8 फरवरी को पाकिस्तान में चुनाव, पाकिस्तान और भारत के चुनाव प्रक्रिया में क्या है अंतर, क्यों बनाए जाते हैं केयरटेकर पीएम?

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Pooja Kumari
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8 फरवरी को पाकिस्तान में चुनाव, पाकिस्तान और भारत के चुनाव प्रक्रिया में क्या है अंतर, क्यों बनाए जाते हैं केयरटेकर पीएम?

BHOPAL. 8 फरवरी 2024 को पाकिस्तान में नेशनल असेंबली और प्रांतीय चुनाव होने वाले हैं। बता दें कि इस चुनाव में हिंदू समेत सभी अल्पसंख्यकों के लिए 10 सीट रिजर्व होती हैं। इन सीटों पर वोट दिए बिना ही सांसद चुन लिया जाता है। इसी तरह पाकिस्तानी नेशनल असेंबली की 60 सीटें महिलाओं के लिए रिजर्व होती हैं। वहीं पूरे चुनाव की कमान केयरटेकर पीएम के हाथ में होती है।

क्या होती है केयरटेकर पीएम?

अब आपके मन से सवाल उठ सकता है कि जब चुनाव होने हैं तो केयरटेकर प्रधानमंत्री अलग से क्यों नियुक्त करना पड़ता है? दरअसल पाकिस्तान में आम चुनाव का प्रॉसेस नेशनल असेंबली का कार्यकाल पूरा होने के बाद ही शुरू होने का नियम है। जबकि भारत में लोकसभा का कार्यकाल खत्म होने से पहले ही चुनावी प्रक्रिया शुरू हो जाती है और जब तक लोकसभा कार्यकाल समाप्त होता है, नई सरकार शपथ ले लेती है। दुनिया के अनेक लोकतांत्रिक देशों में भारत की तरह ही चुनाव कराए जाते हैं, लेकिन पाकिस्तान का चुनाव आयोग एक्टिव ही तब होता है जब संसद भंग कर दी जाती है।

केयरटेकर पीएम का चुनाव कैसे होता है?

आर्टिकल 224 के तहत ही केयरटेकर प्रधानमंत्री का चयन होता है। संसद भंग होने पर पाकिस्तान के राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री और सदन में विपक्ष के नेता की सलाह पर केयरटेकर सरकार का गठन होता है। इसके लिए प्रधानमंत्री और विपक्ष के नेता की सहमति जरूरी है। हालांकि नियम तो ये है कि संसद भंग होने के 3 दिन के अंदर ऐसा करना होता है, लेकिन विशेष परिस्थिति में 15 दिनों में ऐसा किया जा सकता है। केयरटेकर पीएम के नाम पर सहमति हो जाने के बाद राष्ट्रपति की मंजूरी जरूरी होती है। हालांकि, यहां “मियां बीवी राजी तो क्या करेगा काजी” वाली बात है। यानी कि जिस नाम पर प्रधानमंत्री और विपक्ष के नेता की सहमति हो, उस नाम पर राष्ट्रपति भी अपनी मंजूरी दे देते हैं।

पाकिस्तान और भारत के चुनाव प्रक्रिया में क्या अंतर है?

भारत और पाकिस्तान के चुनाव में ज्यादा अंतर नही हैं और ना ही यहां की सरकार का सिस्टम भारत से ज्यादा अलग है। भारत की संसद की तरह पाकिस्तान की सदन में भी दो सदन होते हैं, निचले सदन को राष्ट्रीय असेंबली और ऊपरी सदन को सीनेट (Senate) कहते हैं। यह राष्ट्रीय असेंबली भारत की लोकसभा की तरह होती है। बता दें कि पाकिस्तान की संसद को मजलिस-ए-शूरा कहा जाता है और निचले सदन यानी राष्ट्रीय अंसेबली को कौमी इस्म्ब्ली कहा जाता है। वहीं उच्च सदन यानी सीनेट को आइवान-ए बाला कहा जाता है। हालांकि भारत में राष्ट्रपति संसद का हिस्सा नहीं होता है, जबकि पाकिस्तान की संसद में दोनों सदनों के साथ राष्ट्रपति भी शामिल होता है।

कैसे होते हैं आम चुनाव

भारत के ऊपरी सदन राज्यसभा की तरह पाकिस्तानी सीनेट के सदस्यों को प्रांतीय असेंबलियों के सदस्य चुनते हैं, जबकि निचले सदन राष्ट्रीय असेंबली के सदस्यों को आम चुनाव से चुना जाता है। भारत की लोकसभा में कुल 545 सदस्य हैं, जिसमें दो मनोनीत किए जाते हैं, जबकि पाकिस्तान की नेशनल असेंबली के सदस्यों की संख्या 342 है, लेकिन इनमें सिर्फ 272 सदस्य ही प्रत्यक्ष मतदान के जरिए चुने जाते हैं। वहीं अन्य 70 उम्मीदवारों के लिए चुनाव नहीं होता है।

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