नूंह-गुरुग्राम से हिंदू और मुसलमानों का पलायन शुरू, मध्य प्रदेश और बंगाल लौटने को मजबूर 

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Pratibha Rana
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नूंह-गुरुग्राम से हिंदू और मुसलमानों का पलायन शुरू, मध्य प्रदेश और बंगाल लौटने को मजबूर 

Gurugram. हरियाणा के नूंह में 31 जुलाई को दो समुदायों के बीच टकराव के चलते हुई हिंसा ने बड़ा रूप ले लिया है। हिंसा की आग में दोनों समुदायों के घर झुलस गए। झड़प में दो होम गार्ड और एक मौलवी सहित छह लोगों की मौत हो चुकी है। अब हालात ऐसे हैं कि हिंसाग्रस्त नूंह-गुरुग्राम से पलायन का दौर शुरू हो चुका है। पलायन करने वालों में हिंदू और मुसलमान दोनों ही शामिल हैं। लोगों का कहना है कि अब यहां डर लग रहा है। कब-कौन आकर मार दे, या घर को आग लगा दे। अब यहां रहने लायक हालात नहीं बचे हैं। परिवार की बेहतरी के लिए यहां से जा रहे हैं। भविष्य में अगर हालात सुधरते हैं तो हम वापस आ सकते हैं। 



वाहनों और मकानों को जलाया, दुकानों और शोरूम में लूटपाट...



अब तक 200 से ज्यादा वाहनों में आग लगा दी गई। 100 से ज्यादा मकानों को फूंक दिया गया। छह लोगों की मौत हो चुकी है। 50 से ज्यादा घायल हैं। कई मकानों और दुकानों को घ्वस्त कर दिया गया है। कई शोरूम में दर्जनों टीवी, 200 से ज्यादा बाइकें आदि लूट ली गई हैं। घर के घर उजड़ चुके हैं। 



गुरुग्राम के रहमत अली बंगाल जाने की तैयारी कर रहे



नूंह से शुरू हुआ हिंसा का दौर गुरुग्राम तक जा पहुंचा था। गुरुग्राम के सेक्टर 70A में एक झुग्गी में रहने वाले रहमत अली ने कहा कि मंगलवार (1 अगस्त) की रात कुछ लोग बाइक पर आए और हमें धमकी दी कि अगर हम वहां से नहीं गए तो वे हमारी झुग्गी में आग लगा देंगे। पुलिस रात से ही यहां मौजूद है, लेकिन मेरा परिवार डरा हुआ है और हम शहर छोड़ रहे हैं। रहमत अली ऑटो-रिक्शा चलाते हैं। वे अपने घर पश्चिम बंगाल वापस जा रहे हैं। 



परिवार समेत पैदल निकलने की तैयारी, मप्र जाएंगे 



नूंह में कुछ हिंदू परिवारों ने भी घर छोड़ने का फैसला किया है। दरअसल, जिले में कर्फ्यू लगा हुआ है। ऐसे में ये लोग परिवार के साथ पैदल ही निकलने की तैयारी में जुट गए हैं। मध्य प्रदेश के जगदीश ने कहा कि वह पिछले कई महीनों से नूंह में रह रहे हैं, लेकिन अब यहां डर लग रहा है और वह अपने गृहनगर चले जाएंगे। 



400 हिंदू परिवारों को शहर छोड़ने के लिए मजबूर किया



जगदीश की तरह उत्तर प्रदेश के राम अवतार अपने परिवार के साथ नूंह में रह रहे हैं, उन्होंने कहा कि कई हिंदू परिवारों ने मंगलवार रात से पलायन करना शुरू कर दिया है। लोग धीरे-धीरे यहां से निकलना चाह रहे हैं। परिवार की सुरक्षा को लेकर डर लग रहा है। बस यही सोच रहे हैं कि किसी भी तरह अपने गृहनगर तक सुरक्षित पहुंच जाएं। मजदूरी करने वाले जगदीश ने दावा किया कि लगभग 400 हिंदू परिवारों को शहर छोड़ने के लिए मजबूर किया गया है। 



काम की तलाश में आई थी, लेकिन अब जान का डर



पश्चिम बंगाल की मूल निवासी बमिशा खातून सेक्टर -70A में झुग्गी में रहती हैं। उन्होंने कहा कि वह 3 साल पहले काम की तलाश में गुरुग्राम आई थीं। वह हाउस हेल्प के रूप में काम करती हैं। खातून ने कहा कि मुझे अपनी जान का डर है और मैंने अपने गृहनगर जाने का फैसला किया है। प्रवासी अहिला बीबी ने कहा कि वह अपनी जान का जोखिम नहीं लेना चाहती हैं और स्थिति सुधरने पर बाद में वापस आएंगी। अब वे जा रही हैं।



हालात ऐसे हो गए कि अब कोई दूसरा विकल्प नहीं बचा



पश्चिम बंगाल के मूल निवासी खालिद ने कहा कि उनके पास शहर छोड़ने के अलावा कोई अन्य विकल्प नहीं है। हमने अपने जमीन मालिक से बात की, जिन्होंने स्पष्ट रूप से कहा कि सांप्रदायिक भड़कने के बाद वह किसी भी अप्रिय घटना के लिए जिम्मेदार नहीं होंगे। इसलिए हमने अपने पैतृक गांव लौटने का फैसला किया।



मजबूरी... ये लोग लौट रहे अपने गृहनगर 



पुलिस के अनुसार, वजीराबाद, घाटा गांव, सेक्टर 70ए और बादशाहपुर में झुग्गियों में रहने वाले कई लोग अपने गृहनगर लौट रहे हैं। इनमें से ज्यादातर मुस्लिम समुदाय से हैं। एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा कि कुछ प्रवासी श्रमिक जो ड्राइवर, माली, रेहड़ी-पटरी वाले, हाउस हेल्प के रूप में काम करने वाले लोग डर के कारण अपने मूल स्थानों पर वापस जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि गुरुग्राम में स्थिति सामान्य है। किसी भी प्रकार की स्थिति से निपटने के लिए पूरे जिले में पुलिस और आरएएफ तैनात है। हमने लोगों से अफवाहों से बचने और न डरने की अपील की है.



पुलिस ने कहा- लोग बिना डरे रहें, हम सुरक्षा करेंगे 



उपायुक्त निशांत कुमार यादव ने बताया कि यह हमारी जानकारी में आया है कि कुछ श्रमिक अपने मूल स्थानों पर लौट रहे हैं लेकिन गुरुग्राम में स्थिति सामान्य है। उन्हें डरना नहीं चाहिए और हम उन्हें उनकी सुरक्षा का आश्वासन देते हैं।



गुरुग्राम के जामा मस्जिद के पास का इलाका भी सुनसान



जानकारी के मुताबिक, मानेसर, टीकली, कसान, IMT और कुछ अन्य क्षेत्रों से भी कई लोग अपने मूल स्थानों पर लौटने के बारे में सोच रहे हैं। इस बीच बुधवार को मुख्य सब्जी मंडी के पास गुरुद्वारा रोड और खांडसा मंडी से भी कई फलों की रेहड़ियां गायब पाई गईं। गुरुग्राम के जामा मस्जिद के पास का इलाका भी सुनसान नजर आया। 



5 अगस्त तक इंटरनेट बंद



हरियाणा सरकार ने नूंह के हालात को देखते हुए आईआरबी के हेडक्वार्टर को गुरुग्राम के भोंडसी से तत्काल प्रभाव से नूंह में शिफ़्ट करने का आदेश जारी किया है। नूंह और आसपास के इलाकों में हालात सामान्य बनाने के लिए केंद्र सरकार से केंद्रीय रिजर्व पुलिस फोर्स इसकी पांच कंपनियां और मांगी गई हैं। हालातों के मद्देनजर फरीदाबाद, पलवल, गुरुग्राम के सोहना, पटोदी और मानेसर में 5 अगस्त तक इंटरनेट सेवाएं बंद रहेंगी।

 


Violence in Nuh-Gurugram residents fleeing migration of 400 Hindu families people going to  other countries heavy police force deployed in many areas नूंह-गुरुग्राम में हिंसा पलायन कर रहे रहवासी 400 हिंदू परिवारों का पलायन कई क्षेत्रों में भारी पुलिस बल तैनात