Eye Flu : बरसात के बाद बढ़ रही आई फ्लू की समस्या, जानिए कैसे करें आंखों की देखभाल

बारिश के सीजन में आंखों में संक्रमण को लेकर समस्याएं बढ़ती जा रही हैं। ऐसे में आंखों की सही तरीके से देखभाल करना बेहद जरूरी है। इस खबर में पढ़िए आंखों को आई फ्लू से बचाने के उपाय ...

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Deeksha Nandini Mehra
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Eye flu is spreading again in Chhattisgarh
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Eye Flu Virus : बारिश का सीजन कई बीमारियां लेकर आता है। इसमें आंखों का संक्रमण भी शामिल है। इन दिनों बारिश के बाद आंखों में संक्रमण के मरीज बढ़ते जा रहे हैं। हर दूसरे व्यक्ति को आंखों में खुजली, रेडनेस और आंखों से पानी निकलना जैसी समस्या हो रही हैं। ऐसे में आंखों की बेहतर देखभाल और संक्रमण से बचाव कैसे करें इस खबर में पढ़िए ...

क्या है आई फ्लू वायरस 

आई फ्लू ( कंजक्टिवाइटिस ) वायरस द्वारा होने वाली आंख की सामान्य समस्या है। इसे वायरल कंजक्टिवाइटिस कहा जाता है। यह एक संक्रामक स्थिति है और इसमें आंखों की सतह (कंजंक्टिवा) सूज जाती है।

यह वायरस मुख्यत: व्यक्ति से व्यक्ति के माध्यम से हवा के द्वारा फैलता है। संक्रमित व्यक्ति खांसते, छींकने या बातचीत करने के दौरान वायरस को छोड़ता है। जो हवा में फैल जाता है और अन्य को संक्रमित कर सकता है। 

आई फ्लू के कारण

  • वायरल संक्रमण: यह सबसे आम कारण है और आमतौर पर सर्दी-जुकाम या गले के संक्रमण के साथ होता है। यह बहुत संक्रामक होता है और हवा के माध्यम से फैलता है।
  • बैक्टीरियल संक्रमण: यह भी एक सामान्य कारण है और आंखों में गाढ़े पीले या हरे रंग के पीप (पसीना) के साथ होता है। यह संपर्क के माध्यम से फैल सकता है।
  • एलर्जी: धूल, परागकण, पालतू जानवरों के बाल या कुछ रसायनों के संपर्क में आने पर एलर्जी की प्रतिक्रिया हो सकती है, जो कंजक्टिवाइटिस का कारण बनती है।
  • सूखा वातावरण: बहुत सूखे या धूल भरे वातावरण में भी कंजक्टिवाइटिस होने का खतरा होता है।

आई फ्लू के लक्षण

  • आंखों में लालिमा: आंखों की सतह (कंजंक्टिवा) में सूजन और लालिमा (रेडनेस ) दिखाई देती है।
  • जलन या खुजली: आंखों में जलन, खुजली, या असहजता महसूस होती है। 
  • आंखों से पानी आना: आंखों में अत्यधिक पानी आना, जो कभी-कभी पतला या साफ हो सकता है।
  • पीप (स्राव): बैक्टीरियल कंजक्टिवाइटिस में गाढ़ा, पीला या हरा स्राव हो सकता है, जो आंखों के कोने में जम सकता है और सुबह के समय आंखें चिपक सकती हैं।
  • स्वेलिंग (सूजन): आंखों के चारों ओर हल्की सूजन हो सकती है। खासकर पलकें और निचली पलक भारी लगाना।
  • आंखों में दर्द: हल्का दर्द का अहसास हो सकता है, विशेषकर जब आंखें गीली या सूजन में होती हैं।
  • संवेदनशीलता: तेज रोशनी (फोटोफोबिया) के प्रति संवेदनशीलता बढ़ सकती है।

आई फ्लू से बचने के उपाय

  • हाथ धोना: नियमित रूप से अपने हाथों को साबुन और पानी से धोएं, खासकर आंखों को छूने से पहले और बाद में।
  • आंखों को छूने से बचें: आंखों को छूने से बचें, खासकर अगर आपके हाथ साफ न हों।
  • स्वच्छता बनाए रखें: अपने तौलिये, तकिये, और बेडशीट को नियमित रूप से धोएं और किसी के साथ शेयर न करें।
  • सामान शेयर न करें: आंखों से संबंधित उत्पाद जैसे आई ड्रॉप्स, कॉन्टैक्ट लेंस, और मेकअप उत्पाद साझा करने से बचें।
  • सफाई: अगर आप किसी संक्रामक व्यक्ति के संपर्क में हैं, तो सार्वजनिक स्थानों पर और भी अधिक सावधानी बरतें।
  • डॉक्टर से परामर्श: अगर आपको कंजक्टिवाइटिस के कुछ लक्षण दिखते हैं तो आंखों के डॉक्टर से सलाह लें। डॉक्टर आई फ्लू  का बेहतर इलाज कर संक्रमण के कारण के अनुसार सही दवाएं या इलाज करेंगे।

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