दिवाली का उत्सव हर भारतीय के जीवन में उल्लास, उत्साह और उमंग भर देता है तो जरा सोचिए जब स्वामी प्रभु श्रीराम सबसे शक्तिशाली सेना के अधिपति रावण को पराजित कर अवध (अयोध्या) लौटे होंगे, तब किस तरह का वातावरण रहा होगा? कहते हैं, उस वक्त हर आंख कौशल्या और हर भुजा भरत जी के समान थी। इन ग्राफिक्स के माध्यम से समझिए कि रामचरित मानस में गोस्वामी तुलसीदास जी ने किस तरह उस सुंदर दृश्य का बखान किया है...।
तो आइए, तुलसीदास जी के शब्दों में उस मनोहारी दृश्य को समझते हैं, मानो हम स्वयं उस पल को जी रहे हों।
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