SURGUJA. आपने फिल्मों में और टीवी पर ऐसी कहानी देखी होगी, जिसमें जिंदा आदमी को सरकारी दस्तावेजों में मरा घोषित कर दिया जाता है और आदमी खुद को जिंदा साबित करने के लिए दफ्तरों का चक्कर लगाता है। ऐसा ही कहानी सरगुजा के 87 वर्षीय वृद्ध गेदरू एक्का की है।
वह अपने जिंदा होने का सबूत देने के लिए दफ्तरों के चक्कर काटने पर मजबूर है।
बैंक से पंचायत को मिली थी वृद्ध की मौत की जानकारी
लुंड्रा विकासखंड के ग्राम रघुनाथपुर के रहने वाले गेदरू एक्का जब पेंशन की राशि लेने के लिए बैंक गए, तब बैंक वालों ने खाते में पैसे नहीं आने की सूचना दी। इसके बाद वे जनपद कार्यालय पहुंचे, जहां पेंशन विभाग के अधिकारियों ने कहा कि आपकी मृत्यु होने की जानकारी पंचायत से मिली थी। इस कारण पेंशन नहीं दी जा रही है।
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बुजुर्ग ने की जनदर्शन में शिकायत, मिला आश्वासन
इसके बाद बुजुर्ग अपने जीवित होने का सबूत देने सरगुजा कलेक्ट्रेट परिसर जनदर्शन में शिकायत करने पहुंचे। इधर अधिकारियों ने कहा कि संबंधित अधिकारियों को मामले की जानकारी दी जाएगी, जिसके बाद जांच में जो भी दोषी पाए जाएंगे, उन पर कार्रवाई की जाएगी।
चार साल से नहीं मिल पा रही है पेंशन
वृद्ध अपने जीवित होने के सबूत देने के लिए पिछले 4 सालों से दफ्तरों के चक्कर लगा रहे हैं। बावजूद इसके आज तक जीवित होने का सबूत नहीं मिल सका है, जिसकी वजह वे आर्थिक स्थिति से जूझ रहे हैं।
मामले की जांच कर की जाएगी कार्रवाई, पेंशन भी होगी शुरू
समाज कल्याण विभाग ने इस बार में बताया कि लुण्ड्रा ब्लॉक का गेदरु एक्का को 2018 से पेंशन नहीं मिल पा रही है। उसने बताया कि मैं जनपद में गया था। वहां के अधिकारियों ने बताया कि मुझे मृत घोषित कर दिया गया है, लेकिन मैं जिंदा हूं। अधिकारियों ने कहा कि मामले की जांच की जाएगी। इस प्रकरण को तत्काल जनपद सीईओ को भेजा जाएगा, जो भी दोषी होगा उस पर कार्रवाई भी की जाएगी। जांच कर पुनः पेंशन शुरू करवाई जाएगी।