ईडी के असिस्टेंट डायरेक्टर को सीबीआई ने किया गिरफ्तार, शराब नीति मामले में पांच करोड़ की रिश्वत लेने का आरोप

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Pratibha Rana
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ईडी के असिस्टेंट डायरेक्टर को सीबीआई ने किया गिरफ्तार, शराब नीति मामले में पांच करोड़ की रिश्वत लेने का आरोप

New Delhi. दिल्ली के शराब नीति घोटाले में पूर्व उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया समेत कई नेता घेरे में आ चुके हैं। अब मामले में सीबीआई ने ईडी के असिस्टेंट डायरेक्टर को गिरफ्तार किया है। आरोप है कि ईडी में असिस्टेंट डायरेक्टर के रूप में काम करने वाले पवन खत्री ने शराब नीति मामले में आरोपी व्यवसायी अमनदीप सिंह ढल्ल से पांच करोड़ रुपए की रिश्वत ली थी। जांच के बाद सीबीआई ने खत्री समेत दो-दो अधिकारियों पर रिश्वत के आरोप में शिकायत दर्ज की थी। अब जांच के बाद खत्री को गिरफ्तार कर लिया है।



ईडी ने किया था केस दर्ज करने का अनुरोध



शराब नीति घोटाले की जांच में नाम सामने के बाद ईडी ने सीबीआई से केस दर्ज करने अनुरोध किया था। इसके बाद सीबीआई ने आरोपियों ईडी के सहायक निदेशक पवन खत्री और अपर डिविजनल क्लर्क नितेश कोहर के खिलाफ एफआईआर दर्ज की थी। मामले में अन्य आरोपियों में एयर इंडिया के कर्मचारी दीपक सांगवान, गिरफ्तार व्यवसायी अमनदीप सिंह ढल्ल, गुरुग्राम निवासी बीरेंद्र पाल सिंह, एक चार्टर्ड अकाउंटेंट प्रवीण कुमार वत्स, क्लेरिजेस होटल के सीईओ विक्रमादित्य और कुछ अन्य अधिकारी शामिल हैं। 



सीबीआई के एक अधिकारी के अनुसार, ईडी की शिकायत में जानकारी मिली थी कि अमनदीप सिंह ढल्ल और बीरेंद्र पाल सिंह ने शराब नीति मामले में चल रही जांच में आरोपियों की मदद करने के लिए दिसंबर 2022 और जनवरी 2023 के बीच प्रवीण वत्स को पांच करोड़ रुपए दिए थे। ईडी को दिए अपने बयान में प्रवीण वत्स ने कहा था कि दीपक सांगवान ने उन्हें कुछ पैसे के बदले अमनदीप ढल्ल को गिरफ्तारी से बचाने की व्यवस्था करने में मदद करने का आश्वासन दिया था। सांगवान ने दिसंबर 2022 में वत्स को ईडी अधिकारी पवन खत्री से मिलवाया था।



गिरफ्तारी से बचाने के ऐसे बांटे गए रुपए



अधिकारी के अनुसार, दीपक सांगवान के आश्वासन के आधार पर प्रवीण वत्स ने दिसंबर 2022 से जनवरी 2023 तक 50-50 लाख रुपए की छह किश्तों में अमनदीप ढल्ल से 3 करोड़ रुपए लिए। दीपक सांगवान ने बाद में वत्स को बताया कि अमनदीप सिंह ढल्ल को दो करोड़ और देने पर आरोपी लिस्ट से बाहर किया जा सकता है। प्रवीण वत्स ने यह बात अमनदीप ढल्ल को बताई और व्यवसायी के प्रस्ताव पर सहमत होने के बाद उन्होंने वत्स से 50-50 लाख रुपए की चार किश्तों में दो करोड़ रुपए और ले लिए। ऐसे में रिश्वत की कुल राशि पांच करोड़ रुपए हो गई। मामले में सीबीआई को सुबूत भी दिए गए हैं। 



पूरा पैसा कैश में दिया



पूछताछ के दौरान प्रवीण वत्स ने ईडी को बताया था कि अमनदीप सिंह ढल्ल के पिता से मिले पैसे में से उसने दीपक सांगवान और पवन खत्री को आगे 50 लाख रुपए दिए थे। यह रुपए कैश में किया गए थे। उनके हाथ में रुपए दिसंबर 2022 के मध्य में आईटीसी होटल, वसंत विहार के पीछे एक पार्किंग में दिए गए थे, हालांकि, सांगवान द्वारा दिए गए आश्वासन के बावजूद अमनदीप ढल्ल को 1 मार्च 2023 को ईडी ने गिरफ्तार कर लिया। इसके बाद प्रवीण वत्स ने दीपक सांगवान से मुलाकात की, जिन्होंने कहा कि गिरफ्तारी के निर्देश उच्च अधिकारियों से आए थे और उन पर उनका कोई प्रभाव नहीं था। ऐसे में वत्स ने सारी पोल खोल दी।



काम नहीं हुआ जो वापस मांग लिए पैसे



दीपक सांगवान ने ईडी अधिकारियों को दिए अपने बयान में बताया कि वह ढल्ल के परिवार से लिए गए पैसे की वापसी के सिलसिले में जून में प्रवीण से मिले थे। ऐसी कुछ बैठकों में ईडी के दो आरोपी अधिकारी पवन खत्री और नितेश कोहर भी मौजूद थे। पैसे नहीं लौटाने पर मामला और बिगड़ गया।



ईडी अफसरों के घर छापा, 2.19 करोड़ रुपए नकद और हीरे के आभूषण मिले



शराब नीति घोटाले के मामले की जांच कर रहे ईडी के वरिष्ठ अधिकारियों को कुछ ईडी अधिकारियों द्वारा रिश्वत लेने के बारे में पता चला। इसके बाद ईडी अधिकारियों ने जांच शुरू की और बाद में जांच एजेंसी के संदिग्ध अधिकारियों सहित मामले के आरोपियों के आवास पर छापा मारा गया। तलाशी के दौरान टीम को प्रवीण वत्स के घर से 2.19 करोड़ रुपए नकद और 1.94 करोड़ रुपये के हीरे के आभूषण मिले। उनके बैंक खाते में 2.62 करोड़ रुपये भी थे। 



ढल्ल से 30 करोड़ रुपए की रंगदारी वसूलने की थी योजना 



ईडी ने प्रवीण वत्स के घर से दो लग्जरी कारें भी जब्त कीं। जांच एजेंसी ने ईडी अधिकारियों सहित मामले के अन्य आरोपियों के घर से अन्य आपत्तिजनक सुबूत भी जब्त किए। दोनों आरोपी ईडी अधिकारी उस टीम का हिस्सा नहीं थे, जो शराब नीति घोटाले की जांच कर रही है। उन्होंने अमनदीप सिंह ढल्ल से 30 करोड़ रुपए की रंगदारी वसूलने की योजना बनाई थी। ईडी के आदेश पर एफआईआर दर्ज करने के बाद सीबीआई ने आरोपियों से जुड़े परिसरों की तलाशी भी ली। 



पूर्व उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया जेल में 



भ्रष्टाचार मामले में 26 फरवरी 2023 को आठ घंटे की लंबी पूछताछ के बाद सीबीआई ने केजरीवाल सरकार में पूर्व उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया को गिरफ्तार किया था। मनीष सिसोदिया करीब पांच महीने से तिहाड़ जेल में बंद हैं



शराब घोटाले में अब तक... 




  • भ्रष्टाचार के मामले में सीबीआई ने अब तक मनीष सिसोदिया विजय नायर, बुच्ची बाबू, अभिषेक बोइनपल्ली, अमनदीप ढल को गिरफ्तार किया है, जबकि ईडी ने मनी लांड्रिंग मामले में 14 लोगों को गिरफ्तार किया है, इनमें मनीष समेत अन्य पांच भी शामिल हैं।


  • मनी लांड्रिंग मामले में ईडी द्वारा दाखिल आरोप पत्र व दो पूरक आरोप पत्र में आरोपितों की संख्या 25 हो चुकी है।

  • सिसोदिया ने मामले में की गई प्राथमिकी को रद करने व जमानत की मांग को लेकर सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की। 28 फरवरी को शीर्ष अदालत ने याचिका पर विचार करने से इन्कार कर हाई कोर्ट या निचली अदालत में जाने को कहा।

  • सीबीआई मामले में सिसोदिया की जमानत याचिका निचली अदालत ने 31 मार्च को खारिज कर दी थी। सिसोदिया ने इसे हाई कोर्ट में चुनौती है और इस पर निर्णय अभी लंबित है। 

  • सीबीआई ने मनीष सिसोदिया, विजय नायर, अभिषेक बोइनपल्ली और बुच्ची बाबू को गिरफ्तार किया था। हालांकि, सीबीआई ने समीर महेंद्रु, गौतम मुथा, अरुण पिल्लई, कुलदीप सिंह, नरेंद्र सिंह को गिरफ्तार नहीं किया। मनीष सिसोदिया को छोड़कर सीबीआई मामले में सभी को जमानत मिल चुकी है।


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