दिल्ली-NCR और कश्मीर में महसूस किए गए भूकंप के झटके, अफगानिस्तान में था केंद्र; फिलहाल किसी तरह के नुकसान की कोई खबर नहीं

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The Sootr
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दिल्ली-NCR और कश्मीर  में महसूस किए गए भूकंप के झटके, अफगानिस्तान में था केंद्र; फिलहाल किसी तरह के नुकसान की कोई खबर नहीं

DELHI. दिल्ली NCR में शाम के समय भूकंप के झटके महसूस किए गए हैं। शाम 7.57 बजे राजधानी दिल्ली में भूकंप के झटके महसूस हुए। कश्मीर में भी इसी तरह भूकंप के झटके महसूस किए गए हैं। अभी तक किसी तरह के जान-माल के नुकसान की खबर नहीं है। रिएक्टर पैमाने में भूकंप की तीव्रता 5.5 मापी गई है। पाकिस्तान और अफगानिस्तान में भी भूकंप के झटकों की खबर है। भारत, ताजिकिस्तान और अफगानिस्तान के कई हिस्सों में भूकंप के झटके महसूस किए गए हैं, वहीं पाकिस्तान के लाहौर और आसपास के इलाकों में भूकंप के जोरदार झटके महसूस किए हैं। इससे पहले रविवार को भी राजधानी दिल्ली और आसपास के इलाकों में भूकंप के झटके महसूस किए गए थे, तब भी किसी के घायल होने या नुकसान की कोई खबर नहीं थी। 





पिछले साल नंवबर में तीन बार आया था भूकंप





29 नवंबर को दिल्ली-NCR में भूकंप के झटके महसूस किए गए थे, उस समय तीव्रता 2.5 मापी गई थी। दिल्ली का पश्चिमी क्षेत्र भूकंप का केंद्र रहा था, जिसकी गहराई 5 किलोमीटर थी। इससे पहले 12 नवंबर को दिल्ली-NCR और उत्तराखंड में भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए थे। भूकंप आने के बाद लोग घर और दफ्तरों से बाहर आ गए थे। तब दिल्ली के अलावा नोएडा, गाजियाबाद, बिजनौर में भी भूकंप के झटके महसूस किए गए थे।





देश का 59 फीसदी हिस्सा रिस्क जोन में





आपको बता दें कि पूरे देश को भारतीय मानक ब्यूरो (BIS) ने पांच भूकंप जोन में बांटा है, देश का 59 फीसदी हिस्सा भूकंप रिस्क जोन में है। देश में पांचवें जोन को सबसे ज्यादा खतरनाक और सक्रिय माना जाता है। इस जोन में आने वाले राज्यों और इलाकों में तबाही की आशंका सबसे ज्यादा रहती है, पांचवें जोन में देश के कुल भूखंड का 11 फीसदी हिस्सा आता है। चौथे जोन में 18 फीसदी और तीसरे और दूसरे जोन में 30 फीसदी हिस्सा आता है। 





चार प्रकार के होते हैं भूकंप







  • भूकंप का पहला प्रकार इंड्यूस्ड भूकंप होता है, यानी ऐसे भूकंप जो इंसानी गतिविधियों की वजह से पैदा होते हैं। जैसे सुरंगों को खोदना, जलस्रोत को भरना या फिर किसी तरह के बड़े भौगोलिक या जियोथर्मल प्रोजेक्ट्स को बनाना



  • दूसरा होता है वॉल्कैनिक भूकंप यानी वो भूकंप जो किसी ज्वालामुखी के फटने से पहले, फटते समय या फटने के बाद आते हैं। ये भूकंप गर्म लावा के निकलने और सतह के नीचे उनके बहने की वजह से आते हैं।


  • तीसरा होता है कोलैप्स भूकंप यानी छोटे भूकंप के झटके जो जमीन के अंदर मौजूद गुफाओं और सुरंगों के टूटने से बनते हैं, जमीन के अंदर होने वाले छोटे विस्फोटों की वजह से भी ये आते हैं।


  • चौथा है एक्सप्लोसन भूकंप इस तरह के भूकंप के झटके किसी परमाणु विस्फोट या रासायनिक विस्फोट की वजह से पैदा होते हैं।




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