं रहे तो आपको ब्याज और शुल्क के तौर पर बहुत ज्यादा रकम चुकानी पड़ सकती है। यानी आपकी एक गलती और आपका अकाउंट खाली हो जाएगा।
लोन लेने से पहले यह सुनिश्चित कर लें कि लोन देने वाला प्लेटफॉर्म भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के साथ रजिस्टर्ड है। साथ ही, प्लेटफॉर्म का बैकग्राउंड भी चेक करें। इसके अलावा, लोन लेने से पहले लोन एग्रीमेंट को ध्यान से पढ़ें और सभी शर्तों को समझ लें जैसे कि ब्याज दरें, रीपेमेंट शेड्यूल और अन्य शुल्क। लोन लेने से पहले नियम और शर्तें ध्यान से पढ़ें। सुनिश्चित करें कि आप ब्याज दर, पुनर्भुगतान अनुसूची, शुल्क और अन्य दायित्वों से पूरी तरह अवगत हैं। यह भी जांचें कि क्या जल्दी या देर से पुनर्भुगतान के लिए कोई छिपा हुआ शुल्क या दंड है।
जब भी आप किसी ऐप से लोन लेते हैं तो ऐप आपसे आपके फोन का एक्सेस मांगता है। इसे ओके करने से पहले सौ बार सोचें। क्योंकि बाद में अवैध रूप से डिजिटल लोन देने वाली कंपनियां वसूली के समय इसे आपके खिलाफ हथियार के तौर पर इस्तेमाल करती हैं। एक्सेस देने के बाद आपके फोन का सारा डेटा, फोटो, नंबर कंपनियों के पास चला जाता है और जब आप लोन चुकाने या उनके मनमाने चार्ज देने से मना करते हैं तो ये कंपनियां आपकी पर्सनल फोटो इंटरनेट पर डाल देती हैं और आपके कॉन्टैक्ट में सेव लोगों को कॉल करके परेशान करती हैं।
लोन आपके खाते में आना चाहिए
आप बैंक से डिजिटल माध्यम से जो भी लोन ले रहे हैं, वह सीधे आपके खाते में आना चाहिए। बैंक द्वारा आपका लोन स्वीकृत होने के बाद, लोन की राशि किसी तीसरे पक्ष या किसी पूल अकाउंट में नहीं जानी चाहिए। वह राशि सीधे आपके बैंक खाते में आनी चाहिए।
कूलिंग ऑफ समय को समझे
सबसे पहले हम यह समझ लेते हैं कि कूलिंग ऑफ पीरियड क्या होता है। दरअसल कूलिंग ऑफ पीरियड वह समय होता है जिसमें लोन लेने वाला व्यक्ति बिना किसी पेनाल्टी के बैंक को लोन की मूल राशि और सालाना ब्याज दर चुकाकर लोन प्रक्रिया से बाहर निकल सकता है। RBI ने बैंकों और NBFC को अपने हिसाब से कूलिंग ऑफ पीरियड तय करने की छूट दी है। RBI का कहना है कि 7 दिन से कम अवधि वाले लोन के लिए कूलिंग ऑफ पीरियड 1 दिन का होना चाहिए। जबकि 7 दिन से ज्यादा अवधि वाले लोन के लिए यह 3 दिन का होना चाहिए।
इस खबर से जुडे़ सामान्य सवाल
डिजिटल लोन क्या है और यह पारंपरिक लोन से कैसे अलग है?
डिजिटल लोन, ऑनलाइन प्लेटफॉर्म्स और ऐप्स के माध्यम से बिना किसी बैंक या वित्तीय संस्थान के जाने लिया जाता है। यह पारंपरिक लोन से तेज और आसान है।
क्या डिजिटल लोन के साथ कोई जोखिम होते हैं?
हां, डिजिटल लोन ऐप्स में उच्च ब्याज दरें, अतिरिक्त शुल्क और अनियमित शर्तें हो सकती हैं। यह बिना सही समझ के लेने पर आर्थिक नुकसान भी कर सकते हैं।
क्या मैं यह सुनिश्चित कर सकता हूँ कि लोन देने वाला ऐप सुरक्षित है?
हां, आपको लोन देने वाले ऐप का बैकग्राउंड चेक करना चाहिए और यह देखना चाहिए कि वह भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के साथ रजिस्टर्ड है।
क्या ऐप एक्सेस देने से पहले मुझे सावधान रहना चाहिए?
हां, लोन ऐप्स के लिए आपके फोन का एक्सेस देने से पहले पूरी तरह से सोच-समझ कर फैसला करें। इससे आपकी पर्सनल जानकारी और डेटा सुरक्षित रह सकते हैं।
कूलिंग ऑफ पीरियड क्या है और इसे कैसे समझें?
कूलिंग ऑफ पीरियड वह अवधि है जिसमें लोन लेने वाला व्यक्ति बिना पेनाल्टी के लोन प्रक्रिया से बाहर निकल सकता है। यह अवधि लोन की राशि और उसकी अवधि पर निर्भर करती है।