हरियाणा विधानसभा चुनाव के नतीजे आज आएंगे। हरियाणा में वोटों की गिनती 8 बजे से शुरू हो जाएगी। चुनाव अधिकारियों और पार्टी प्रतिनिधियों के सुबह 5 बजे तक मतगणना केंद्रों पर पहुंचेगी। गिनती डाक मतपत्रों से शुरू होगी, जो विशिष्ट समूहों जैसे विकलांग व्यक्तियों, सुरक्षा कर्मियों और आवश्यक सरकारी सेवा कर्मचारियों को आवंटित किए जाते हैं। इसके बाद इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (EVM) वोटों की गिनती होगी। दोपहर तक शुरुआती रुझान आने की संभावना है।
हरियाणा विधानसभा में कुल कितनी सीटें
हरियाणा विधानसभा में 90 सीट है। कांग्रेस ने सीपीएम के साथ मिलकर 90 सीटों पर चुनाव लड़ा और एक सीट सीपीएम को दी। वहीं भाजपा ने 89 सीटों पर चुनाव लड़ा। दुष्यंत चौटाला की जेजेपी ने चंद्रशेखर आजाद की एएसपीकेआर (ASPKR) के साथ मिलकर कुल 78 सीटों पर चुनाव लड़ा। जेजेपी 66 सीटों पर लड़ी तो एएसपीकेआर 12 सीटों पर। वहीं अभय चौटाला की आईएनएलडी और बसपा (BSP) ने कुल 86 सीटों पर चुनाव लड़ा। इसमें आईएनएलडी 51 सीटों पर तो बसपा 35 सीटों पर चुनाव लड़ी। अरविंद केजरीवाल की आम आदमी पार्टी तो सभी 90 सीटों पर चुनाव लड़ी। हालांकि, कई सीटों पर बीजेपी और कांग्रेस के अलावा अन्य भी तगड़े मुकाबले में देखे गए। ऐसी ही सीटों के कारण कई बार एक्जिट पोल्स (exit polls ) गलत साबित हो जाते हैं।
अभी किसकी सरकार है।
हरियाणा में फिलहाल अभी बीजेपी की सरकार की है। अब देखना होगा क्या है बीजेपी अपनी यहां पर सरकार बचा पाती है या नहीं।
एक्जिट पोल के क्या हैं अनुमान
एक्जिट पोल्स कांग्रेस की सरकार बना रहे हैं और बीजेपी काफी पिछड़ती नजर आ रही हैं। एक्जिट पोल्स के अनुसार, पिछले 10 सालों से सत्ता से दूर रही कांग्रेस इस बार भारी बहुमत से सत्ता में वापसी करने जा रही है। वहीं AAP, जेजेपी और INLD तीनों मिलाकर भी दहाई का आंकड़ा पार करते नजर नहीं आ रहे हैं। हरियाणा में एक्जिट पोल के नतीजे भले ही कांग्रेस की पूर्ण बहुमत की सरकार बनने की ओर इशारा कर रहे हैं, लेकिन बीजेपी को राज्य में तीसरी बार अपनी सरकार बनने की उम्मीद है। कांग्रेस और बीजेपी के दावों-प्रतिदावों को नकारते हुए क्षेत्रीय दलों को भी लग रहा है कि प्रदेश में त्रिशंकु विधानसभा का गठन हो सकता है, जिसमें उनकी भूमिका अहम रहेगी।
कैसी है जोड़-तोड़ की तैयारी
हरियाणा में बीजेपी ने दो दिन पहले ही इशारा किया था कि यदि वह किसी कारण से स्पष्ट बहुमत से दूर रहती है तो सरकार बनाने के लिए इनेलो समेत अन्य क्षेत्रीय दलों और निर्दलीय विधायकों का सहयोग लेने से उसे कोई परहेज नहीं होगा। ऐसे में यदि कांग्रेस के सरकार बनाने के दावों को बीजेपी नकारते हुए क्षेत्रीय दलों के सहयोग से कोई खेल कर दे तो कोई हैरानी नहीं होगी। हालांकि एक्जिट पोल्स में कांग्रेस की सरकार बनती दिख रही है।
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