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New Delhi. रक्षा मंत्रालय सेना के लिए अत्याधुनिक हथियारों और इक्विप्मेंट की खरीदी के लिए मंजूरी दे चुका है। तीनों सेनाओं के लिए 70 हजार 5 सौ करोड़ रुपयों के हथियार और साजोसामान खरीदे जाऐंगे। इस खरीद से तीनों सेनाओं की शक्ति बढ़ेगी। इन रक्षा सौदों में विभिन्न हथियारों के सिस्टम और कॉम्बैट व्हीकल के साथ-साथ ब्रम्होस मिसाइल की खरीद की जाएगी। रक्षा अधिग्रहण परिषद डीएसी ने सैन्य बलों और इंडियन कोस्ट गार्ड के लिए यह पूरी खरीद बाय यानि भारतीय आईडीडीएम कैटेगिरी के तहत करने का निर्णय लिया है। जानकारी के मुताबिक इसके जरिए आत्मनिर्भर भारत के कार्यक्रम को बढ़ावा देने की योजना है।
जानकारी के मुताबिक इन रक्षा सौदों के जरिए ब्रम्होस मिसाइल, शक्ति ईडब्ल्यू सिस्टम्स और नेवी के इस्तेमाल के लिए हेलिकॉप्टर के लिए 56 हजार करोड़ की खरीदी की जाएगी। लंबी दूरी की मारक क्षमता वाले हथिया, आर्टलरी गन सिस्टम और अन्य साजोसामान की भी खरीदी की जानी है। डिफेंस मिनिस्ट्री की ओर से बताया गया है कि वेस्टर्न और नॉर्दर्न फ्रंट पर नए हथियारों की जरूरत को सरकार ने महसूस किया है। यह भी बताया गया है कि इनमें से 99 फीसद हथियार भारत में ही बने होंगे।
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नौसेना की बढ़ेगी ताकत
रक्षा मंत्रालय के अनुसार, इन रक्षा सौदों में ज्यादातर भारतीय नौसेना के लिए ही किए गए हैं। मंत्रालय के मुताबिक, पूरे रक्षा सौदे में से 56000 करोड़ की खरीद सिर्फ भारतीय नौसेना के लिए की जाएगी। इसमें मुख्य रूप से भारत में ही बनी ब्रह्मोस मिसाइल, शक्ति इलेक्ट्रॉनिक वॉरफेयर सिस्टम्स, नौसेना में इस्तेमाल होने वाले हेलीकॉप्टर वगैरह की खरीद की जानी है। ब्रम्होस मिसाइल की खरीद से नौसेना की समुद्र में हमला करने की क्षमता में इजाफा होगा। वहीं, हेलीकॉप्टर की खरीद से सर्च एंड रेस्क्यू ऑपरेशन चलाने में मदद मिलेगी। इसी के साथ शक्ति ईडब्ल्यू सिस्टम्स के जरिये फ्रंटलाइन नौसेना के युद्धपोतों को काउंटर ऑपरेशन चलाने में मदद मिलेगी।
एयरफोर्स के लिए यह सौगात
डीएसी की ओर से रक्षा सौदों को दी गई मंजूरी के बाद भारतीय वायुसेना को लॉन्ग रेंज स्टैंडऑफ वेपन मिल जाऐंगे। जो पूरी तरह से भारत में डिजाइन, विकसित और निर्मित हैं। इसे सुखोई विमान पर लगाया जाएगा, इन हथियारों से वायुसेना को पश्चिमी और पूर्वी मोर्चे पर होने वाली हरकतों से निपटने में मदद मिलेगी।
आर्मी को यह मिलेगा
भारतीय थल सेना को इस रक्षा खरीद सौदों से आर्टिलरी गन मिलेगी। अब भारतीय सेना के तरकश में धनुष और के9 वज्र गन सिस्टम के साथ एटीएजीएस भी जुड़ जाएगा। इसके साथ ही इन्हें अलग-अलग जगहों पर पहुंचाने वाले वाहनों की खरीद को भी मंजूरी दी गई है। डीएसी ने इंडियन कोस्ट गार्ड के लिए एडवांस लाइट हेलीकॉप्टर की खरीद को मंजूरी दी है। ये हेलीकॉप्टर एचएएल ने बनाए हैं। यह हेलिकॉप्टर रात में भी ऑपरेशन चलाने वाले उपकरण लगे हुए हैं।