NEW DELHI. चुनावी साल में बीजेपी ने संगठन में बड़े बदलाव किए हैं। 4 जुलाई को चार राज्यों के बीजेपी अध्यक्ष बदले गए हैं। आंध्र प्रदेश में डी पुरंदेश्वरी, झारखंड में बाबूलाल मरांडी, पंजाब में सुनील जाखड़ और तेलंगाना में जी किशन रेड्डी को प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष बनाया। पुरंदेश्वरी एनटी रामाराव की बेटी हैं। गुजरात, कर्नाटक के प्रदेश अध्यक्ष बदलने की भी चर्चा थी, लेकिन फिलहाल बीजेपी ने ऐसा नहीं किया।
कभी पंजाब कांग्रेस के अध्यक्ष रहे थे सुनील जाखड़
पंजाब में सुनील जाखड़ को अश्विनी शर्मा की जगह लाया गया है। सुनील जाखड़ कांग्रेस को छोड़कर बीजेपी में शामिल हुए थे। 2024 के चुनावों से पहले जिस तरीके से सुनील जाखड़ को पंजाब में बड़ी ज़िम्मेदारी दी गई है, इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि पंजाब में बीजेपी सुनील जाखड़ को हिंदू चेहरे के रूप में सामने लाई है। ये कयास भी लगाए जा रहे हैं कि बीजेपी का अकाली दल के साथ दोबारा गठबंधन हो सकता है।
वहीं, ये चर्चा भी है कि गुरदासपुर सीट से 2024 में सुनील जाखड़ बीजेपी का चेहरा हो सकते हैं, क्योंकि एक्टर सनी देओल को लेकर जिस तरह की निगेटिविटी फैली है, उसकी कमी को सुनील जाखड़ के रूप में पूरा किया जा सकता है। जाखड़ पंजाब की अबोहर सीट से विधायक और गुरदासपुर से सांसद रहे हैं। पंजाब में नेता विपक्ष रह चुके सुनील जाखड़ के पिता बलराम सिंह जाखड़ कांग्रेस का एक बड़ा चेहरा रहे हैं।
तेलंगाना में संजय बंदी को बीजेपी अध्यक्ष पद से हटाया
केंद्रीय मंत्री और सांसद जी किशन रेड्डी को तेलंगाना का प्रदेश अध्यक्ष बनाया गया है। उन्हें संजय बंदी की जगह लाया गया है। संजय को पार्टी केंद्र में कोई जगह दे सकती है। वहीं, पूर्व केंद्रीय मंत्री डी पुरंदेश्वरी को आंध्र प्रदेश की जिम्मेदारी दी गई है। वहीं, पूर्व मुख्यमंत्री और विधायक बाबूलाल मरांडी को झारखंड की कमान सौंपी गई है।
6 अन्य राज्यों में भी अध्यक्ष बदले जाने की चर्चा
सूत्रों के मुताबिक, चार राज्यों के अध्यक्षों की घोषणा के बाद बीजेपी 6 अन्य राज्यों में भी अध्यक्षों की घोषणा जल्द कर सकती है। इसमें मध्य प्रदेश, कर्नाटक, गुजरात, केरल, हरियाणा और जम्मू कश्मीर के अध्यक्ष के बदले जाएंगे। कर्नाटक से शोभा करंदलाजे या अस्वथ नारायण, केरल से वी मुरलीधरन, गुजरात में मनसुख मांडविया या पुरुषोत्तम रूपाला, हरियाणा से कृष्णपाल गुज्जर या राम विलास शर्मा , जम्मू कश्मीर से डॉ जितेंद्र सिंह या सांसद जुगल किशोर, मध्य प्रदेश से नरेंद्र सिंह तोमर या कैलाश विजयवर्गीय को अध्यक्ष बनाए जाने की चर्चा है।
बीजेपी में आलाकमान की लंबी बैठकों के बाद फैसला
28 जून को देर रात प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गृह मंत्री अमित शाह, बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा और पार्टी के संगठन महासचिव बीएल संतोष के साथ बैठक की थी। इस बैठक से भी पहले अमित शाह ने नड्डा, बीएल संतोष और आरएसएस के एक शीर्ष पदाधिकारी अरुण कुमार के साथ 5 मैराथन बैठक की थी। 5, 6 और 7 जून को इन शीर्ष नेताओं ने बीजेपी मुख्यालय पर लंबी बैठक कर पार्टी में बदलाव की रूपरेखा तैयार की थी। इसके बाद प्रधानमंत्री के साथ हुई बैठक में इन बदलावों पर चर्चा हुई और पीएम ने बदलावों पर अपनी मुहर लगाई।
चुनावी राज्यों में बदलाव
बैठक में चुनावी राज्यों मध्य प्रदेश, राजस्थान, छत्तीसगढ़ और तेलंगाना को लेकर चर्चा हुई थी। अटकलें थीं कि इन राज्यों से कुछ लोगों को सरकार में लाया जा सकता है तो कुछ मंत्रियों को बेहतर कामकाज के लिए संगठन में भेजा जा सकता है। तेलंगाना में इस साल चुनाव होने हैं और वहां का जिम्मा केंद्रीय मंत्री जी किशन रेड्डी को दिया गया है। इसके अलावा अगले साल लोकसभा चुनाव के अलावा आंध्र प्रदेश में विधानसभा चुनाव भी होने हैं, ऐसे में यहां पूर्व मुख्यमंत्री की रिश्तेदार पर दांव लगाकर बीजेपी ने समीकरण साधने की कोशिश की है।
इस वजह से जरूरी हुआ बदलाव
विपक्षी दलों ने पटना में एकता बैठक कर बीजेपी को चुनौती देने की कोशिश की, उससे भी पार्टी को अपनी चुनावी तैयारियों को सही करने की जरूरत महसूस हुई। कर्नाटक और हिमाचल प्रदेश के चुनाव परिणामों ने भी पार्टी को अपनी चुनावी रणनीति पर पुनर्विचार करने की जरूरत बताई। कांग्रेस ने जिस तरह विभिन्न राज्यों में मुफ्त चुनावी वादों से चुनावी समीकरणों में नया पेंच पैदा किया है, केंद्र सरकार के सामने उससे निपटना जरूरी हो गया।