Diwali Night Tantra Sadhana : हिंदू धर्म में तरह-तरह की विद्याओं और विधियों का प्रचलन है। इन्हीं में से एक है तांत्रिक विद्या भी है। जिसे काला जादू भी कहा जाता है। हालांकि इसका सनातन धर्म से कोई संबंध नहीं है, क्योंकि तंत्र विद्या का प्रयोग किसी काम में जल्दी सफलता पाने या किसी को नुकसान पहुंचाने के लिए किया जाता है। रामचरित मानस के अनुसार सभी तरह का काला जादू या तंत्र विद्या धर्म के विरुद्ध है। इसे तांत्रिक, अघोरी और बाबा आदि करते हैं। अक्सर आपने देखा या सुना होगा कि जादू-टोने और टोटकों की सिद्धि यानी तंत्र विद्या दिवाली की रात किसी शुभ मुहूर्त में की जाती है।
दिवाली की रात काला जादू
काला जादू और टोना-टोटका का उद्देश्य अपने स्वार्थ की पूर्ति करना होता है। जो पूरी तरह धर्म के विरुद्ध है। काले जादू का उद्देश्य किसी को नुकसान पहुंचाना होता है, जबकि काले जादू का प्रयोग किसी के कार्य में सफलता प्राप्त करने के लिए किया जाता है। देवी लक्ष्मी को प्रसन्न करने के लिए लोग दिवाली की रात कई तरह के काले जादू करते हैं। जिनमें से कुछ सात्विक होते हैं। वहीं, कुछ काले जादू ऐसे भी होते हैं जो किसी दूसरे को नुकसान पहुंचाते हैं, जिनका धर्म से कोई लेना-देना नहीं होता। ऐसे में अगर आप दिवाली की रात काला जादू या टोना-टोटका कर रहे हैं तो इस बात का खास ख्याल रखें कि इससे आपको फायदा तो हो, लेकिन किसी दूसरे को नुकसान न पहुंचे। चाहे वह आपका दुश्मन ही क्यों न हो।
मिलती हैं अद्भुत शक्तियां
दिवाली की रात को तांत्रिक श्मशान में तंत्र-मंत्र करते हैं। इस दिन लोग अपने शत्रुओं पर विजय पाने, घर में शांति और देवी लक्ष्मी को प्रसन्न करने के लिए तरह-तरह की टोने-टोटके करते हैं। तंत्र शास्त्र के अनुसार दिवाली की रात को कई अद्भुत शक्तियां प्राप्त होती हैं। हालांकि, अगर इस साधना के दौरान कोई गलती हो जाए तो बहुत बड़ा नुकसान उठाना पड़ता है।
काले जादू के नाम पर ऐंठते हैं पैसे
दिवाली की रात को लोग लोक जादू यानी काला जादू भी करते हैं। इसमें लोग अपने निजी स्वार्थ के चलते दूसरों को नुकसान पहुंचाते हैं। इसमें दूसरों का भविष्य अंधकार में डाला जाता है। इसीलिए इसे काला जादू या टोना टोटका कहते हैं। तंत्र-मंत्र जानने वाले लोग काला जादू करते हैं और लोगों से पैसे ऐंठते हैं।
बंगाल का काला जादू इतना शक्तिशाली!
दिवाली की रात लोग अक्सर सुखी जीवन जीने के लिए माता लक्ष्मी और भगवान गणेश की पूजा करते हैं। ऐसे में आप दिवाली की रात गणेश और लक्ष्मी की पूजा पूरे विधि-विधान से करें। साथ ही अगर आप इस दिन धार्मिक पुस्तकें पढ़ते हैं तो माता लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं और आपको अपने सभी कार्यों में सफलता मिलती है। किसी भी काम को जल्दी करवाने के लिए लोग तंत्र मंत्र का सहारा लेते हैं। इसके लिए अक्सर बंगाल के काले जादू और यहां के तांत्रिकों का नाम सामने आता है। लेकिन क्या वाकई बंगाल का काला जादू इतना शक्तिशाली है कि तांत्रिक जो चाहें कर सकते हैं? इस बारे में बनारस के संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय से तंत्र में मास्टर डिग्री प्राप्त आचार्य मनीष द्विवेदी का कहना है कि बंगाल में काली पीठ है, जो भयंकर शक्तियों की तंत्र देवी हैं। पहले बंगाल में तांत्रिक ज्यादा हुआ करते थे। आजकल बड़े तांत्रिक नहीं बचे हैं। छोटे-मोटे ओझा हैं जो हल्की-फुल्की साधना करते नजर आते हैं। उन्होंने बताया कि पहले बंगाल में बड़े-बड़े तांत्रिक हुआ करते थे। वे तंत्र के विभिन्न अंगों पर भिन्न-भिन्न प्रकार की गतिविधियाँ करते थे।
तंत्र 6 प्रकार का होता…
मारण
काली विद्या के सहारे किसी को मारने का प्रयोग करना। इसमें शमशान में साधना की जाती है, मुर्दे पर हवन किया जाता है, या जलती हुई चिता पर भैंसे के रक्त को चढ़ाया जाता हैं।
मोहन
अपने प्रति किसी को आकर्षित करने के लिए इस विद्या का उपयोग होता है। इसमें उसके बाल, कपड़ा लेते हैं फिर तंत्र साधना करते हैं।
वशीकरण
किसी महिला पुरुष को वश में करने के लिए इसका प्रयोग करते हैं. हम जो चाहे सामने वाला करने लगे इसके लिए पुतला बनाते हैं, कपड़ा पहनाते हैं और उस पुतले पर तंत्र क्रिया करते हैं।
स्थमबन
किसी काम को रोकने के लिए इस विद्या का प्रयोग होता है। आठ तरह के अनाज से उड़द का पुतला बनाते हैं, जिस पर शमशान क्रिया होती है। इससे उसे व्यक्ति के काम रुक जाते हैं।
उच्चाटन
मोह भंग कर देना या मन फटा देना किसी व्यक्ति को दूर करने के लिए कौवे की हड्डी, कील को मिट्टी में गड़ा कर प्रयोग करते हैं।
विद्वेषण
एक दूसरे में मतभेद कर देना, इसके लिए बिल्ली और कुत्ते पर प्रयोग करते हैं।
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