AHMEDABAD. गुजरात के मोरबी में 30 अक्टूबर की शाम बड़ा हादसा हो गया। यहां मच्छु नदी में बना केबल ब्रिज अचानक टूट जाने से कई लोग (करीब 400) नदी में गिर गए। मोरबी सिविल अस्पताल से मिली जानकारी के मुताबिक, हादसे में मरने वालों की संख्या 141 पहुंच गई है। घायलों की संख्या 70 बताई जा रही है। 50 लोग अब भी लापता हैं। बचे हुए लोगों को नदी से निकालने के लिए रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया जा रहा है। यह पुल रेनोवेशन के बाद हाल ही में शुरू किया गया था।
अब तक 175 से ज्यादा लोगों को रेस्क्यू किया जा चुका है। हादसे में राजकोट से बीजेपी सांसद मोहनभाई कल्याणजी कुंदारिया के 12 रिश्तेदारों की भी इस हादसे में मौत हो गई। मोरबी हादसे को लेकर रखरखाव करने वाली एजेंसी के खिलाफ 304, 308 और 114 के तहत क्रिमिनल केस दर्ज किया गया है। वहीं, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मोरबी पुल हादसे के मद्देनजर 31 अक्टूबर को अहमदाबाद में होने वाले अपने रोड शो को रद्द करने का फैसला किया है।
ओरेवा ग्रुप के पास है रखरखाव की जिम्मेदारी
मोरबी पर बने इस अंग्रेजों के जमाने के ब्रिज के रखरखाव की जिम्मेदारी वर्तमान में ओधवजी पटेल के स्वामित्व वाले ओरेवा ग्रुप के पास है। पहले इस पुल का पूरा रख-रखाव नगर निगम के पास था। बाद में इसके लिए एक ट्रस्ट बनाया गया। इसी ट्रस्ट ने कुछ समय पहले टेंडर के जरिए इसके पुनर्निर्माण और रखरखाव के ठेके को लेकर ओरेवा कंपनी के साथ एग्रीमेंट किया था। इसके बाद इस ग्रुप ने मार्च 2022 से मार्च 2037 यानी 15 साल के लिए इस पुल के रखरखाव, सफाई, सुरक्षा और टोल वसूलने जैसी सारी जिम्मेदारी ले ली थी।
पुल की क्षमता 100 लोगों की, 400 लोगों की मौजूदगी पर सवाल?
जानकारी के मुताबिक, इस पुल की क्षमता करीब 100 लोगों की ही है। पुल पर आने के लिए करीब 15 रुपये की फीस भी लगती है। ऐसे में कहा जा रहा है कि दिवाली के बाद वाले वीकेंड पर कमाई के लालच में इस पुल को बिना फिटनेस जांच के ही खोल दिया गया। चश्मदीदों ने बताया कि घटना के वक्त करीब 400 से 500 लोग पुल पर थे। ऐसे में भारी भीड़ का बोझ पुल सह नहीं पाया और टूट गया।
मरम्मत के बाद नगरपालिका ने नहीं जारी किया था फिटनेस सर्टिफिकेट
इस सस्पेंशन ब्रिज को एक निजी फर्म द्वारा सात महीने के मरम्मत कार्य के बाद दीवाली के अगले दिन जनता के लिए फिर से खोल दिया गया था। मोरबी नगर पालिका के अधिकारी ने संदीप सिंह जाला ने बताया कि नवीकरण कार्य पूरा होने के बाद इसे जनता के लिए खोल दिया गया था, लेकिन स्थानीय नगरपालिका ने अभी तक (रेनोवेशन के बाद) कोई फिटनेस सर्टिफिकेट जारी नहीं किया था।
एनडीआरएफ, एसडीआरएफ और एयरफोर्स ने रेस्क्यू का मोर्चा संभाला
रेस्क्यू ऑपरेशन में स्थानीय लोग भी पुलिस और प्रशासन की मदद कर रहे हैं। NDRF और SDRF की तीन-तीन टीमें रेस्क्यू ऑपरेशन में शामिल हैं। हादसे की भयावहता को देखते हुए इंडियन एयरफोर्स (IAF) ने गरुड़ कमांडो की टीम पहुंचाई है। हादसे पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुजराती में ट्वीट कर शोक जताया। प्रधानमंत्री ने कहा कि गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल और अन्य अधिकारियों से बात की है। बचाव और राहत कार्य जोरों पर है। इस घटना से प्रभावित लोगों की हरसंभव मदद की जाएगी।
दिग्विजय ने हादसे पर मोदी-शाह पर निशाना साधा
मोरबी ब्रिज हादसे पर दिग्विजय सिंह ने कई ट्वीट किए और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी-गृह मंत्री अमित शाह पर निशाना साधा। लिखा- मोदी जी मोरबी के पुल की दुर्घटना Act of God है या Act of Fraud है? 6 महीनों से पुल की मरम्मत हो रही थी, कितना खर्च आया? 5 दिन में गिर गया। 27 साल से बीजेपी की सरकार है, यही आपका Development Model है? इसी साल जुलाई में कच्छ जिले के ग्राम बिदड़ा में नर्मदा नहर पहले दिन की टेस्टिंग में ही टूट गई। भुज शहर का ओवरब्रिज जो 8-9 वर्षों से बन रहा था, उसका उद्घाटन इसी साल हुआ और उसमें फिर से मरम्मत करानी पड़ी। मुझे बताया गया है कि पूरे गुजरात में मोदी-शाह जी के चहेते ठेकेदारों को ही ठेका मिलता है। काम पूरा हो या ना हो, पेमेंट पूरा होता है। राज्य सरकार ने इस हादसे की जिम्मेदारी ली है। 5 दिन पहले ही उसकी मरम्मत का काम पूरा हुआ था। सरकार को जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कार्रवाई करना चाहिए।
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