ये 4 चार देश करेंगे भारत में अरबों डॉलर का निवेश, मिलेंगे लाखों JOBS

भारत सरकार के सूत्रों के मुताबिक कई और देशों और ऐसे ही संगठनों के बीच कई दौर की बातचीत चल रही है। संभव है कि लोकसभा चुनाव के बाद यह बातचीत समझौतों में बदल जाए।

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Dr Rameshwar Dayal
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यूरोप ( Europe )  के चार देशों ( 4 countries ) ने भारत ( India ) पर विशेष मेहरबानी कर दी है। इन चार देशों के संगठन यूरोपियन फ्री ट्रेड एसोसिएशन ( European Free Trade Association - EFTA ) ने घोषणा की है कि वह आगामी 15 वर्षों में भारत में 100 अरब डॉलर का निवेश करेगा। इन देशों का यह भी कहना है कि इस कवायद से करीब 10 लाख लोगों के लिए रोजगार का रास्तार खुल सकता है। इनमें स्वास्थ्य, फूड व फार्मा सेक्टर आदि शामिल हैं।

निवेश का मसला सालों पहले शुरू हुआ था

इस मसले पर भारत और चार देश आइसलैंड, नार्वे, स्विटजरलैंड व लिकटेंस्टीन की इस एसोशिएन EFTA ने एक डील पर हस्ताक्षर किए हैं। नई दिल्ली में रविवार को हुए इस कारोबारी समझौते में केंद्र सरकार के मंत्री पीयूष गोयल व इन देशों के प्रतिनिधि मौजूद थे। वैसे यह निवेश का मसला वर्ष 2008 में शुरू हुआ था। पांच साल तक संगठन व भारत सरकार के बीच 13 दौर की बातचीत चलने के बाद रुक गई। साल 2016 में बाचतीत शुरू हुई और अब 21 दौर की लंबी चर्चा के बाद यह डील फाइनल हो गई है।

भारत के लिए यह समझौता बेहद खास

इस समझौते के तहत आगामी 15 सालों तक 100 अरब डॉलर का निवेश किया जाएगा। इसके तहत जिन सेक्टर में निवेश किया जाएगा, वहां लाखों युवाओं के लिए रोजगार के रास्ते खुल जाएंगे। भारत सरकार इस डील को बेहद खास मान रही है। उसका कहना है कि आत्मनिर्भर भारत के लिए ऐसी योजनाओं को सिरे चढ़ाया जाना जरूरी है। डील में किसी प्रकार की बाधा न आए, इसके लिए भारत ने इन देशों के लिए आयात शुल्क को कम करने का निर्णय भी लिया है। सूत्र बताते हैं कि इस समझौते में फिलहाल कृषि, डेयरी व कोयला सेक्टर को फिलहाल शामिल नहीं किया गया है। आपको बता दें कि भारत और EFTA के बीच फिलहाल 18.66 अरब डॉलर का कारोबार चल रहा है, जो अब बढ़ जाएगा। वैसे इस समझौते को अमली जामा पहनाने के लिए इन देशों की संसद से मंजूरी मिलना जरूरी है।

अन्य देशों के साथ भी समझौते संभव

भारत सरकार के सूत्रों के मुताबिक कई और देशों और ऐसे ही संगठनों के बीच कई दौर की बातचीत चल रही है। संभव है कि लोकसभा चुनाव के बाद यह बातचीत समझौतों में बदल जाए। जिन देशों से बातचीत चल रही है, उनमें ब्रिटेन, यूरोपियन यूनियन, ओमान आदि शामिल है। इनमें पहला समझौता ब्रिटेन के साथ होना बताया जा रहा है। जिन सेक्टर के कारोबार को भारत आगे बढ़ाना चाहते हैं, नमें ऑटोमोबाइल, मीट प्रॉडक्ट, लिकर आदि ट्रेड शामिल हैं।

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