किसी भी देश या शहर का प्रामाणिक इतिहास जानना हो तो वहां खुदाई व अन्य माध्यमों से तथ्यपरक जानकारी मिल जाती है। कभी-कभी खुदाई में ऐसी चीजें या वस्तुएं भी मिल जाती हैं, जो हैरानी का सबब बन जाती है। ऐसा ही जर्मनी के ऐतिहासिक शहर न्यूरेमबर्ग ( Nuremberg ) में हुआ। पुरातत्वविदों ( archaeologists ) को इस शहर में खुदाई के दौरान सामूहिक कब्र ( mass graves ) मिली है। यानी एक ही जगह पर एकसाथ कई शवों को दफनाया गया है। पहले यह कयास लगे कि इसका संबंध किसी युद्ध से जुड़े संहार होगा से होगा। लेकिन जो जानकारी मिली, वह काफी चौंकाने वाली है। इस शहर में जर्मनी का सबसे बड़ा किला और म्यूजियम भी है।
डेढ़ हजारों कंकालों ने मचाई सनसनी
असल में इस शहर के सेंटर में एक बुजुर्गों के लिए एक रिटायरमेंट होम का निर्माण चल रहा था। इसको लेकर की जा रही खुदाई के दौरान मजदूरों को करीब 1000 कंकाल मिले, जिनमें से कुछ का रंग हरा भी था। इस सूचना के बाद वहां पुरातत्वविदों को बुलाया गया। उन्होंने जांच की और पाया कि कंकालों की संख्या डेढ़ हजार से ऊपर हो सकती है। वहां के कुछ मीडिया समाचारों में इन सामूहिक कब्रों से जोड़कर देखा गया और माना गया कि पुराने युद्ध या विश्वयुद्ध के दौरान यह कोई सामूहिक हत्या से जुड़ा मामला न हो। लेकिन जांच में पाया गया कि उस वक्त फैली महामारी प्लेग से पीड़ित लोगों के हैं, जिन्हें किसी अनहोनी से बचने के लिए एक साथ ही दफना दिय गया।
कुछ हड्डियों का रंग इसलिए हरा हो गया था
इस शहर के हेरिटेज कनजर्वेशन विभाग से जुड़ी मेलानी लैंगबीन व मुख्य मानवविज्ञानी फ्लोरियन मेल्जर ने जानकारी दी है कि जांच में अभी तक यह पुख्ता जानकारी नहीं मिली है कि यह कब्रगाह कितनी पुरानी है, लेकिन अनुमान लगाया जा रहा है कि यह शायद 17वीं शताब्दी की है। माना जा रहा है कि उस दौरान प्लेग महामारी से मरे लोगों के कंकाल हैं, जिन्हें अनहोनी से बचने के लिए एकसाथ दफना दिया गया। कंकालों की कुछ हड्डियों का रंग हरा पाया गया था, जिसे काफी हैरान किया। लेकिन जांच में पता चला कि जहां ये कब्रगाह है, वहां पास ही तांबे की मिल है ओर उसका कचरा यहां डाला जा रहा था।
बुबोनिक प्लेग पीड़ितों के कंकाल
जांचकर्ता मान रहे हैं कि यह यूरोप में पाई गई प्लेग पीड़ितों की सबसे बड़ी आपातकालीन कब्रगाह है। उस वक्त विनाशकारी महामारी और मौतों के लिए बुबोनिक प्लेग को जिम्मेदार माना जाता था। ऐसी जानकारी है कि इस प्लेग से यह शहर बुरी तरह से प्रभावित हुआ था। उस समयकाल में ईसाई परंपरा यह थी कि प्लेग महामारी से मारे गए लोगों को सामान्य तौर पर न दफनाकर जल्दबाजी में एकसाथ दफना दिया जाता था। जांचकर्ता इन कंकालों को सहेजकर रख रहे हैं। उनका मानना है कि जांच में इस शहर के इतिहास की रोचक जानकारी मिल सकेगी।
खासा रोचक है न्यूरेमबर्ग शहर का इतिहास
जर्मनी के न्यूरेमबर्ग शहर का इतिहास खासा रोचक है। पुराने दौर में यह नाजी पार्टी का प्रमुख शहर माना जाता था। इसका इतिहास प्रभावी, शक्तिशाली व दुखद माना जाता है। यहां करीब 1100 साल पूर्व बना किला व महल खासा मशहूर है। उसी के आसपास वर्ष 1946 में नाजी अत्याचारों के मुख्य अपराधियों पर मुकदमा चलाकर उन्हें दंडित किया गया था। यह शहर शुरू से आधुनिक विचारों का रहा है। यहां जर्मनी का सबसे बड़ा संग्रहालय व डॉल्स म्यूजियम भी सैलानियों को आकर्षित करता है। यह शहर अपने खानपान की विशेष शैली के लिए भी जाना जाता है।