NEW DELHI. संसद में राष्ट्रपति के अभिभाषण के बाद वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आर्थिक सर्वेक्षण 2023-24 को पेश कर दिया। संसद का आज से बजट सत्र शुरू हो चुका है और कल संसद में बजट 2023-24 पेश किया जाएगा। इसके साथ ही देश के लिए आगे की आर्थिक दिशा और दशा क्या होगी, कल इसकी संपूर्ण रुपरेखा देश के सामने होगी। हालांकि इकोनॉमिक सर्वे में बताया गया है कि वित्त वर्ष 2022-23 में 7 फीसदी विकास दर का अनुमान है, जबकि वित्त वर्ष 2021-22 में 8.7 आर्थिक विकास दर फीसदी रही है।
GDP से इकोनॉमी के बारे में मिलती है जानकारी
GDP इकोनॉमी की हालत जांचने वाले सबसे कॉमन इंडिकेटर्स में से एक है। GDP देश के भीतर एक साल में निर्मित वस्तुओं और सर्विस की वैल्यू को प्रस्तुत करती है। इसमें देश की सीमा के अंदर रहकर जो विदेशी कंपनियां प्रोडक्शन करती हैं, उन्हें भी शामिल किया जाता है।
2022 में RBI के दायरे से बाहर रही महंगाई
साल 2022 में रिटेल महंगाई RBI के 2%-6% के दायरे के बाहर रही। सबसे ज्यादा 7.79% महंगाई अप्रैल 2022 में दिखी। कच्चे तेल, कमोडिटी की कीमतों, मैन्युफैक्चर्ड कॉस्ट के अलावा कई अन्य चीजें होती हैं, जिनकी रिटेल महंगाई दर तय करने में अहम भूमिका होती है।
क्या है आर्थिक सर्वे में खास बात
आर्थिक सर्वे में अनुमान दिया गया है कि साल 2022-23 में आर्थिक विकास दर 7 फीसदी रहने का अनुमान है, बीते वर्ष जब 2022-23 के लिए आर्थिक सर्वे रिपोर्ट पेश किया गया था तब 2022-23 में भारतीय अर्थव्यवस्था के 8 से 8.5 फीसदी के दर से विकास करने का अनुमान जताया गया था। यूक्रेन और रूस के बीच युद्ध और वैश्विक आर्थिक संकट के चलते आर्थिक विकास दर बीते वर्ष जताए गए अनुमान से कम रह सकती है।