BHOPAL. न्यू पेंशन स्कीम यानी के दायरे में आने वाले 4.60 लाख कर्मचारियों के लिए प्रदेश सरकार ने बीते शुक्रवार यानी 12 जनवरी को पेंशन नियमों में संशोधन किया हैं। इसके अंतर्गत यदि किसी कर्मचारी को किसी प्रकार का कोई दंड मिला हो या उसे विभागीय जांच के बाद नौकरी से बर्खास्त किया गया हो, यहां तक कि कोर्ट ने सजा सुना दी हो, इसके बावजूद इनमें से किसी भी परिस्थिति में उनकी पेंशन नहीं रोकी जाएगी। साथ ही इस स्कीम के तहत कर्मचारियों को मिलने वाले पेंशन में किसी तरह की कटौती भी नहीं की जा सकेगी।
NPS के तहत नहीं रुकेगी कर्मचारियों की पेंशन
बता दें कि नौकरी के दौरान जो राशि जमा की गई है, कर्मचारियों को उसका ब्याज सहित भुगतान किया जाएगा। जानकारी के मुताबिक 1 जनवरी 2005 के बाद (एनपीएस) राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली में आए समस्त कर्मचारी को इस स्कीम का लाभ मिलेगा। ओल्ड पेंशन स्कीम (ओपीएस) 31 दिसंबर 2004 के पहले नौकरी में आने वालों पर प्रभावी रहेगी। इसमें कोर्ट में दोष सिद्ध होने, गबन का आरोप होने या डिपार्टमेंटल इन्क्वायरी चलने पर पूरी पेंशन रोके जाने, 50% से ज्यादा कटौती किए जाने का प्रावधान बरकरार रहेगा। साथ ही सरकार की ओर से मिलने वाली ग्रेच्युटी भी रोक ली जाएगी। ये व्यवस्था 2.50 लाख कर्मचारियों पर पेंशन नियम 1976 के तहत लागू रहेगी। इसमें सिर्फ जीपीएफ में जमा राशि भुगतान की व्यवस्था है। पहले एनपीएस में भी यही व्यवस्था थी। ओपीएस में ये भी प्रावधान बरकरार रहेंगे, जिसमें 10 साल की सेवा पूरी न होने पर पेंशन न देने की व्यवस्था है। इस अवधि के पूरे होने पर अंतिम देय वेतन की 50% राशि पेंशन में देय होगी।
पेंशन रुकावट से संबंधित 22 हजार मामले
जानकारी के मुताबिक प्रदेश में पेंशन रुकावट से संबंधित 22 हजार मामले हैं। इनमें से 2 हजार मामले ऐसे भी हैं, जिनमें अधिकारी की नाराजगी के कारण उसकी विभागीय जांच शुरू कर दी गई है। साथ ही कर्मचारियों पर गंभीर आरोपों के तहत मुकदमा दायर कर दिया है। इसके कारण 30 से 35 साल की सेवा पूरी होने के बावजूद भी कर्मचारियों को पेंशन का लाभ नहीं मिल पाता था। मामले का निराकरण होने तक सेवानिवृत्त होने वाले कर्मचारियों का परिवार इसमें संघर्ष करता रह जाता था। इसलिए ये नई व्यवस्था लागू की गई। ताकि सभी कर्मचारियों को समान लाभ मिल सके।
10 साल में रिटायरमेंट पर भी पूरा लाभ
1 जनवरी 2005 के बाद नौकरी में आए कर्मचारियों के लिए एनपीएस लागू किया गया है। सेवा में आने के 10 साल में यदि कोई कर्मचारी रिटायर हो जाता है, तो उसे पेंशन का पूरा लाभ मिलेगा। यहां तक कि दोषी पाए जाने पर भी कर्मचारी के नौकरी में लौटने पर उसके वेतन से हर महीने 10% राशि काटी जाती है, उसमें 14% राशि सरकार जमा करती है। बता दें ये राशि कार्पस फंड में जमा की जाती है। उदाहरण के लिए यदि किसी कर्मचारी का वेतन 50,000 है तो उसका और सरकार का अंश मिलाकर प्रत्येक महीने 12 हजार रुपए उसके वेतन में से काटी जाएगी।