Bangalore. कर्नाटक चुनाव में कांग्रेस ने जिन चुनावी वादों को जनता से किया था, उन्हें पूरा करने में सरकार का खजाना खाली हो चुका है। राज्य के उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार ने इस बाबत बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि इस साल कर्नाटक में विकास के ज्यादा काम नहीं हो पाएंगे, क्योंकि सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता पार्टी द्वारा जारी किए गए 5 सूत्रीय गारंटियों को लागू करना है, जिसके चलते खजाना खाली हो चुका है। दूसरी तरफ शिवकुमार ने विधायकों में सरकार के प्रति बढ़ रही नाराजगी की खबरों का खंडन भी किया है। बता दें कि कर्नाटक में नई सरकार बने अभी 3 माह का समय ही हो पाया है।
काम न होने से विधायक नाराज
बता दें कि कांग्रेस के 11 विधायकों ने सीएम सिद्धारमैया को चिट्ठी लिखकर यह शिकायत की थी कि वे मंत्रियों को अपने विधानसभा क्षेत्रों के विकास कार्यों को लेकर खत लिख चुके हैं, लेकिन मंत्री हैं कि कोई जवाब ही नहीं दे रहे। विधायकों ने सीएम को लिखे खत में अपने क्षेत्रों में विकास कार्यों के लिए फंड आवंटित न किए जाने का दावा किया और नाराजगी जाहिर की है।
डी के शिवकुमार ने चिट्ठी को ही बता दिया फर्जी
इधर सीएम को लिखे गए शिकायती पत्र को उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार फर्जी बता रहे हैं। उन्होंने कहा कि कांग्रेस सरकार के पास नई विकास परियोजनाओं के लिए पैसा नहीं है, सरकार को अपने 5 चुनावी वादों को पूरा करने की प्राथमिकता देनी है। शिवकुमार ने कहा कि पत्र फर्जी है क्योंकि विधायकों को इस बारे में पहले ही बताया जा चुका है, बजट भाषण में भी विधायकों को धैर्य रखने की सलाह दी थी।
चिट्ठी को फर्जी बताने पर यह तर्क
डीके शिवकुमार ने कहा कि 11 विधायकों का वह शिकायती पत्र फर्जी था, कोई भी रैंडम लेटर पैड का उपयोग नहीं कर सकता, साथ ही उसमें इस तरह के शब्दों का प्रयोग कोई विधायक नहीं कर सकता। हमें शेष वित्तीय वर्ष के लिए 40 हजार करोड़ रुपए रिजर्व रखने होंगे, ऐसे में इस साल नई परियोजनाओं के लिए फंड नहीं दिया जा सकता।