जयपुर. राजस्थान (Rajsthan) की पूर्व मुख्यमंत्री और बीजेपी नेता वसुंधरा राजे सिंधिया (Vasundhara Raje Scindia) की बहू और बीजेपी सांसद (BJP MP) दुष्यंत सिंह (Dushyant Singh) की पत्नी निहारिका राजे (Niharika Raje) का नाम पैंडोरा पेपर (Pandora Papers) में सामने आया है। उन्हें मध्य अमेरिका का टैक्स हेवन (Tax Haven Of Central America) कहे जाने वाले बेलीज (Belize) में एक व्यापारिक फर्म की लाभकारी मालिक बताया गया है। पनामा (Panama) की एक लॉ फर्म एल्कोगल Alcogal (अलेमन, कोर्डेरो, गैलिंडो एंड ली) के रिकॉर्ड के मुताबिक, निहारिका राजे बेलीज स्थित कार्पोरेट हाउस ऑक्टेविया लिमिटेड (Octavia Limited) के मुनाफे में हिस्सेदार हैं।
पनामा के ट्रस्ट का दावा, निहारिका मालिक और दिल्ली का पता
पनामा स्थित ट्रस्ट रेंडर ओवरसीज एसए की ओर से 12 नवंबर, 2010 को की गई घोषणा में कहा कि बेलीज में 60 मार्केट स्क्वायर स्थित ऑक्टेविया लिमिटेड में हमारी एक अमेरिकी डॉलर की साधारण शेयर होल्डिंग है। कंपनी की पूंजी में हमारा कोई लाभकारी हित नहीं है। इसके सारे शेयर नई दिल्ली में लेखा विहार, सिंधिया पॉटरीज बीकाजी कामा प्लेस फ्लायओवर के पास सिंधिया पॉटरीज निवासी निहारिका के हैं। लोकसभा की वेबसाइट के अनुसार यह पता वसुंधरा राजे सिंधिया की मां राजमाता विजया राजे सिंधिया का है। इसी आधार पर पैंडोरा पेपर्स में निहारिका को ऑक्टेविया लिमिटेड का लाभार्थी मालिक बताया गया है।
सासंद दुष्यंत सिंह ने संपत्ति के ब्योरे में नहीं दी जानकारी
रेंडर ओवरसीज की घोषणा के मुताबिक, कंपनी के शेयर के हिस्सों का इस तरह बंटवारा हुआ है कि मुनाफा, बोनस और जो भी हमें शेयर होल्डिंग के मुताबिक मिलेगा उसके हिस्से के हम भी हकदार होंगे। हमारी अक्षमता की स्थिति में हमारे उत्तराधिकारी इसके लिए जिम्मेदार होंगे। दुष्यंत सिंह ने 2009, 2014 एवं 2019 के लोकसभा चुनाव में अपने नामांकन फार्म के साथ अपनी और पत्नी निहारिका की संपत्ति का ब्योरा दिया था, उसमें बेलीज की ऑक्टेविया लिमिटेड का कोई जिक्र नहीं है। बेलीज में रजिस्टर्ड कंपनियों में ऑक्टेविया लिमिटेड को अब एक निष्क्रिय कंपनी के रूप में दिखाया गया है।
दुष्यंत की सफाई, निहारिका का कंपनी से कोई संबंध नहीं
इस बारे में द इंडियन एक्सप्रेस के सवालों के जवाब में दुष्यंत सिंह ने ईमेल के जरिए अपनी पत्नी के बीमार होने का हवाला देते हुए कहा, श्रीमती निहारिका राजे का उक्त कंपनी से कोई संबंध नहीं है। पैंडोरा पेपर्स के मामलों में इंटरनेशनल कंसोर्टियम ऑफ इन्वेस्टिगेटिव जर्नलिस्ट्स ( इन्वेस्टीगेशन में द इंडियन एक्सप्रेस भी सहयोगी है) के सवालों का जवाब देते हुए अल्कोगल ने स्पष्ट किया कि हमारे ग्राहकों के प्रति हमारा नैतिक कर्त्तव्य और कानून हमें कंपनी के लाभकारी स्वामित्व या शेयरधारकों की जानकारी सार्वजनिक करने से रोकता है।