Goa. गोवा में आयोजित शंघाई सहयोग संगठन के विदेश मंत्रियों की मीटिंग के बाद शुक्रवार को भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर ने आतंकवाद को लेकर पाकिस्तान को दो टूक जवाब दिया है। उन्होंने पाक विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो को आतंकी देश का प्रवक्ता कह दिया। उन्होंने कहा कि आतंक से पीड़ित और साजिशकर्ता एक साथ बैठकर बातचीत नहीं कर सकते। जयशंकर ने अपनी प्रेस वार्ता में कहा कि बैठक में बिलावल के साथ विदेश मंत्री के तौर पर बर्ताव किया गया, वे आतंक की इंड्रस्ट्री के प्रवक्ता हैं। उनके देश की किसी भी बात का भरोसा नहीं किया जा सकता।
जब जयशंकर से पूछा गया कि बिलावल भुट्टो आतंकवाद पर इंडिया के साथ मिलकर काम करने की बात कह रहे हैं। जयशंकर ने जवाब दिया कि एससीओ के सदस्य देश के विदेश मंत्री के तौर पर बिलावल भुट्टो के साथ उचित व्यवहार किया गया। लेकिन वे आतंक की इंडस्ट्री के प्रवक्ता हैं, ऐसे में आतंक के पीड़ित और साजिशकर्ता एक साथ मीटिंग नहीं कर सकते। यहां आकर दोगली बातें करने की जरूरत नहीं है। आतंकवाद को लेकर भारत सरकार की जीरो टॉलरेंस नीति है। पाकिस्तान की विश्वसनीयता उसके विदेशी मुद्रा भंडार के बनिस्बत ज्यादा तेजी से घट रही है।
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जम्मू कश्मीर पर भी बोले जयशंकर
कश्मीर में जी-20 की बैठकों पर पाकिस्तान की आपत्ति पर जयशंकर ने कहा कि पाकिस्तान का जी-20 से कोई लेना देना नहीं है। उनका श्रीनगर और कश्मीर से भी लेना देना नहीं है। उन्हें तो यह बताना चाहिए कि वे पीओके में अवैध कब्जे कब खाली कर रहे हैं। जयशंकर बोले कि जम्मू कश्मीर भारत का था और भारत का ही रहेगा। जम्मू कश्मीर में जी -20 की बैठक तय समय पर होगी। उन्होंने कहा कि अनुच्छेद 370 अब इतिहास बन चुका है। जितना जल्दी इसे समझ जाएं उतना बेहतर होगा।
चीन से रिश्तों पर भी बोले
जयशंकर ने चीन के साथ भारत के मौजूदा संबंधों पर कहा कि सीमा पर हालात सुलझने तक चीन के साथ संबंध सामान्य नहीं हो सकते। चीन बार-बार कह रहा है कि सीमा पर शांति और स्थिरता है। लेकिन जयशंकर ने साफ कहा कि सीमा पर असामान्य स्थिति बनी हुई है। हमारी इस पर चर्चा हुई, हमें सीमा पर सेनाओं को पीछे हटाने की प्रक्रिया पर काम करना चाहिए। भारत और चीन के संबंध तब तक सामान्य नहीं हो सकते, जब तक सीमा पर गतिरोध बना रहेगा।