DELHI. दिल्ली एनसीआर में एक बार फिर से भूकंप आया है। ये भूकंप शनिवार, 12 नवंबर की रात 7 बजकर 57 मिनट पर आया है। इसकी तीव्रता रिक्टर पैमाने पर 5.4 मापी गई है। भूकंप के झटके इतने तेज थे कि लोग घरों से बाहर निकलकर भागने लगे। कंपन से खबराए लोग अपने-अपने घरों और ऑफिसों से बाहर खुले जगह पर एकत्रित हो गए। इससे पहले शाम 4 बजकर 25 मिनट पर उत्तराखंड में भी भूकंप आया था। जानकारी के मुताबिक, ऋषिकेश भूकंप का केंद्र रहा। रिक्टर पैमाने में 3.4 तीव्रता दर्ज की गई थी. इसके अलावा, रुद्रप्रयाग में भी भूकंप के झटके महसूस किए गए। भूकंप के झटके दिल्ली-एनसीआर में फरीदाबाद, गुरुग्राम, गाजियाबाद, नोएडा, हापुड़ में भी झटके महसूस हुए। इसी के साथ उत्तराखंड में आज दो बार धरती हिली। एक हफ्ते पहले भी दिल्ली में भूकंप आया था। भूकंप का सेंटर नेपाल में बताया गया है।
भूकंप क्यों आता है?
धरती के अंदर 7 प्लेट्स ऐसी होती हैं जो लगातार घूमती रहती हैं। ये प्लेट्स जिन जगहों पर ज्यादा टकराती हैं, उसे फॉल्ट लाइन जोन कहा जाता है। बार-बार टकराने से प्लेट्स के कोने मुड़ जाते हैं। जब प्रेशर ज्यादा बन जाता है तो प्लेट्स टूट जाती हैं। इनके टूटने की वजह से अंदर की एनर्जी बाहर आने का रास्ता ढूंढती है। इसी डिस्टर्बेंस के बाद भूकंप आता है.
कितने रिक्टर स्केल वाला भूकंप खतरनाक?
वैसे भूकंप की अधिकमत तीव्रता तय नहीं हो पाई है. लेकिन रिक्टर स्केल पर 7.0 या उससे अधिक की तीव्रता वाले भूकंप को सामान्य से खतरनाक माना जाता है। इसी पैमाने पर 2 या इससे कम तीव्रता वाला भूकंप सूक्ष्म भूकंप कहलाता है जो ज्यादातर महसूस नहीं होते हैं। 4.5 की तीव्रता का भूकंप घरों को नुकसान पहुंचा सकता है।