NEW DELHI. शिपिंग कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड को बेचने के लिए अब सरकार वित्तीय बोली आमंत्रित करने की योजना बना रही है। सरकारी कंपनी शिपिंग कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया देश की तीसरी सबसे बड़ी शिपिंग कंपनी है। निजीकरण को लेकर आई इस खबर के बाद शिपिंग कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया के शेयरों में 5 फीसदी की तेजी आई है।
कोविड से अधर में थी प्रक्रिया
सरकार मई के मध्य तक एससीआईएल निजीकरण के लिए वित्तीय बोलियां आमंत्रित करने की योजना बना रही है। हालांकि, सरकार ने अभी इसे बारे में आधिकारिक रूप से कुछ भी नहीं कहा है। हालांकि, अंतिम निर्णय 14 अप्रैल को कैबिनेट सचिव की अध्यक्षता वाली एक समिति द्वारा लिया जाएगा। बता दें कि नवंबर 2019 में ही आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडिलीय समिति ने शिपिंग कॉरपोरेशन को बेचने की सैद्धांतिक मंजूरी दी थी। लेकिन कोरोना संकट की वजह से प्रक्रिया आगे नहीं बढ़ पाई थी।
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शेयरों लगा अपर सर्किट
शिपिंग कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया के शेयर मंगलवार को 4.94 की तेजी के साथ अपर सर्किट लगा है। आज इस कंपनी के शेयर 81 रुपए पर खुले हुए है। जो 84.95 रुपए के हाई तक पहुंचे हैं। मंगलवार को न्यूनतम 80.95 रुपए रहा है। पिछले पांच दिनों में एससीआईएल के शेयरों में 6.13 फीसदी की गिरावट आई है। वहीं, पिछले एक महीने में ये स्टॉक 33.35 फीसदी टूटा है। छह महीने में 28.52 फीसदी की गिरावट आई है और पिछले एक साल में ये शेयर 34.17 फीसदी फिसला है। हालांकि, पिछले पांच साल में शिपिंग कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया का स्टॉक 22.67 फीसदी चढ़ा है। इस स्टॉक का 52 वीक का हाई 151.40 रुपए रहा है और लो 79.20 रुपए है।
कब हुई थी स्थापना?
भारतीय नौवहन निगम लिमिटेड की स्थापना 2 अक्टूबर 1961 को हुई थी। 18 सितंबर 1992 को कंपनी का दर्जा 'प्राइवेट लिमिटेड' से बदलकर 'पब्लिक लिमिटेड' कर दिया गया। कंपनी को भारत सरकार ने 24 फरवरी 2000 को 'मिनी रत्न' का खिताब दिया था। केवल 19 जहाजों को लेकर एक लाइनर शिपिंग कंपनी की शुरुआत हुई थी और अब एससीआई के पास डीडब्ल्यूटी के 83 से ज्यादा जहाज हैं। कंपनी के पास टैंकर, बल्क कैरियर, लाइनर और ऑफशोर आपूर्ति उपलब्ध है।