कर्नाटक की कनकपुरा सीट से 9 बार विधायक चुने गए डीके शिवकुमार, रुझान के बाद तस्वीर साफ, कांग्रेस को मिला पूर्ण बहुमत

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Neha Thakur
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कर्नाटक की कनकपुरा सीट से 9 बार विधायक चुने गए डीके शिवकुमार, रुझान के बाद तस्वीर साफ, कांग्रेस को मिला पूर्ण बहुमत

BANGALORE. कर्नाटक विधानसभा चुनाव में कोई नेता अपने बयान तो कोई अपने काम को लेकर चर्चा का विषय बना रहा। लेकिन इसके बीच सबसे ज्यादा चर्चा में बने रहे डीके शिवकुमार। दरअसल, शिवकुमार वर्तमान में कर्नाटक कांग्रेस के अध्यक्ष हैं। वे गांधी परिवार के बेहद करीबी माने जाने वाले नेता हैं। इस बार कर्नाटक चुनाव में कांग्रेस के लिए सीएम के दावेदार भी हैं। सीएम पद के लिए सिद्धारमैया से उनकी सीधी लड़ाई है। एक राजनीतिज्ञ होने के साथ-साथ डीके शिवकुमार शिक्षाविद् और सामाजिक कार्यकर्ता भी हैं। उन्होंने 2006 में कर्नाटक स्टेट ओपन यूनिवर्सिटी मैसूर से राजनीति विज्ञान में मास्टर ऑफ आर्ट्स में पीजी किया है।



9 बार बने विधायक



कर्नाटक की कनकपुरा चुनाव मैदान से डीके शिवकुमार 9 बार विधायक चुने जा चुके हैं। कनकपुरा में उनका मुकाबला बीजेपी सरकार में राजस्व मंत्री रहे आर अशोक से था। जिन्हें उन्होंने हरा दिया है। इस सीट पर सभी की निगाहें लगी हुईं थी। बता दें कि कांग्रेस इस बार कर्नाटक में 22 वर्षों के बाद सत्ता में आएगी। कांग्रेस ने कर्नाटक में सरकार बनाने की तैयारी में जुट गई है।



कांग्रेस के लिए हैं संकटमोचक बने शिवकुमार



डीके शिवकुमार कर्नाटक कांग्रेस में सबसे अमीर नेता हैं। वहां उनके समर्थक भारी संख्या में हैं, वे 840 करोड़ रुपए से अधिक संपत्ति के मालिक हैं। कांग्रेस पार्टी को जब भी फंड्स की जरुरत पड़ती है तो शिवकुमार वहां खड़े रहते हैं यानी वे पार्टी के लिए एक तरीके से संकटमोचक की भूमिका निभाते आ रहे हैं। हालांकि, वे सीबीआई, ईडी और आयकर विभाग की जांच के दायरे में भी हैं। चुनाव से पहले वे 104 दिनों तक जेल में रह चुके हैं। अभी वे जमानत पर बाहर हैं।



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कर्नाटक चुनाव में कांग्रेस का पलड़ा भारी



कर्नाटक विधानसभा चुनाव में दोपहर ढाई बजे तक के आंकड़ों के मुताबिक 224 सीटों में से कांग्रेस 137 सीट और बीजेपी 63 सीटों पर जीती है। कांग्रेस ने स्पष्ट बहुमत के आंकड़े को पार कर लिया है। कांग्रेस को चुनाव के परिणाम में पूर्ण बहुमत मिलता दिखाई दे रहा है। जबकि 2018 में 

जनता ने किसी भी दल को स्पष्ट बहुमत नहीं दिया था। पिछली बार भी लड़ाई त्रिकोणीय थी यानी बीजेपी, कांग्रेस और जेडीएस के बीच की लड़ाई, लेकिन जब परिणाम आया तो बीजेपी के पास 104 विधायक थे। दूसरे नंबर पर कांग्रेस के पास 78 सीटें थी, वहीं, जेडीएस के खातें में 37 सीटें गई थीं।

 


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