MUMBAI. महाराष्ट्र में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी का सियासी संग्राम अब चुनाव आयोग तक पहुंच गया है। मामले में चुनाव आयोग ने शरद पवार के गुट को नोटिस जारी किया है। यह नोटिस महाराष्ट्र के डिप्टी CM अजित पवार की ओर से दायर याचिका पर जारी किया गया है। आयोग ने शरद पवार से राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी को लेकर अपना पक्ष रखने के लिए कहा है।
चाचा शरद पवार और भतीजे अजित आमने सामने
राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी का असली किंग कौन है? इसे लेकर चाचा शरद पवार और भतीजे अजित आमने सामने हैं। शिंदे सरकार में शामिल होने के बाद अजित गुट ने पार्टी पर दावा ठोक दिया है। इसको लेकर 30 जून को अजित पवार ने चुनाव आयोग को जानकारी दे दी थी कि NCP की ओर से पार्टी अध्यक्ष बदल दिया गया है और उन्हें अध्यक्ष नियुक्त किया गया है, अजित पवार के अनुसान वे ही असली एनसीपी हैं, इस मामले में चुनाव आयोग ने शरद पवार को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। अजित गुट ने चुनाव आयोग से कहा था कि एनसीपी के सदस्यों की ओर से हस्ताक्षर किए गए प्रस्ताव के जरिए उन्हें पार्टी का चीफ नियुक्त किया गया है और एनसीपी के कार्यकारी अध्यक्ष प्रफुल्ल पटेल ही बने रहेंगे। चुनाव आयोग ने इस मामले पर संज्ञान लेते हुए शरद पवार गुट को नोटिस भेजा है। नोटिस के जरिये अजित गुट द्वारा पार्टी के असली अध्यक्ष होने वाले दावे पर जवाब मांगा है।
चाचा से बगावत कर सरकार में शामिल हो गए थे अजित पवार
आपको बता दें कि 2 जुलाई को NCP संस्थापक और अपने चाचा शरद पवार से बगावत अजित पवार अपने समर्थक विधायकों के साथ शिंदे-फडणवीस सरकार में शामिल हो गए थे। उन्होंने डिप्टी सीएम पद की शपथ ग्रहण ली थी। इस दौरान 8 अन्य NCP विधायकों छगन भुजबल, धनंजय मुंडे, अनिल पाटिल, दिलीप वलसे पाटिल, धर्मराव अत्राम, संजय बनसोड़े, अदिति तटकरे और हसन मुश्रीफ ने भी मंत्री पद की शपथ ली थी। इसके बाद NCP के 9 मंत्रियों को मिलाकर महाराष्ट्र में अब 29 कैबिनेट मंत्री हो गए हैं। इसके साथ ही अजित पवार ने 40 विधायकों, विधानपार्षदों और सांसदों के समर्थन के साथ NCP के नाम और सिंबल पर दावा किया था। उन्होंने सभी विधायकों के दस्तखत वाले हलफनामे चुनाव आयोग को सौंपे थे। उन्होंने आयोग से दावा किया था कि असली NCP वही हैं।
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बागी विधायकों को निलंबित करने के लिए याचिका दायर
NCP संस्थापक शरद पवार गुट ने अजित पवार का समर्थन कर सरकार में शामिल होने 9 विधायकों को अस्थायी तौर पर निलंबित करने की मांग की है। इन विधायकों के खिलाफ NCP विधायक और ग्रुप लीडर जयंत पाटिल ने विधानसभा स्पीकर हाउस में याचिका दायर की है। याचिका में मांग की गई है कि इन विधायकों को अस्थायी तौर पर निलंबित करने की कार्रवाई की जाए। आपको बता दें कि असली एनसीपी किसके पास रहेगी, इसको लेकर फैसला चुनाव आयोग का करना है, शरद गुट के जवाब के बाद EC अपना फैसला सुनाएगा।