New Delhi. राहुल गांधी को सुप्रीम कोर्ट से राहत मिलते ही अब सियासी ऊंट नई करवट बैठने को बैताब नजर आ रहा है। किसी को इससे ऊर्जा मिली है तो कोई इसे चुनौती के रूप में देख रहा है। इसके पीछे वजह है 2024 के लोकसभा चुनाव का महासंग्राम। संसद में राहुल गांधी की वापसी का रास्ता साफ होते ही 2024 के महासमर के लिए मोदी बनाम राहुल की जमीन तैयार हो गई है। सुप्रीम कोर्ट के फैसले से न सिर्फ संसद में राहुल गांधी की वापसी होगी, बल्कि लोकसभा चुनाव लड़ने का रास्ता भी लगभग साफ सा हो गया है। विपक्षी गठबंधन इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इन्क्लूसिव अलायंस (I.N.D.I.A.) ने भले ही प्रधानमंत्री के चेहरे के बिना लोकसभा चुनाव में उतरने का एलान किया हो, लेकिन बीजेपी के वरिष्ठ नेताओं का मानना है कि विपक्ष के सबसे बड़े चेहरे के रूप में जनता के बीच राहुल गांधी ही प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के सामने खड़े होंगे।
बीजेपी का मानना : लोकप्रियता के मामले में अब भी राहुल से बहुत आगे हैं मोदी
मोदी बनाम राहुल गांधी की लड़ाई को बीजेपी अपने लिए अनुकूल मानती है। 2019 का मुकाबला मोदी बनाम राहुल का हो चुका है, जिसमें कांग्रेस को भारी शिकस्त का सामना करना पड़ा था। बीजेपी मानती है कि मोदी लोकप्रियता के मामले में अब भी राहुल से बहुत आगे हैं और 2024 के महामुकाबले में एक फिर भारी पड़ सकते हैं।
तब शाह बोले थे... 2024 के चुनाव में राहुल को प्रधानमंत्री बनाना चाहता है विपक्ष
पिछले दिनों केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने राजस्थान की एक रैली में साफ-साफ कहा कि विपक्ष 2024 के चुनाव में राहुल गांधी को प्रधानमंत्री बनाना चाहता है। शाह का सीधे तौर पर राहुल गांधी को विपक्ष के प्रधानमंत्री के चेहरे के रूप में पेश करना इसी रणनीति का हिस्सा है।
कांग्रेस मोदी बनाम राहुल करने से बचने की कोशिश में
कांग्रेस 2024 के चुनाव को सीधे-सीधे मोदी बनाम राहुल करने से बचने की कोशिश कर रही है। विपक्षी गठबंधन लगातार लोकसभा चुनाव के बाद प्रधानमंत्री का फैसला लेने की बात कह रहा है। लेकिन भारत जोड़ो यात्रा से राहुल गांधी की छवि बदलने में काफी सफलता मिली है। जनता के बीच उनकी स्वीकार्यता भी बढ़ी है।
गठबंधन का सबसे बड़ा चेहरा होंगे राहुल!
I.N.D.I.A. की ओर से भले ही राहुल गांधी को प्रधानमंत्री के चेहरे के रूप में औपचारिक रूप से पेश नहीं किया गया हो, लेकिन गठबंधन का वह सबसे बड़ा चेहरा होंगे इसमें कोई संदेह नहीं है। बेंगलुरु की बैठक में यह साफ-साफ दिख भी गया। भाजपा के एक वरिष्ठ नेता के अनुसार औपचारिक एलान के बिना भी चुनाव प्रचार के दौरान जनता के सामने मोदी के खिलाफ राहुल का ही चेहरा रहेगा।
मुंबई में 31 अगस्त और एक सितंबर को होगी I.N.D.I.A. की बैठक
विपक्षी गठबंधन I.N.D.I.A. की अगली बैठक के लिए तारीख और स्थान को लेकर सहमति बन चुकी है। यह तीसरी बैठक मुंबई के पवई में 31 अगस्त और एक सितंबर को प्रस्तावित है। 26 दलों के नेताओं का यह जुटान काफी महत्वपूर्ण होगा, क्योंकि इसमें I.N.D.I.A. समन्वयक के चयन से लेकर लोकसभा चुनाव 2024 के अभियान को संचालित करते हुए समन्वय के लिए समितियों का गठन भी संभावित है। इसमें राहुल गांधी को लेकर कोई बड़ा निर्णय लिया जा सकता है।
कौन करेगा बैठक की मेजबानी?
मुंबई के पवई में इस बैठक की मेजबानी महाराष्ट्र के महाविकास अघाड़ी गठबंधन में शामिल शिवसेना (उद्धव गुट) और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरद पवार गुट) द्वारा कांग्रेस के सहयोग से की जाएगी। इस दो दिवसीय बैठक का स्वरूप भी बेंगलुरू बैठक जैसा होगा। पहले दिन नेताओं की औपचारिक भेंट-वार्ता होगी और अगले दिन एजेंडे पर बैठक होगी। बैठक में I.N.D.I.A. समन्वयक का चयन और 11 सदस्यीय समन्वय समिति के गठन सहित चुनाव अभियान संचालन के लिए संयुक्त सचिवालय स्थापित करने पर भी निर्णय किया जा सकता है।