लखनऊ. केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) की अगुवाई में गुड्स एंड सर्विस टैक्स (GST) काउंसिल की 45वीं बैठक हुई। निर्मला सीतारमण ने प्रेस कान्फ्रेंस करके बैठक में हुए फैसलों की जानकारी देगी। उन्होंने बताया कि बैठक में कुछ सदस्यों ने पेट्रोल और डीजल (Petrol and Diesel) को जीएसटी (GST) के दायरे में लाने के प्रस्ताव का विरोध किया है। इसके बाद काउंसिल को लगा कि यह पेट्रोल और डीजल को जीएसटी में लाने का सही समय नहीं है।
इन वस्तुओं पर मिलेगी छूट
1. कोरोना से जुड़ी दवाओं पर जीएसटी छूट 31 दिंसबर 2021 तक जारी रहेगी।
2. बैठक में कोविड की वैक्सीन पर 5 फीसदी GST को जारी रखने का फैसला किया गया है।
3. बायोडीजल पर जीएसटी 12 फीसदी से घटाकर 5 फीसदी कर दिया गया है।
4. आयरन, कॉपर, जिंक और एल्यूमीनियम पर GST बढ़ा दी गई है।
5. हैंड सेनिटाइजर पर टैक्स 18 फीसदी से घटाकर 5 फीसदी किया गया।
6. कैंसर संबंधी ड्रग्स जैसे कीट्रूडा पर जीएसटी की दर 12% से घटाकर 5% की गई है।
7. एम्फोटेरिसिन-बी और टोसीलिजुमैब पर जीएसटी नहीं लगेगा। रेमडेसिविर और हेपरिन पर 5% जीएसटी लगेगा। ये छूट 31 दिसंबर 2021 तक जारी रहेगी।
फूड डिलेवरी पर नया टैक्स नहीं
जोमैटो (Zomato) और स्विगी (Swiggy) जैसी फूड डिलीवरी कंपनियों पर जीएसटी लगाने के बारे में सीतारमण ने कहा कि इन पर कोई नया टैक्स नहीं है। काउंसिल ने साथ ही रेलवे पार्ट और लोकोमोटिव्स पर जीएसटी की दर 12 फीसदी से बढ़ाकर 18 फीसदी करने का फैसला किया है। जीएसटी काउंसिल ने गुड्स कैरीज के लिए राज्यों द्वारा ली जाने वाली नैशनल परमिट फीस में छूट देने का फैसला किया है।
राज्यों ने किया पेट्रोल-डीजल पर टैक्स का विरोध
जीएसटी काउंसिल की बैठक में उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, कर्नाटक, झारखंड, छत्तीसगढ़, केरल समेत ज्यादातर राज्यों ने पेट्रोल और डीजल को GST के दायरे से रखने की बात की। जिसके बाद सरकार ने इसे जीएसटी के दायरे में लाने का कोई फैसला नहीं लिया है। लेकिन वित्त मंत्री ने साफतौर पर कहा है कि पेट्रोल और डीजल को जीएसटी में लाने का यह सही समय नहीं है। अगर पेट्रोल और डीजल को GST के दायरे में आता तो पेट्रोल 28 रुपए और डीजल 25 रुपए तक सस्ता हो जाता।