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16 जनवरी 2025 को केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने 8वें वेतन आयोग (8th Pay Commission) का ऐलान किया था। उन्होंने स्पष्ट कहा था कि जल्द ही चेयरमैन और दो सदस्यों की नियुक्ति होगी। अब 5 जुलाई 2025 तक सरकार की ओर से न तो कोई अधिसूचना आई, न ही नियुक्तियां हुईं। अब जनवरी 2026 में लागू होने वाले नए वेतन आयोग में केवल छह महीने बचे हैं, ऐसे में कर्मचारियों की चिंता बढ़ रही है।
कहीं दोहराया न जाए 7वें वेतन आयोग का इतिहास
7वें वेतन आयोग की घोषणा 25 सितंबर 2013 को हुई थी और उसका नोटिफिकेशन 156 दिन बाद 28 फरवरी 2014 को जारी किया गया था। अब जबकि 8वें वेतन आयोग के ऐलान को 160 दिन बीत चुके हैं। सरकारी कर्मचारी संगठनों की चिंता अब खुलकर सामने आने लगी है। JCM के सचिव शिव गोपाल मिश्रा ने कैबिनेट सचिव को पत्र लिखा है। उन्होंने वेतन आयोग को लेकर स्पष्ट दिशा-निर्देश और समयसीमा की मांग की है।
कहां तक पहुंची आठवें वेतन आयोग के गठन की प्रक्रिया
सरकार ने जनवरी 2025 में आठवां वेतन आयोग गठित करने की घोषणा की थी। इसके अध्यक्ष और सदस्यों की नियुक्ति की प्रक्रिया जारी है। आयोग के लिए टर्म ऑफ रेफरेंस (Terms of Reference) और संदर्भ शर्तों की रूपरेखा भी तैयार की जा रही है। उम्मीद है कि आयोग जल्द ही अपनी अनुशंसा रिपोर्ट सरकार को सौंपेगा। इसके बाद ही आयोग के अध्यक्ष और सदस्यों की नियुक्ति होगी।
कहां हो रही देरी
2025 का आधा साल गुजर चुका है, लेकिन अब तक न तो आयोग का गठन किया गया है और न ही इसकी रूपरेखा या टर्म्स ऑफ रेफरेंस (ToR) तय हुए हैं। ऐसे में यह आशंका गहराने लगी है कि केंद्र सरकार के कर्मचारियों को नया वेतनमान संभवत 2026 तक नहीं मिल सकेगा।
महंगाई भत्ते के लिए नया फॉर्मूला
इस बार फिटमेंट फैक्टर के मामले में कई अटकलें लगाई जा रही हैं। कर्मचारी संगठन अनुमान लगा रहे हैं कि फिटमेंट फैक्टर 2.86 के बजाय लगभग 1.90 से 1.95 के बीच रह सकता है। सरकार फिटमेंट को सीमित रखते हुए महंगाई भत्ते (Dearness Allowance) को समायोजित करने के लिए अलग से कोई नया फॉर्मूला भी ला सकती है। पिछले अनुभवों के आधार पर देखा गया है कि अधिकतर वृद्धि DA में ही समाहित हो जाती है।
फिटमेंट फैक्टर क्या है?
फिटमेंट फैक्टर मूल वेतन में बढ़ोतरी का आधार होता है। उदाहरण के तौर पर, यदि किसी कर्मचारी का मूल वेतन 20,000 रुपये है और फिटमेंट फैक्टर 2.86 है, तो वेतन बढ़कर 57,200 रुपये हो जाएगा। लेकिन सूत्र बताते हैं कि इस बार फिटमेंट फैक्टर 2.0 से कम रखा जा सकता है, क्योंकि सरकार महंगाई भत्ते को समायोजित करने के लिए अलग फॉर्मूला लागू कर सकती है।
पिछली वेतन आयोगों में फिटमेंट फैक्टर के आंकड़े
छठा वेतन आयोग (2006): फिटमेंट फैक्टर 1.86, मूल वेतन में लगभग 54% बढ़ोतरी। सातवां वेतन आयोग (2016): फिटमेंट फैक्टर 2.57, लेकिन वास्तविक वेतन वृद्धि मात्र 14.2% क्योंकि ज्यादातर बढ़ोतरी महंगाई भत्ते में समायोजित हुई।
आठवें वेतन आयोग की रिपोर्ट आने में लग सकता है अधिक समय
वेतन आयोग की रिपोर्ट तैयार होने में औसतन 18 से 26 महीने लग जाते हैं। उदाहरण के लिए, छठे वेतन आयोग की रिपोर्ट 18 महीने में आई थी जबकि सातवें वेतन आयोग की रिपोर्ट तैयार होने में करीब दो साल लगे थे। ऐसे में आठवें वेतन आयोग की रिपोर्ट संभवतः वर्ष 2027 तक लागू हो सकती है।
50 लाख कर्मचारियों को होगा लाभ
सरकारी कर्मचारियों के बीच 8वें वेतन आयोग को लेकर चर्चाएं जोरों पर हैं, लेकिन अभी तक इसे लागू करने की कोई आधिकारिक तारीख घोषित नहीं की गई है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, इसमें थोड़ी देरी संभव है और संभावना जताई जा रही है कि यह 1 अप्रैल 2026 से प्रभावी हो सकता है।
गौरतलब है कि भारत सरकार आमतौर पर हर 10 साल में एक नया वेतन आयोग गठित करती है। पिछला यानी 7वां वेतन आयोग दिसंबर 2025 में समाप्त हो जाएगा।
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5 आसान लाइन्स में पूरी खबर समझिए
गठन की प्रक्रिया चालू: आठवें वेतन आयोग की कार्य रूपरेखा और संदर्भ शर्तें तैयार हो रही हैं।
फिटमेंट फैक्टर मुख्य भूमिका में: सैलरी में बढ़ोतरी का पूरा दारोमदार इसी पर होगा।
महंगाई को देखते हुए नई रणनीति: सरकार DA और फिटमेंट में संतुलन लाने की तैयारी में।
पिछले आयोगों से तुलना जरूरी: 6वें में फायदा ज्यादा मिला, 7वें में DA में समाहित हुआ बढ़ोतरी।
2027 तक लग सकती है मुहर: गठन के बाद रिपोर्ट आने में 2 साल तक का समय लग सकता है।
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