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भोपाल. विश्व की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की कोशिश कर रहे भारत की वित्त मंत्री के पास चुनाव लड़ने तक के पैसे नहीं हैं। यह बात खुद वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ( Finance Minister Nirmala Sitharaman ) ने कही। उनका कहना था कि पार्टी के अध्यक्ष जेपी नड्डा ने उनसे लोकसभा चुनाव लड़ने के बारे में पूछा था। उन्होंने बताया कि उन्हें आंध्र प्रदेश या तमिलनाडु से चुनाव लड़ने की पेशकश की गई थी। उन्होंने दस दिनों तक इस बारे में सोचने के बाद चुनाव लड़ने से इनकार कर दिया। निर्मला सीतारमण फिलहाल कर्नाटक से राज्यसभा सांसद हैं।
दस दिन तक सोचा, फिर मना कर दिया
निर्मला सीतारमण ने कहा कि एक हफ्ते या दस दिन तक सोचने के बाद मैंने मना कर दिया। मेरे पास चुनाव लड़ने के लिए उस तरह का धन नहीं है। मुझे यह भी समस्या है कि आंध्र प्रदेश या तमिलनाडु में जीतने लायक अलग-अलग मानदंडों का भी सवाल है। आप इस समुदाय से हैं या आप उस धर्म से हैं? यह भी बहुत महत्वपूर्ण है। इलेक्टोरल बॉन्ड पर वित्त मंत्री ने कहा कि इसके लिए कानून बना और संसद में पास हुआ। उस कानून के तहत बॉन्ड खरीदे गए और कैश कराए गए। सभी पार्टियों को बॉन्ड मिले। सभी ने इसे कैश कराया। जब सुप्रीम कोर्ट ने इसे असंवैधानिक करार दिया, तब कहा जाने लगा कि बॉन्ड से जुड़ी सभी जानकारी दीजिए।