भारत में जीएसटी (वस्तु एवं सेवा कर) का कलेक्शन मुख्य रूप से आम आदमी द्वारा अपनी रोजमर्रा की जरूरतों पर किए जाने वाले खर्च से आता है। लोकसभा में वित्त मंत्रालय द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार, कुल जीएसटी कलेक्शन में 18 प्रतिशत स्लैब का योगदान लगभग 75 प्रतिशत है। इस स्लैब के तहत आने वाली वस्तुओं में हेयर ऑयल, टूथपेस्ट, आइसक्रीम, पास्ता, रेस्टोरेंट में खाना और 100 रुपए से कम की सिनेमा के टिकट शामिल हैं। इन वस्तुओं पर आम आदमी की ओर से अधिक खर्च किया जाता है, जिससे कुल जीएसटी कलेक्शन में इनका योगदान काफी बढ़ जाता है।
इसके अलावा, 12 फीसदी स्लैब का योगदान केवल 5-6% के बीच ही है। इस स्लैब के तहत घी, प्रोसेस्ड फूड, मोबाइल, पैकेज्ड नारियल पानी और फ्रूट जूस जैसी वस्तुएं आती हैं। वित्त मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, बीते वित्त वर्ष के अंत तक देश में औसत जीएसटी रेट घटकर 11.6% पर आ गया है, जो पिछले वर्षों के मुकाबले एक महत्वपूर्ण कमी है।
इन चीजों पर बढ़ेगी दाम
जानकारी के अनुसार, सोमवार को गठित मंत्री-समूह ने जीएसटी (वस्तु एवं सेवा कर) दरों को तर्कसंगत बनाने के लिए मौजूदा 28% जीएसटी दर को बढ़ाकर 35% करने की सिफारिश की है। इससे कुछ वस्तुओं पर टैक्स दर बढ़ने की संभावना है, जिसमें कोल्ड ड्रिंक, सिगरेट, और तंबाकू जैसी चीजें शामिल हैं। इस प्रस्तावित बदलाव को अंतिम रूप से 21 दिसंबर को होने वाली GST परिषद की बैठक में तय किया जाएगा। अगर यह बदलाव लागू होता है, तो कुछ उत्पादों की कीमतों में वृद्धि हो सकती है, विशेष रूप से कपड़े, सिगरेट और कोल्ड ड्रिंक की कीमतें बढ़ सकती हैं।
लग्जरी प्रोडक्ट्स पर बढ़ेगी जीएसटी
इसके अलावा कई लग्जरी चीजों पर भी दाम बढ़ सकते हैं। लक्जरी प्रोडक्ट्स और 15 हजार रुपए से अधिक कीमत वाले जूतों पर 28% जीएसटी लगाने का सुझाव दिया गया है। मौजूदा समय में इन वस्तुओं पर 18% जीएसटी लगता है। इसके साथ ही, 10 हजार रुपए से कम की साइकिल और एक्सरसाइज बुक्स पर 12% की दर को घटाकर 5 फीसदी करने का प्रस्ताव किया गया है। इस प्रस्ताव पर 21 दिसंबर को जीएसटी काउंसिल की बैठक में चर्चा हो सकती है।
17 क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंजों के खिलाफ हुई जांच
वहीं जीएसटी चोरी की बढ़ती घटनाओं को लेकर भी सरकार सजग है। लोकसभा में दी गई जानकारी के अनुसार, देश में जीएसटी चोरी के मामलों में अब तक 17 क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंजों के खिलाफ जांच की जा चुकी है। इन मामलों में कुल 824 करोड़ रुपए की टैक्स चोरी का पता चला है। इसमें से सबसे बड़ी टैक्स चोरी नेस्ट सर्विसेज लिमिटेड से जुड़ी हुई है, जिस पर 700 करोड़ रुपए से अधिक की टैक्स चोरी का आरोप है।
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