Shimla. हाल के दिनों के दो स्थितियां सामने आई हैं-पहला चक्रवात बिपर्जय का सामना करने के लिए गुजरात के सूरत शहर में 2600 कैमरों की मदद से इंटीग्रेटेड कंट्रोल एंड कमांड सेंटर (ICCC) में की जा रही निगरानी। इस निगरानी ने सूरत में करीब आठ लाख लोगों को तमाम मुसीबतों से बचा लिया। दूसरा दृश्य है हिमाचल प्रदेश के मंडी जिले में मनाली-चंडीगढ़ हाईवे पर बारिश और भूस्खलन के कारण फंसे हजारों लोगों का कष्ट। ICCC जैसी व्यवस्था इन लोगों को पहले से आगाह कर सकती थी। यह कमी दूर होने वाली है। शिमला में स्मार्ट सिटी मिशन के तहत बनकर तैयार ICCC 31 सेंसरों के साथ इस कमी को दूर कर देगा। पूरे राज्य में लगे ये सेंसर मौसम, ट्रैफिक, स्वास्थ्य सेवाओं आदि की जानकारी देने के साथ आपदा प्रबंधन में अहम भूमिका निभाएंगे। ICCC कुल 17 विभागों को एक प्लेटफॉर्म पर ले आएगा। शिमला का यह सेंटर इसी माह यानी जुलाई में संचालित होने लगेगा।
17 विभागों का एक प्लेटफॉर्म पर आना बड़ी बात
शिमला स्मार्ट सिटी लि. के महाप्रबंधक अजित भारद्वाज के मुताबिक यह सेंटर हिमाचल प्रदेश जैसे राज्य के लिए किसी वरदान से कम नहीं है, क्योंकि यह यहां के लोगों की दैनिक चर्या में बड़ा असर डालने वाला साबित होने वाला है। इसके सहारे 17 विभागों का एक प्लेटफॉ र्म पर आना बड़ी बात है।
हिमाचल प्रदेश में बन रहे दो आइसीसीसी
आवासन और शहरी कार्य मंत्रालय के प्रवक्ता राजीव जैन के अनुसार स्मार्ट सिटी मिशन के तहत सौ शहरों में बनाए जा रहे इस तरह के सेंटर संचार की क्षमताओं के एकीकरण के लिहाज से काफी फलदायी हैं। इससे साइबर सुरक्षा का रास्ता भी तैयार होगा। हिमाचल प्रदेश में दो आइसीसीसी बनाए जा रहे हैं। एक शिमला में और दूसरा धर्मशाला में।
दो सेंटरों में ड्रोन भी होंगे संचालित
इसके तहत जो सेंसर लगाए गए हैं वे पहाड़ों में छोटी सी भी हलचल को पकड़ लेंगे और संभावित असर के प्रति आगाह कर देंगे। शिमला आइसीसीसी में निगरानी के उद्देश्य से 15 वर्क स्टेशन हैं। इसका अपना डाटा सेंटर है, जिसे धर्मशाला से भी जोड़ा गया है। ट्रैफिक की निगरानी के लिए दोनों सेंटरों में दो-दो ड्रोन भी संचालित होंगे।
नागरिक सेवा की भी निगरानी
इन प्लेटफॉर्म से कई नागरिक सेवों की भी निगरानी की जा सकेगी, जैसे प्रापर्टी टैक्स, विवाह पंजीकरण, एंबुलेंस और अस्पतालों में बेड की उपलब्धता और बिजली-पानी की आपूर्ति। इतना ही नहीं, माल रोड में लगाया गया सेंसर हवा की गुणवत्ता की भी लगातार निगरानी करेगा और सुधार के कदम उठाने के लिए अधिकारियों को सूचनाएं प्रेषित करेगा।