NEW DELHI. मिनिस्ट्री ऑफ इनेक्ट्रॉनिक्स और इंफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी ने ऑनलाइन गेमिंग को लेकर नियम जारी कर दिए हैं। अब ऑनलाइन गेमिंग फ्री नहीं रह गया है। कंपनी अगर ऑनलाइन गेमिंग शुरू करना चाहते हैं तो अब आपको सरकार से अनुमति लेनी होगी। अगर सरकार द्वारा नियुक्त इन सेल्फ रेगुलेटरी संगठन (SRO) को लगता है कि गेमिंग कंपनी किसी तरह का जुआ खिला रही है तो उसे परमिशन नहीं दी जाएगी। सरकार द्वारा ऑनलाइन गेमिंग को लेकर जारी नए नियमों में केवाईसी जरूरी कर दिया गया है, कहने का मतलब अब ऑनलाइन गैंबलिंग या कहें तो गेम खिलाने वाली कंपनी को यूजर्स का केवाईसी करना होगा।
आईटी राज्य मंत्री चंद्रशेखर ने दी जानकारी
आईटी राज्य मंत्री चंद्रशेखर ने बताया कि ऑनलाइन गेम की सेल्फ रेगुलेटरी संगठन (SRO) की तरफ से जांच की जाएगी। ऐसे ऑनलाइन गेम्स को ही मंजूरी दी जाएगी, जिनमें किसी प्रकार के दांव या बाजी लगाने का काम न हो रहा हो।
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मीडिया प्लेटफॉर्म पर विज्ञापन दिखाने पर होगी कार्रवाई
मीडिया में चल रहे सट्टेबाजी वाले विज्ञापन को लेकर सरकार ने कहा कि कानून के मुताबिक सट्टेबाजी और जुआ अवैध है। इसको बढ़ावा देने से बचें। सरकार का कहना है कि अगर कोई मीडिया प्लेटफॉर्म प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से सट्टेबाजी का विज्ञापन करता है तो उसे कानून का उल्लंघन माना जाएगा।
सट्टेबाजी प्लेटफॉर्मों के विज्ञापन गैरकानूनी
सूचना प्रौद्योगिकी नियम 2021 के अनुसार, मंत्रालय ने कहा है कि सट्टेबाजी प्लेटफॉर्मों के विज्ञापन एक गैरकानूनी गतिविधि है, जिसे डिजिटल मीडिया पर नहीं दिखाया जा सकता है। एडवाइजरी में यह भी कहा गया है कि मंत्रालय ने देखा है कि सट्टेबाजी के प्लेटफॉर्मों का प्रमोशनल कंटेंट और विज्ञापन अभी भी कुछ न्यूज प्लेटफॉर्मों और ओटीटी प्लेटफॉर्मों पर दिखाई दे रहे हैं। ऑनलाइन ऑफशोर सट्टेबाजी प्लेटफॉर्मों ने विज्ञापन करने के लिए एक सरोगेट प्रोडक्ट के रूप में न्यूज वेबसाइट्स का इस्तेमाल करना शुरू कर दिया है।
कंज्यूमर प्रोटेक्शन एक्ट 2019 के तहत हो सकती है कार्रवाई
सट्टेबाजी और जुआ भारत में अवैध हैं। कंज्यूमर प्रोटेक्शन एक्ट 2019 के तहत अगर कोई भ्रामक विज्ञापन दिखाता है तो उसे अपराध माना जाएगा। सट्टेबाजी के विज्ञापन भी भ्रामक होते हैं। इसी वजह से सट्टेबाजी और जुआ के विज्ञापन किसी भी प्लेटफॉर्म पर नहीं दिखाए जा सकते।