राजस्थान हाईकोर्ट में पहली बार दो कपल जस्टिस, 50 पदों पर 35 जज, इनमें तीन महिलाएं

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The Sootr
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राजस्थान हाईकोर्ट में पहली बार दो कपल जस्टिस,  50 पदों  पर 35 जज, इनमें तीन महिलाएं

JAIPUR . देश के इतिहास में यह पहली बार है, जब किसी राज्य के हाईकोर्ट में दो कपल जस्टिस हो। सोमवार को शपथ के बाद राजस्थान हाईकोर्ट में दो कपल जस्टिस हो गए हैं। जोधपुर की जस्टिस नूपुर भाटी भी इसमें शामिल हैं। डॉ. नूपुर भाटी के पति जस्टिस पुष्पेंद्र भाटी भी हाईकोर्ट में नियुक्त है। वहीं जस्टिस महेन्द्र गोयल और उनकी पत्नी जस्टिस शुभा मेहता भी राजस्थान हाईकोर्ट में नियुक्त है।





जोधपुर हाईकोर्ट में शपथ दिलाई





केंद्रीय विधि व न्याय मंत्रालय की ओर से 9 जजों की नियुक्ति के बाद सोमवार को जोधपुर हाईकोर्ट में शपथ दिलाई गई। इससे पूर्व शुक्रवार को नोटिफिकेशन जारी कर वकील कोटे से 3 और न्यायिक अधिकारी कोटे से 6 जजों की नियुक्ति के आदेश जारी किए गए थे।





50 पदों में से 35 जजों के पदों पर नियुक्ति





अब हाइकोर्ट में 50 पदों में से 35 जजों के पदों पर नियुक्ति हो गई है, लेकिन अभी भी 15 जजों के पद रिक्त है। राजस्थान हाईकोर्ट की मुख्यपीठ जोधपुर में नव नियुक्त सभी 9 जजों को मुख्य न्यायाधीश पंकज मित्थल ने शपथ दिलाई।





3 वकील कोटे से और 6 न्यायिक अधिकारी कोटे से नियुक्ति





वकील कोटे से जयपुर के गणेश राम मीणा, अनिल कुमार उपमन और जोधपुर से डॉ. नुपुर भाटी की नियुक्ति की है, जबकि न्यायिक अधिकारी कोटे से राजेन्द्र प्रकाश सोनी, अशोक कुमार जैन, योगेन्द्र कुमार पुरोहित, भुवन गोयल, प्रवीर भटनागर व आशुतोष कुमार की नियुक्ति हुई है।







राजस्थान हाईकोर्ट में 35 में से अब 3 महिला जज





राजस्थान हाईकोर्ट में 35 में से अब 3 महिला जज हो गई है। वकील कोटे से नूपुर भाटी की जज के रूप में नियुक्ति के बाद अब महिला जजों की संख्या तीन हो चुकी है। अब महिला जज के रूप में शुभा मेहता, रेखा बोराणा व नूपुर भाटी सेवाएं दे रही है।





 विधायक खरीद फरोख्त मामले में पैरवी कर चुके हैं जज





हाईकोर्ट में जिन 3 जजों की नियुक्ति वकील कोटे से हुई है, उनमें से गणेश राम मीणा हाईकोर्ट में राज्य सरकार के अतिरिक्त महाधिवक्ता (एएजी) हैं। अनिल कुमार उपमन ने 2020 में विधायकों की खरीद फरोख्त से जुड़े मामले में एसओजी की ओर से स्पेशल पब्लिक प्रोसिक्यूटर के तौर पर पैरवी की थी। इससे पहले 2021 में एडवोकेट कोटे से हाईकोर्ट जज बने फरजंद अली व रेखा बोराना भी एएजी रह चुके हैं। अली ने नियुक्ति से पहले और बोराना ने नियुक्ति के बाद पद छोड़ा था। बता दें कि एएजी की नियुक्ति राज्य सरकार का विधि एवं विधिक कार्य विभाग करता है।



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