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Palghar. जयपुर-मुंबई एक्सप्रेस में आरपीएफ के कॉन्स्टेबल द्वारा की गई फायरिंग में मृत एएसआई टीकाराम मीणा 6 महीने बाद ही नौकरी से रिटायर होने वाले थे लेकिन नियति को कुछ और ही मंजूर था। पूरी जिंदगी फोर्स में नौकरी की, कई परेशानियां और विपरीत परिस्थिति देख चुके मीणा को यह नहीं मालूम था कि नौकरी के तनाव के कारण उनके अंडर में तैनात जवान ही उन्हें गोली मारकर मौत की नींद सुला देगा। मीणा अपने मां-बाप के इकलौते बेटे थे। उनकी मौत की खबर से मां भूरी देवी के तो मानों होश ही उड़ गए हैं।
महीने भर पहले ही घर गए थे
टीकाराम मीणा मूलतः सवाई माधोपुर के श्यामपुरा के रहने वाले थे। उनके गांव के पूर्व सरपंच रामधन मीणा ने बताया कि वे अपने मां-बाप के इकलौते बेटे थे। महीना भर पहले ही गांव आए थे, घर से जाते वक्त उन्होंने बताया था कि 5-6 महीने में रिटायर होने वाले हैं। घर में बूढ़ी मां, पत्नी बर्फी देवी और एक बेटा और बेटी हैं। बेटे और बेटी का ब्याह हो चुका है।
रेलवे ने किया मुआवजा देने का ऐलान
इधर इस घटना के बाद पश्चिमी रेलवे ने बयान जारी कर एएसआई मीणा के परिजनों को मुआवजा देने का ऐलान किया है। मीणा के परिजनों को 15 लाख रुपए रेलवे सुरक्षा कल्याण निधि से और 15 लाख रुपए मृत्यु या रिटायरमेंट निधि से दिए जाएंगे। इसके अलावा मृतक के आश्रितों को अंतिम संस्कार के लिए 20 हजार रुपए और इंश्योरेंस योजना के तहत 65 हजार रुपए भी दिए जाएंगे।
तबादले से नाखुश था कॉन्स्टेबल चेतन
प्राप्त जानकारी के अनुसार आरोपी कॉन्स्टेबल चेतन का तबादल गुजरात से मुंबई कर दिया गया था, जिससे वह काफी परेशान और तनाव में था। सुबह करीब सवा 5 बजे उसका एएसआई मीणा से झगड़ा हो गया था, जिसके बाद चेतन ने अपनी ऑटोमैटिक रायफल से गोलियां चलाना शुरु कर दिया। फायरिंग की इस घटना में एएसआई मीणा के साथ 3 यात्रियों की भी जान चली गई।