NEW DELHI. कांग्रेस से बगावत करके नई पार्टी बनाने वाले गुलाम नबी की बायोग्राफी 'आजाद' का विमोचन 5 अप्रैल को कांग्रेस नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री कर्ण सिंह करेंगे। दरअसल, गुलाम नबी आजाद ने पुस्तक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तारीफ की है। इसके अलावा आजाद ने जयराम रमेश और सलमान खुर्शीद जैसे कांग्रेस के सीनियर नेताओं पर गंभीर आरोप लगाए हैं।
Azad calls PM Modi a statesman, says Congress has no influence among masses
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— ANI Digital (@ani_digital) April 4, 2023
251 पेज की है किताब
251 पेज की इस किताब में आजाद लिखते हैं कि- अमित शाह ने जिस वक्त 370 हटाने का ऐलान किया, उस समय मैंने तुरंत अपना ईयर फोन फेंका और विरोध के लिए वेल में जाकर धरने पर बैठ गया। इस दौरान मैंने विपक्ष के नेताओं को भी वहां बुलाया, लेकिन आपको जानकर हैरानी होगी कि जयराम रमेश अकेले अपनी सीट पर बैठे रहे और धरने में शामिल ही नहीं हुए।
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मोदी नर्म दिल राजनेता हैं
आजाद ने अपनी पुस्तक में पीएम नरेंद्र मोदी को नर्म दिल राजनेता बताया है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ जो किया और उन्होंने जो व्यवहार मेरे साथ किया। इसका मोदी को श्रेय देना चाहिए। वह बहुत उदार हैं। विपक्ष के नेता के तौर पर मैंने उन्हें किसी भी मुद्दे पर नहीं बख्शा, चाहे वह धारा 370 हो, नागरिकता संशोधन अधिनियमया या फिर हिजाब का मुद्दा। इसके बावजूद मोदी ने कभी बदले की भावना से काम नहीं किया। वो हमेशा एक नर्म दिल वाले राजनेता की तरह पेश आए।
कांग्रेस मीडिया इंचार्ज ने किया धरने से बनाई दूरी
आत्मकथा में आजाद ने खुलासा किया है कि गृह मंत्री अमित शाह ने राज्यसभा में जम्मू-कश्मीर से आर्टिकल 370 हटाने का ऐलान किया। उन्होंने जम्मू-कश्मीर को दो केंद्र शासित प्रदेशों में बांट दिया। इसके खिलाफ विपक्ष के नेताओं ने धरना दिया। लेकिन उस समय कांग्रेस के मीडिया इंचार्ज जयराम रमेश नहीं आए थे।
ट्विटर पर मौजूद रहे सलमान खुर्शीद
धरना प्रदर्शन के दौरान न सिर्फ कांग्रेस के मीडिया प्रभारी जयराम रमेश ने दूरी बनाई थी, बल्कि इस दौरान कांग्रेस के दिग्गज नेता सलमान खुर्शीद भी प्रत्यक्ष रूप से दूर थे, हालांकि वह ट्विटर के माध्यम से धरने में शामिल हुए। सलमान खुर्शीद ने जी-23 यानी कांग्रेस से असंतुष्ट नेताओं का एक गुट ने आजाद के रोल पर सवाल उठाया था। जिसे उन्होंने आत्मकथा के एक अध्याय- द ग्रैंड ओल्ड पार्टीः ब्लूपर्स एंड बॉम्बसेट, में बताया है।
हमने पार्टी को जितना दिया, उतना वापस नहीं मिला
आजाद ने आत्मकथा में बताया कि जी-23 के नेताओं को उस वक्त खुर्शीद और कुछ दूसरे नेताओं ने उन्हें एक मकसद के लिए एकजुट हुए बागी करार दिया था। इतना ही नहीं इस गुट के लोगों को कांग्रेस के अन्य नेताओं द्वारा भगोड़ा भी कहा गया था। आजाद के मुताबिक आज मैं उन नेताओं से कहना चाहता हूं कि हमने इस पार्टी को जितना दिया है, उतना कभी हमें वापस नहीं मिला।
बीजेपी के प्रवक्ता होने के आरोप बचकाना
कांग्रेस के दिग्गज नेताओं ने जी-23 के गुट को बीजेपी का मुखौटा करार दे दिया था। ऐसे आरोप लगाने वालों को आजाद ने मूर्ख बताया है। आजाद ने कहा- अगर जी-23 बीजेपी का प्रवक्ता था तो उसे कांग्रेस ने सांसद क्यों बनाया? उन्हें सांसद, महासचिव और पदाधिकारी क्यों बनाया है? मैं अकेला हूं, जिसने पार्टी बनाई है। बाकी लोग तो अब भी वहीं हैं। बीजेपी के प्रवक्ता होने के आरोप बचकाना और बेबुनियाद हैं। इनका मकसद सिर्फ नफरत पैदा करना है।