NEW DELHI. टमाटर की महंगाई को देखते हुए केंद्र सरकार सतर्क हो गई है। सरकार ने मंगलवार (22 अगस्त) को महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश में बफर स्टॉक के लिए दो हजार 410 रुपए प्रति क्विंटल की दर से प्याज की खरीद शुरू कर दी है। ये कदम त्योहारी सीजन में बढ़ती हुई कीमत से लोगों को राहत देने के लिए और प्याज के निर्यात पर प्रतिबंध लगने के चलते किसानों के हितों की रक्षा के लिए उठाया गया है। ऐसे में आने वाले दिनों में प्याज महंगा होने की संभावना कम है।
निर्यात पर शुल्क बढ़ने से किसान हो गए परेशान
19 अगस्त को सरकार की ओर से प्याज के निर्यात पर 40 प्रतिशत की एक्पोर्ट ड्यूटी लगा दी गई थी। उनका मानना है कि इससे घरेलू बाजार में प्याज की उपलब्धता बढ़ जाएगी। सरकार के इस फैसले से किसानों को झटका लगा था। कीमतें घरेलू बाजार में कम होनी की संभावना बढ़ गईं थी। ऐसे में सरकार खुद खरीदी करने लग गई।
कुल दो लाख टन प्याज की खरीद करेगी सरकार
वाणिज्य और उपभोक्ता मामलों के केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने मंगलवार को मीडिया को बताया कि प्याज पर निर्यात शुल्क लगाते समय सरकार ने बफर स्टॉक के लिए दो लाख टन अतिरिक्त प्याज खरीदने का फैसला किया है। गोयल ने कहा कि सरकार न ये कदम किसानों की रक्षा के लिए उठाया गया है। इससे उन्हें बेहतर मिलेगी।
एमपी से कौन खरीद रहा प्याज
नेशनल को-ऑपरेटिव कंज्यूमर्स फेडरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (NCCF) और नेशनल एग्रीकल्चरल को-ऑपरेटिव मार्केटिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (NAFED) मध्यप्रदेश और महाराष्ट्र में किसानों से ब्याज की खरीद कर रहे हैं। इसके लिए कीमत 2 हजार 410 रुपए प्रति क्विंटल तय किया गया है। आगे उन्होंने कहा, पिछले साल भी प्याज की कीमतों में गिरावट हुई थी। सरकार की ओर से प्याज का बफर स्टॉक का लक्ष्य 2.5 लाख टन से बढ़ातर तीन लाख टन कर दिया गया था।
इधर नई फसल आने से कम होगाी महंगाई
वित्त मंत्रालय ने मंगलवार को कहा कि खाद्य पदार्थों में मुद्रास्फीति अस्थायी रहने की संभावना है। इसके लिए केंद्र सरकार कई कदम उठा रही है। खुदरा महंगाई जुलाई में 15 महीने के उच्चतम स्तर पर पहुंच गया। वैसे वैश्विक अनिश्चितता की वजह से आने वाले महीनों में मुद्रास्फीति की दर बढ़ सकती है। सरकार ने खाद्य मुद्रास्फीति को नियंत्रित करने के लिए पहले से ही एहतियाती कदम उठाए हैं। मंत्रालय ने कहा कि आने वाले कुछ महीने में घरेलू खपत और निवेश की मांग से विकास जारी रहने की उम्मीद है। चालू वित्त वर्ष में सरकार पूंजीगत व्यय के लिए बनाए गए प्रावधान से अब निजी निवेश में बढ़ोतरी कर रही है।
खुदरा मुद्रास्फीति दर की स्थिति
खुदरा महंगाई जुलाई में 15 महीने के उच्चतम स्तर पर पहुंच गया। जुलाई 2023 में यह 7.44 फीसदी था। पिछले महीने कुछ खाद्य वस्तुओं की कीमतों में बढ़ोतरी हुई है, वहीं मुख्य मुद्रास्फीति 39 माह के निचले स्तर 4.9% पर रही।
अनाज, दालों और सब्जियों पर क्या रहा असर
अनाज, दालों और सब्जियों में जुलाई में पिछले वर्ष की इसी अवधि की तुलना में ज्यादा वृद्धि देखने को मिली है। घरेलू उत्पाद की कीमतों में बढ़ोतरी ने भी मुद्रास्फीति को बढ़ा दिया है। कर्नाटक के कोलार जिले में सफेद मक्खी रोग के कारण टमाटर की आपूर्ति श्रृंखला में रुकावट आई है। उत्तर भारत में मानसून के कारण भी टमाटर की कीमतों में उछाल आया है। खरीफ सीजन 2022-23 में तुअर दाल के कम उत्पादन की वजह से इनकी कीमतों में तेजी आई है।
अगले महीने टमाटर और सस्ते होंगे
अगस्त के अंत या सितंबर की शुरुआत में टमाटर के नए स्टॉक आ जाएंगे। ऐसे में टमाटर की कीमतों में गिरावट की संभावना है। इसके अलावा अरहर दाल के आयात में बढ़ोतरी से दालों की महंगाई में भी कमी आने की उम्मीद है। सरकार के इस कदम से जल्द ही टमाटर की कीमतों के साथ बाकी वस्तुओं की कीमतों में भी नरमी देखने को मिल सकती है।