दिव्या देशमुख ने शतरंज की दुनिया में मचाया धमाल, कोनेरू हम्पी को हराकर बनीं वर्ल्ड चैम्पियन

19 वर्षीय दिव्या देशमुख ने 2025 में FIDE वूमेन्स वर्ल्ड कप जीतकर इतिहास रचा। उन्होंने विश्व की शीर्ष खिलाड़ी कोनेरू हम्पी को हराया और भारत की चौथी महिला ग्रैंडमास्टर बनीं। इस जीत से उन्होंने भारतीय महिला शतरंज को नई ऊँचाइयों पर पहुँचाया।

author-image
Sandeep Kumar
New Update
divya-deshmukh-fide
Listen to this article
0.75x 1x 1.5x
00:00 / 00:00

भारतीय शतरंज की दुनिया में नया अध्याय जुड़ गया है। 19 वर्षीय दिव्या देशमुख ने 2025 में FIDE वूमेन्स वर्ल्ड कप का खिताब जीता। इस जीत से उन्होंने न केवल भारत का नाम रोशन किया, बल्कि शतरंज की दुनिया में अपनी जगह बनाई। दिव्या ने विश्व की शीर्ष खिलाड़ी कोनेरू हम्पी को हराकर यह प्रतिष्ठित टूर्नामेंट जीतने में सफलता प्राप्त की।

फाइनल मुकाबला: दिव्या बनाम हम्पी

दिव्या देशमुख और कोनेरू हम्पी के दम पर शतरंज विश्व कप में इतिहास कैसे रचेगा  भारत - BBC News हिंदी

 Chess FIDE World Cup के फाइनल मुकाबले में दोनों भारतीय दिग्गज खिलाड़ियों के बीच जबरदस्त टक्कर हुई। दोनों के बीच खेले गए क्लासिकल गेम्स ड्रॉ रहे, फिर रैपिड टाईब्रेकर में मैच का निर्णय हुआ। टूर्नामेंट में दिव्या ने कई टॉप रैंक प्लेयर्स को हराकर फाइनल में जगह बनाई। हम्पी के खिलाफ फाइनल में दिव्या ने दोनों प्रमुख मुकाबले ड्रॉ खेले। इसके बाद सोमवार को टाईब्रेक राउंड हुआ, जिसमें दिव्या ने 2.5-1.5 के स्कोर से बाजी मारी।

दिव्या की ग्रैंडमास्टर उपाधि

दिव्या देशमुख ने इस जीत के साथ भारत की 88वीं ग्रैंडमास्टर बनने का गौरव प्राप्त किया। ग्रैंडमास्टर की उपाधि शतरंज की दुनिया में सबसे प्रतिष्ठित मानी जाती है और इसे पाना किसी खिलाड़ी के करियर की बड़ी उपलब्धि होती है। इस जीत के बाद दिव्या को लगभग 43 लाख रुपए की इनामी राशि मिलेगी, जबकि कोनेरू हम्पी को करीब 30 लाख रुपए मिलेंगे।

जीत के मोमेंट्स, देखें वीडियो 

किए कई बड़े उलटफेर

दिव्या ने इस टूर्नामेंट में कई बड़े उलटफेर किए। उन्होंने दूसरी वरीयता प्राप्त चीनी खिलाड़ी जिनेर झू को हराया और भारत की डी. हरिका को मात देकर सेमीफाइनल में पूर्व विश्व चैम्पियन टैन झोंगयी को भी हराया। यह फाइनल केवल दिव्या की व्यक्तिगत सफलता का प्रतीक नहीं है, बल्कि भारतीय महिला शतरंज की नई ऊँचाइयों की ओर बढ़ने का संकेत भी है।

भारत की चौथी महिला ग्रैंडमास्टर

दिव्या देशमुख न केवल विश्व चैंपियन बनीं, बल्कि भारत की चौथी महिला ग्रैंडमास्टर भी बन गईं। ग्रैंडमास्टर का खिताब प्राप्त करने के लिए आमतौर पर तीन ग्रैंडमास्टर नॉर्म्स और 2500+ FIDE रेटिंग की आवश्यकता होती है। हालांकि, कुछ प्रमुख इंटरनेशनल टूर्नामेंटों में जीतने के बाद खिलाड़ी को सीधे ग्रैंडमास्टर का दर्जा मिल सकता है। FIDE वूमेन्स वर्ल्ड कप उन्हीं प्रमुख टूर्नामेंटों में से एक है।

दिव्या देशमुख के अब हासिल किए ये खिताब

👉 जून 2024 में दिव्या ने विश्व यू-20 जूनियर गर्ल्स चैंपियनशिप जीती। इससे पहले भारत की कोनेरू हम्पी (2001), हरिका द्रोनावल्ली (2008), और सौम्या स्वामीनाथन (2009) ने भी यह टूर्नामेंट जीता था।

👉 45वें चेस ओलंपियाड 2024 में दिव्या ने भारत की महिला टीम के साथ इंडिविजुअल गोल्ड जीता।

👉 दिव्या ने 2022 में महिला भारतीय शतरंज चैंपियनशिप का खिताब भी जीता।

👉 लंदन में आयोजित ब्लिट्ज और रैपिड टीम चैंपियनशिप में दिव्या ने विश्व नंबर 1 होउ को हराया और 3 मेडल अपने नाम किए।

कौन हैं दिव्या देशमुख ?

दिव्या देशमुख का जन्म 9 दिसंबर 2005 को महाराष्ट्र के नागपुर में हुआ था। दिव्या एक भारतीय शतरंज खिलाड़ी हैं। जिन्हें महिला ग्रैंडमास्टर और अंतर्राष्ट्रीय मास्टर का खिताब प्राप्त है। वह ओलंपियाड में तीन बार स्वर्ण पदक विजेता रही हैं। देशमुख के माता-पिता, जितेंद्र देशमुख और नम्रता देशमुख, डॉक्टर हैं। उन्होंने अपनी प्रारंभिक शिक्षा भवन्स भगवानदास पुरोहित विद्या मंदिर से प्राप्त की।

thesootr links

सूत्र की खबरें आपको कैसी लगती हैं? Google my Business पर हमें कमेंट के साथ रिव्यू दें। कमेंट करने के लिए इसी लिंक पर क्लिक करें

अगर आपको ये खबर अच्छी लगी हो तो 👉 दूसरे ग्रुप्स, 🤝दोस्तों, परिवारजनों के साथ शेयर करें📢🔃🤝💬👩‍👦👨‍👩‍👧‍👧👩

शतरंज टूर्नामेंट | दुनिया के नंबर 1 शतरंज खिलाड़ी

Chess FIDE World Cup दुनिया के नंबर 1 शतरंज खिलाड़ी शतरंज शतरंज टूर्नामेंट दिव्या देशमुख कौन हैं दिव्या देशमुख