नई दिल्ली. भारत ने शनिवार को पहली बार तालिबान पर सख्त कदम उठाया है। भारत ने अफगानिस्तान (Afghanistan) में तालिबान की नई सरकार को मान्यता देने से इनकार कर दिया है। विदेश मंत्री एस जयशंकर (S. Jaishankar) ने साफ कर दिया कि वो तालिबान (Taliban) की नई सरकार को एक व्यवस्था से ज्यादा कुछ नहीं मानते हैं और उसमें भी सभी वर्गों के शामिल ना होने से चिंतिंत है। भारत और ऑस्ट्रेलिया (Australia) के बीच हुई टू प्लस टू मीटिंग के बाद विदेश मंत्री (Foreign Minister) ने यह जानकारी दी है।
अफगानिस्तान में आतंकवाद पर चिंता जाहिर की
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि भारत चाहता है कि अफगानिस्तान की धरती को आतंकवाद (Terrorism) के लिए इस्तेमाल ना किया जाए। इस दौरान रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह (Rajnath singh) समेत ऑस्ट्रेलिया की विदेश मंत्री मेरी पायने और रक्षा मंत्री पीटर ड्यूटन भी मौजूद थे। वहीं, विदेश मंत्री मेरी पायने ने कहा कि अफगानिस्तान में मानवधिकारों का हनन नहीं होना चाहिए। इसके अलावा दोनों देशों के विदेश मंत्रियों ने अफगानिस्तान की महिलाओं पर चिंता जाहिर की है।
आतंकवाद का केंद्र भारत के करीब
विदेश मंत्री ने कहा कि आज अमेरिका (America) के 9/11 हमले की 20वीं जयंती है। ये हमला याद दिलाता है कि हमें आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में कोई भी समझौता नहीं करना चाहिए। भारत तो इसलिए भी नहीं कर सकता है क्योंकि आतंकवाद का केंद्र हमारे करीब है। इस दौरान रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि टू प्लस टू वार्ता भारत और ऑस्ट्रेलिया की समग्र रणनीतिक साझेदारी को दर्शाती है।