संपन्नता के 10 सूत्र... जीवन में इन्हें उतार लिया तो हो जाएंगे समृद्ध

दीपावली हमारी परंपराओं, समृद्धि व संकल्पों का उत्सव है। इस मौके पर हम संपन्नता के लिए मां लक्ष्मी, भगवान श्रीगणेश आदि की पूजा-अर्चना करते हैं।

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Ravi Singh
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Bhopal : दीपावली हमारी परंपराओं, समृद्धि व संकल्पों का उत्सव है। इस मौके पर हम संपन्नता के लिए मां लक्ष्मी, भगवान श्रीगणेश आदि की पूजा-अर्चना करते हैं। दीप पर्व पर आप अपने जीवन को नए ढंग से सजाने और संवारने के कुछ सरल और प्रभावी सूत्रों को भी अपनाएं, जिससे आप समृद्ध भी हों।

जानिए क्या हैं वे 10 सूत्र

संयम और संतुलन

दिवाली का पर्व हमें सिखाता है कि प्रकाश का महत्व तभी है, जब वह संतुलित और संयमित हो। इसलिए आपको रोजमर्रा के जीवन में संतुलन साधना बेहद जरूरी है। फिजूलखर्ची, गुस्सा और असंतुलित दिनचर्या से दूरी बनाकर जीवन में संयम लाएं।

स्वास्थ्य धन

जीवन में संपन्नता तभी मायने रखती है, जब तन—मन स्वस्थ हों। दीपावली पर संकल्प लें कि भविष्य में नियमित व्यायाम, योग और स्वस्थ आहार अपनाएंगे। 'स्वस्थ तन, समृद्ध मन' का संकल्प आपको मानसिक शक्ति और सकारात्मक ऊर्जा देगा।

प्रकृति से सामंजस्य

दिवाली याद दिलाती है कि हमारी खुशियां तभी स्थाई होती हैं, जब वे प्रकृति के साथ सामंजस्य में हों। प्रदूषण रहित दिवाली मनाने की कोशिश करें। घर के आसपास साफ-सफाई रखें, पौधारोपण करें। प्लास्टिक जैसी चीजों का कम से कम उपयोग करें और बच्चों को सिखाएं।

आर्थिक अनुशासन

संपन्नता के लिए आर्थिक अनुशासन बहुत जरूरी होता है। दीपावली के मौके पर 'पहले बचत, फिर खर्च' का सूत्र अपनाएं। यह तय करें कि आपकी आय का कुछ हिस्सा नियमित रूप से निवेश या बचत के लिए रखा जा रहा है। छोटी-छोटी सेविंग्स को आदत में शामिल करें।

पारिवारिक बंधन

दीपावली पर अपनों के बीच बैठना और उन्हें स्नेह देना हमें पारिवारिक बंधनों की ताकत का अहसास कराता है। इस पर्व पर यह संकल्प लें कि भागदौड़ भरी जिंदगी में भी आप अपने परिवार के साथ समय बिताएंगे। बच्चों और बुजुर्गों को भी समय देंगे।

सकारात्मक सोच

जीवन में सकारात्मक सोच, संतोष और समर्पण का भाव सबसे अहम है। दिवाली पर हम हर कष्ट को भूलकर खुशियां मनाते हैं, यही हमें जीवन के हर पहलू में अपनाना चाहिए। हर दिन सकारात्मक सोच के साथ शुरुआत करें और हर परिस्थिति में अडिग रहें।

दान-पुण्य

संपन्नता का अर्थ केवल धन-समृद्धि नहीं, बल्कि वह समृद्धि भी है, जिसे बांटकर हम दूसरों के अंधकारमय जीवन में प्रकाश भर सकते हैं। तो जनाब! दान-पुण्य का संकल्प लें। अपने सामर्थ्य के अनुसार जरूरतमंदों की मदद करें और उनसे अच्छा व्यवहार करें।

ज्ञान का संकल्प

हर कोई हमें कुछ न कुछ जरूर सिखाता है। तभी तो कहते भी हैं कि जीवन में सफलता का दूसरा नाम है सीखना। इस दीपावली पर आप संकल्प लें कि हर दिन कुछ नया सीखेंगे। किताबें पढ़ें। नए आईडिया पर काम करें। नई स्किल्स को जानें और समझें।

टाइम मैनेजमेंट

एक तरह से दिवाली पर घर की सफाई से लेकर रंगोलियों तक, सब कुछ समय पर करना हमारे टाइम मैनेजमेंट का हिस्सा है। इस बार संकल्प लें कि आगे भी अपने समय का सही इस्तेमाल करेंगे, किसी भी काम को टालेंगे नहीं।

अहंकार से दूर रहें

दिवाली हमें अंधकार को दूर कर रोशनी फैलाने का संदेश देती है। यह संदेश हमारे जीवन से अहंकार को दूर करने पर भी लागू होता है। सरल, सहज और विनम्र बने रहने का प्रयास करें, दूसरों के प्रति संवेदनशील रहें।

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