NEW DELHI. आईआईटी और एनआईटी में प्रवेश के लिए 12वीं में 75 प्रतिशत अंकों की बाध्यता फिर से लागू कर दी जाएगी। यह नियम 2023 से लागू होगा। इस कारण 2021 और 2022 में 12वीं में 75% अंक हासिल नहीं करने वाले सामान्य वर्ग के रिपीटर छात्र, आईआईटी तथा एनआईटी में दाखिले की दौड़ से बाहर हो सकते हैं।
कोविड के कारण मिली थी स्टूडेंट्स को छूट
स्टूडेंट्स को जेईई मेन और एडवांस्ड में बेहतर स्कोर करने के बाद भी उच्च इंजीनियरिंग संस्थानों में एडमिशन नहीं मिलेगा। इससे पहले कोविड के कारण 2021 और 2022 में इन संस्थानों में दाखिले के लिए 75 प्रतिशत अंकों की बाध्यता हटा दी गई थी। जेईई मेन के इंफॉर्मेशन बुलेटिन में दाखिले के लिए जारी पात्रता नियमों में फिर से इस प्रावधान को जोड़ा गया है।
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क्या होगा नुकसान?
नए नियमों से 2022 में मेन तथा एडवांस्ड क्लियर नहीं कर 2023 में मेन तथा एडवांस्ड देने वाले छात्रों को सीधा नुकसान होने वाला है। अगर एनटीए पहले ही पात्रता बता देता तो 2022 सेशन के छात्रों के पास सीबीएसई की इंप्रूवमेंट परीक्षा देने का अवसर होता।
देशभर में लाखों की संख्या में स्टूडेंट्स होंगे प्रभावित
देश में आईआईटी, एनआईटी, ट्रिपलआईटी समेत 112 संस्थानों की 54 हजार 477 सीटों पर जोसा काउंसलिंग के जरिए दाखिला मिलता है। इसके लिए नौ लाख छात्रों के बीच कॉम्पिटिशन होता है, लेकिन मात्र 55 हजार छात्र ही इन संस्थानों में जगह बना पाते हैं। सीमित अटैम्प्ट होने के कारण अधिकांश छात्र रिपीट करते हैं। इनकी संख्या सात लाख से अधिक बताई जा रही है।
अब 12वीं के अंकों पर भी फोकस जरूरी
12वीं में 75% अंकों की बाध्यता हटाने के बाद छात्रों ने कॉम्पिटिशन एग्जाम पर ही फोकस किया। इस कारण 2022 व 2021 में कई छात्र 12वीं में 75% अंक हासिल किए बिना ही आईआईटी व एनआईटी तक पहुंच गए।