आगरा से एक ऐसा मामला सामने आया है, जहां डिजिटल अरेस्ट ने एक टीचर की जान ले ली। दरअसल शिक्षिका को यह कहकर डिजिटल अरेस्ट करने की कोशिश की गई कि उनकी बेटी सेक्स रैकेट में फंस गई है। यह सुनकर एक मां दहशत में आ गई और उसे हार्टअटैक आ गया। थोड़ी ही देर में उनका निधन हो गया।
डिजिटल अरेस्ट का शिकार हुईं मालती वर्मा
जानकारी के मुताबिक 58 वर्षीय मालती वर्मा, आगरा के अछनेरा के राजकीय कन्या जूनियर हाई स्कूल में स्टूडेंट्स को पढ़ा रही थीं। इस दौरान उन्हें अचानक एक फोन आया। फोन में व्यक्ति ने कहा कि मैं पुलिस स्टेशन से बोल रहा हूं। आपकी बेटी 'सेक्स रैकेट' में फंस गई है। अगर आप 1 लाख रुपए भेज दें, तो हम उसके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं करेंगे। यह सुनकर मालती के पैरों तले जमीन खिसक गई। इस खबर ने मालती को इतना हिलाकर रख दिया कि उन्हें हार्ट अटैक आ गया और उनकी मौत हो गई।
क्या होता है डिजिटल अरेस्ट ?
डिजिटल अरेस्ट में संबंधित को विविध जांच एजेंसियों के अधिकारी बनकर फोन पर डराया जाता है, इसमें कई बार एआई के जरिए ऐसे नंबर से कॉल बताए जाते हैं और डीपी ऐसे आती है जैसे पुलिस अधिकारी हो (एसीपी को धमकाने में यही हुआ आईपीएस लिखा हुआ आया था)। फिर फोन पर बताया जाता है कि जांच चल रही है, जांच के नाम पर कई जानकारी ली जाती है, जिससे लगे कि सही में अधिकारी है, फिर बचने के लिए राशि मांगी जाती है। यह कई घंटों तक भी होता है और व्यक्ति इसी फोन कॉल में उलझा रहता है, ऐसे डिजिटल अरेस्ट कहा जाता है।
क्या करें पीड़ित
जानकारों के अनुसार ऐसे मामलों में सजग रहना होगा, जांच एजेंसिया इस तरह किसी को फोन नही करती है। सजग रहकर उनसे पता, दफ्तर पूछो और पूरा परिचय व अन्य जानकारी मांगों। दबाव में आने की जरूरत नहीं है। ब्लैकमेल राशि डलवाने की बात कर रहा है तो इसकी शिकायत पुलिस में करें। अपने बैंक की डिटेल किसी से भी साझा नहीं करें और ना ही किसी को राशि ट्रांसफर करें।
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