DELHI. रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी की जमकर तारीफ की है। रघुराम राजन ने कहा कि राहुल गांधी पप्पू नहीं है। उनको लेकर जो धारणा बनाई गई है, वो बिल्कुल गलत है। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी एक स्मार्ट नेता हैं। राजन ने कहा कि राहुल को कई मुद्दों पर काफी जानकारी है।
राहुल गांधी एक स्मार्ट नेता- राजन
रघुराम राजन ने कहा कि ये काफी दुर्भाग्यपूर्ण है। मैंने पूरा एक दशक राहुल के साथ कई मुद्दों पर बातचीत कर निकाला है। वे पप्पू तो बिल्कुल भी नहीं हैं। वे तो काफी स्मार्ट, नौजवान और एक जिज्ञासु शख्स हैं। ये आपको पता होना चाहिए कि क्या प्राथमिकता है, कई रिस्क हैं। मुझे लगता है कि राहुल गांधी को इस सब की पूरी जानकारी है।
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किसी भी राजनैतिक पार्टी में नहीं जुड़ेंगे राजन
अब एक तरफ रघुराम राजन ने राहुल गांधी की तारीफ की, दूसरी तरफ उन्होंने जोर देकर कहा कि वे किसी भी राजनीतिक दल के साथ नहीं जुड़ने वाले हैं। इस बारे में उन्होंने कहा कि मैंने भारत जोड़ो यात्रा में इसलिए हिस्सा लिया था, क्योंकि मुझे उस यात्रा के सिद्धांतों पर विश्वास था। मैं उनके साथ खड़ा था। मैं राजनीति में नहीं आने वाला हूं।
पिछले समय से मोदी सरकार के खिलाफ बोल रहे
अब ऐसा देखा गया है कि राजन पिछले काफी समय से मोदी सरकार के खिलाफ बोल रहे हैं। उनकी हर नीति पर तल्ख टिप्पणी करते हैं। इन आरोपों को लेकर जब सवाल पूछा गया तो उन्होंने साफ कहा कि वे तो मनमोहन सरकार के समय भी कई मुद्दों को लेकर सरकार के विरोध में खड़े हुए थे। जानकारी के लिए बता दें कि रघुराम राजन ने कुछ समय पहले ही राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा में हिस्सा लिया था। तब राहुल गांधी ने बकायदा राजन का इंटरव्यू लिया था, उनकी तरफ से आर्थिक मुद्दों पर बात की गई थी।
भारत के लिए 2023 चुनौतीपूर्ण- राजन
उस समय रघुराम राजन ने कहा था कि भारत के लिए 2023 ज्यादा चुनौतीपूर्ण होने वाला है। उन्होंने कहा कि इस साल भी युद्ध और कई कारणों की वजह से दुनिया आर्थिक रूप से परेशान रही लेकिन अगला साल और भी मुश्किलों भरा रहने वाला है।
भारत की इकोनॉमी पर दी अपनी राय
भारत की इकोनॉमी पर अपनी राय देते हुए रघुराम राजन ने कहा कि इंडिया और दुनिया की अर्थव्यवस्थाएं उस रिफॉर्म को तैयार करने में नाकाम रहीं जो कि विकास के लिए जरूरी थी। चंद अमीरों के हाथ में पूंजी के केंद्रीकरण पर रघुराम राजन ने राहुल को समझाते हुए कहा कि हम पूंजीवाद के खिलाफ नहीं हो सकते हैं लेकिन कॉम्पीटिशन के लिए हमें लड़ना होगा। हम बाजार पर एकाधिकार के खिलाफ हो सकते हैं। छोटे बिजनेस, बड़े बिजनेस देश के लिए अच्छे हैं लेकिन मोनोपॉली देश के लिए अच्छा नहीं है।